RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज टेबल के दूसरी तरफ सोफे पर बैठा हुआ था….उसने रोमा को नीचे बैठ कर वाइन को ग्लास मे डालने के लिए कहा….रोमा राज के सामने टेबल की दूसरी तरफ बैठ गयी..और ग्लास मे वाइन डालने लगी…..राज की नज़रे रोमा के झलक रहे ब्राउन कलर्स के निपल्स पर अटकी हुई थी…
अचानक से रोमा का ध्यान राज की ओर गया…जो अपनी नशीले आँखों से उसकी चुचियों को घूर रहा था…जब उसने अपनी चुचियों की तरफ देखा….तो वो एक दम से घबरा गयी….उसकी चुचियों के निपल्स भीगे होने के कारण एक दम तने हुए थे…और सॉफ दिखाई दे रहे थे….रोमा एक दम से घबरा गयी…उसने जल्दी से एक पेग बनाया, और खड़ी हो गयी….
रोमा: (घबराते हुए) बाबू जी अब मे जाउ…. (उसने अपनी बाहों से अपनी चुचियों को ढक लिया…
राज : रूको….क्या हुआ कुछ काम है..
राज ने पेग ख़तम किया, और खड़ा हो गया….उसका लंड उसके अंडरवेर को सामने से फुलाए हुए था…ये देख कर रोमा ने अपने सर को झुका लिया…उसका दिल जोरों से धड़कने लगा…राज के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…और वो उठ कर बाथरूम की तरफ चला गया….
थोड़ी देर बाद उसने रोमा को बाथरूम से आवाज़ दी…और उसे बाथरूम मे बुला लिया… राज की आवाज़ सुन कर उसके हाथ पैर काँपने लगे… पर वो राज की बात का टाल भी नही सकती थी….वो काँपते हुए कदमों से बाथरूम की तरफ जाने लगी… उसका दिल जोरो से धड़क रहा था…बाथरूम का डोर खुला था…जैसे ही वो बाथरूम के डोर के सामने आई तो, उसने देखा कि, राज शवर के नीचे खड़ा नहा रहा है…
उसकी पीठ रोमा की तरफ थी…राज ने फेस घुमा कर रोमा की तरफ देखा.. रोमा अपनी बाहों मे अपनी जवानी को छुपाए हुए खड़ी थी…राज ने फेस को फिर से आगे कर लिया….और कड़क आवाज़ मे बोला….
राज : मेरी पीठ को रगड़ दो….
ये सुनते ही रोमा के दिल की धड़कन बंद हो गयी….जैसे उसने कोई साँप देख लिया हो.. राज ने फिर से गुस्से से कहा…अब रोमा रुक नही सकती थी…वो आगे बढ़ कर बाथरूम मे घुस गयी…और अपने एक हाथ को अपनी चुचियों से हटा कर, राज की पीठ को रगड़ने लगी…
राज का चौड़ा और गठीला बदन देख कर रोमा भी एक पल के लिए मंत्र मुग्ध हो गये…पर अगले ही पल एक अंजाना सा डर उसके दिल मे घर कर गया…
राज : क्या हुआ….दूसरा हाथ टूटा हुआ है क्या….
रोमा: (एक दम से हड़बड़ाते हुए) जी क्या बाबू जी नही…..
राज : फिर दूसरे हाथ से भी रागडो
रोमा ने डरते हुए, अपना दूसरा हाथ भी अपनी चुचियों से हटा लिया…शवर का पानी राज की पीठ पर गिर कर रोमा की चुचियों को भिगोने लगा…उसकी साड़ी और गीली होने लगी…रोमा मन ही मन यही दुआ कर रही थी, कि राज उसकी तरफ ना घूमे. पर राज के मन की बात को समझते हुए भी…वो कुछ नही कर पा रही थी..और अपने दोनो हाथों से राज की पीठ को रगड़ रही थी….
फिर राज ने वो किया…जिसका रोमा को डर था…राज उसकी तरफ घूम गया… रोमा एक दम से चोंक पड़ी…उसने अपने हाथों को हटा लिया…और अपनी चुचियों पर रखने लगी…पर राज ने उसके हाथों को पकड़ लिया….और होंठो पर वासना से भरी मुस्कान लाते हुए बोला..
