RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
विशाल के जाने के बाद राज सोच मे पड़ गया…विशाल की कही बातें राज को जिंजोड़ कर रख गयी थी………
राज का दिल बेचैन हो गया, वो उठ कर अपने रूम मे आ गया, और बेड पर लेट गया….पर उसके मन मे तूफान सा उठ रहा था, फिर वो हवेली के बाहर आकर अपनी कार मे बैठा , और खेतो की ओर चल दिया….राज के दिल मे सारा दिन विशाल की कही हुई बातें घूम रही थी….जब राज शाम को घर वापिस आया तो, वो नशे मे एक दम धुत था…बाहर बारिश शुरू हो गयी थी…हरिया ने राज को देखते ही, टेबल पर खाना लगाना चालू कर दिया…
राज अपने रूम मे कपड़े चेंज करने लगा…..उसके दिमाग़ की नसे विशाल की बातों के बारे मे सोच- 2 कर फटने को थी…यूँ तो वो पहले भी अकेला पन महसूस करता था…पर जब डॉली और साहिल यहाँ से चले गये थे…राज अपने आप को और भी तन्हा महसूस करने लगा था. और आज विशाल की बातों ने राज के जख़्मो को हरा कर दिया था…..
राज कपड़े चेंज करके जैसे ही बाहर आया तो उसने देखा रोमा बाहर डाइनिंग टेबल पर खाना लगा रही है…जब उसने हरिया को आस पास नही देखा, तो उसने रोमा से हरिया के बारे मे पूछा…
रोमा: बाबू जी आज हरया काका की तबीयत कुछ खराब थी, इसीलिए वो पीछे अपने कमरे मे चले गये हैं…
राज : तो ठीक है, तुम आज यहीं सो जाओ….वो उस कमरे मे हरिया सोता है..( कमरे की तरफ इशारा करते हुए)
रोमा: जी बाबू जी….
राज का मन खाना खाने का भी नही था….उसने हाल के मेन डोर की चाबी रोमा को दी, और कहा..
राज : ये लो….डोर बंद कर दो….मुझ अभी भूक नही है….
रोमा थोड़ा अहसहज महसूस कर रही थी….वो राज के साथ अकेली हवेली के अंदर बंद होने जा रही थी…वो चाबी लेकर बाहर डोर पर आई…..वो अपनी साड़ी बदलना चाहती थी…पर बाहर जोरों के बारिश हो रही थी…इसीलिए उसने अपना इरादा बदल दिया.. दरअसल जो ब्लाउस उसने पहना हुआ था, वो उसे बहुत टाइट लग रहा था….
रोमा ने डोर लॉक किया, और वापिस अंदर आ गयी…राज वहाँ पर नही था…वो अपने रूम मे जा चुका था…रोमा ने बर्तन टेबल पर से हटाए…और किचिन मे रख दिए…और फिर जो रूम राज ने बताया था….उस रूम मे चली गयी…वहाँ एक छोटे से टेबल पर एक बिस्तर पड़ा हुआ था….
रोमा ने बिस्तर को ज़मीन पर लगा दिया….और डोर को भिड़ा कर बिस्तर पर लेट गयी…पर तंग ब्लाउस के कारण उसे नींद नही आ रही थी…उसने सोने की बहुत कॉसिश की..पर जब उसे नींद नही आई तो, उसने अपना ब्लाउस खोल दिया, और अपनी साड़ी के पल्लू को अपनी चुचियों पर लापेट लिया…..
रोमा फिर से लेट गयी….अभी उसे लेटे हुए एक दो मिनट ही हुए थे…कि अचानक से रूम की लाइट ऑन हो गयी….रोमा एक दम से घबरा गयी….वो जल्दी से उठ कर खड़ी हो गयी. जब उसने डोर की तरफ देखा, तो सामने राज खड़ा था…
उसकी तनी हुई मोटी चुचियाँ डर के मारे तेज़ी से साँस लेने से साड़ी के पल्लू के अंदर ऊपेर नीचे हो रही थी….अपनी हालत देख कर वो एक दम से सकपका गयी…
राज : (नशे के कारण लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) वो मुझ डोर की चाबी दो…मेरी कार मे मेरी वाइन की बॉटल रह गयी है….मुझ वो लानी है…
रोमा ने घबराते हुए, चाबी को बिस्तर से उठा कर राज की तरफ बढ़ा दिया…राज ने रोमा के हाथ से चाबी ली, और बिना रोमा की ओर देखे हुए, बाहर चला गया…जैसे ही राज रूम के बाहर गया….रोमा डोर पर आकर राज को देखने लगी…राज लड़खड़ाता हुआ डोर क तरफ जा रहा था…
अचानक रोमा को ध्यान आया कि, बाहर तेज बारिश हो रही है….और बाबू जी नशे मे है. अगर गीले फर्श पर उनका पैर फिसल गया तो, उन्हे चोट भी लग सकती है….रोमा जल्दी से बाहर आ गयी…और राज को आवाज़ देकर रोक लिया…
रोमा: (राज को पीछे से आवाज़ लगाते हुए) बाबू जी रुकिये मे ला देती हूँ….बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है….
राज : (पीछे मूड कर रोमा की ओर देखते हुए) हूँ…ये लो तुम ही ले आओ…
राज ने कार और डोर दोनो की चाबियाँ रोमा को पकड़ा दी….और खुद अपने रूम मे चला गया…हवेली का हाल बहुत बड़ा था…पूरे हाल मे इस टाइम एक ही लाइट जल रही थी…जिससे हल्का अंधैरा सा बना हुआ था…रोमा ने डोर खोला तो बारिश की फुहार उसके फेस पर गिरने लगी….
रोमा ने बाहर देखा…बाहर जोरों से बारिश लगी हुई थी…वो जल्दी से बाहर गयी. और कार खोल कर अंदर पड़ी वाइन की बॉटल निकाल ली…रोमा कुछ ही पलों मे एक दम भीग गयी थी…उसकी साड़ी भीग कर उसकी चुचियों पर चिपक गयी थी..हल्के क्रीम कलर की साड़ी के पल्लू मे से उसकी चुचियाँ सॉफ झलक रही थी….
यहाँ तक कि उसके ब्राउन कलर के निपल्स भी उसकी साड़ी के पल्लू से झाँक रहे थे… पर रोमा को जल्दबाज़ी मे अपनी हालत का पता नही चला…वो तेज़ी से अंदर आई…और डोर को लॉक करके राज के रूम की तरफ जाने लगी…जब उसने डोर नॉक किया तो, राज ने उसने अंदर आने को कहा….वो एक दम भीगी हुई थी….उसके जिस्म की खूबसूरती उसके बदन से चिपकी हुई साड़ी से झलक रही थी…..
जैसे ही रोमा रूम के अंदर आई…उसकी साँसें एक दम थम गयी…गर्मियों की ये पहली बारिश थी…राज अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर मे खड़ा था..जब उसने मूड कर रोमा की तरफ देखा…तो उसकी आँखे रोमा की चुचियों पर जा अटकी… पर रोमा का ध्यान वहाँ नही गया….
राज : (ऐसे ही अंडरवेर मे सोफे बैठते हुए) लाओ यहाँ पर रख दो…
रोमा ने आगे बढ़ कर बॉटल को टेबल पर रख दिया..और मूड कर जाने लगी…राज पीछे से रोमा के चुतड़ों को देख रहा था…उसकी साड़ी और पेटिकॉट उसकी गान्ड से चिपका हुआ था….राज ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया….रोमा मूड कर टेबल के सामने आकर खड़ी हो गयी…
|