राज : अब ज़रा मेरी छाती को भी रगड़ कर सॉफ कर दो….
रोमा ने अपना सर नीचे झुका रखा था…उसका दिल ये सोच कर जोरों से धड़कने लगा कि, बाबू जी उसकी चुचियों को देख रहे है…वो अपनी इस हालत पर खुद को लाचार महसूस कर रही थी….राज ने उसके दोनो हाथों को पकड़ कर अपनी चैस्ट पर रख लिया…
राज : (रोमा के तने हुए निपल्स को देखते हुए) अब जल्दी कर क्या सोच रही हैं…
रोमा ने डरते हुए, अपने कांप रहे हाथों से राज की चैस्ट को मलना चालू कर दिया…रोमा राज से फाँसला बनाए खड़ी थी….पर राज रोमा के बदन को पास से महसूस करना चाहता था, उसने रोमा की कमर को दोनो हाथों से थाम कर एक झटके मे अपनी तरफ खैंच लिया….रोमा एक दम से सकपका गयी…उसकी चुचियाँ राज की चौड़ी छाती मे आकर धँस गयी….उसने अपने फेस को झुका लिया…उसके हाथ वहीं थम गये…राज के हाथ उसकी कमर से होते हुए, उसके चुतड़ों पर आ गये…
और राज ने अपने बड़ी-2 हथेलियों मे रोमा के चुतड़ों को दबोच लिया…रोमा अपने चुतड़ों पर राज के हाथों को महसूस करके एक दम मचल उठी…
राज : (अपनी हथेलियों से रोमा के चुतड़ों को मसलते हुए) क्या हुआ…चलो शुरू करो
रोमा: (कसमसाते हुए) बाबू जी छोड़िए….
राज : क्यों ऐसे नही रगड़ सकती….
राज का तना हुआ मोटा लंड रोमा के पेट पर रगड़ खा रहा था…रोमा राज के लंड की कठोरता को अपने पेट पर महसूस करते हुए घबरा रही थी…..पर रोमा ने ना चाहते हुए भी राज की चैस्ट को सहलाना चालू कर दिया…..
रोमा के बदन मे एक अज्जीब सी सिहरन दौड़ने लगी…राज रोमा के चुतड़ों को अपनी हथेलियों मे भर-2 कर मसल रहा था…अचानक से राज ने एक हाथ आगे ले जाकर रोमा के सारी के पल्लू को पकड़ कर खैंच दिया….अब उसकी चुचियाँ बेपर्दा हो गये थी…रोमा राज की बाहों से अलग होने की कॉसिश करने लगी…
राज : क्या हुआ, क्यों मचल रही हो….
रोमा: (घबराई हुई आवाज़ मे) बाबू जी मुझ साड़ी का पल्लू ठीक करने दो….
राज : उससे क्या होगा…तुम्हारी चुचियाँ वैसे भी दिख रही थी…
रोमा की आँखे शरम के कारण बंद हो गयी…वो अब चाह कर भी कुछ नही कर सकती थी….राज ने अपने एक हाथ मे रोमा की राइट चुचि को भर लिया, और ज़ोर ज़ोर से मसलना चालू कर दिया….रोमा राज की बाहों मे छटपटाने लगी…और अपनी आख़िरी कॉसिश करते हुए, राज की गिरफ़्त से निकलने की कॉसिश करते हुए, अपने हाथो को इधर उधर मारने लगी….
राज एक दम गुस्से बोखला उठा…उसने रोमा के बालों को पकड़ कर खैंच दिया…रोमा दर्द के मारे चीख उठी….
राज : साली मेरे सामने अपने हाथ चला रही है….तू जानती नही मैं कॉन हूँ…
रोमा राज की गुस्से से भरी हुई आवाज़ सुन कर एक दम से घबरा गयी….राज ने रोमा के साड़ी को पकड़ कर उतार कर एक तरफ फैंक दिया….और रोमा को दीवार से सटा दिया….रोमा की चुचियों के निपल्स राज को अपनी तरफ खैंच रहे थे…राज ने थोड़ा सा नीचे झुक कर रोमा की लेफ्ट चुचि को अपने मुँह मे भर लिया. और ज़ोर -2 से रोमा के निपल को चूसने लगा…..
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