RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज : फिर कल नखरे क्यों कर रही थी….
रोमा: (शरमा कर अपने फेस राज की चैस्ट मे छुपाते हुए) मैं कहाँ नखरे कर रही थी….पहली बार को छोड़ कारर्र अहह धीरीए मैने फिर मना कहाँ किया था..
राज रोमा की बातों को सुन कर जोश से भर गया….और तेज़ी से अपनी कमर को ऊपेर की ओर उछाल कर रोमा की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा….रोमा मस्ती मे आकर आहह ओह्ह्ह बाबू जी करने लगी…..और मस्त होकर अपनी गान्ड को उछाल-2 कर राज के लंड पर पटाकने लगी…
रोमा: उंघह उम्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह बाबू जीईई चोदिये और ज़ोर से चोदिये ओह फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह्ह बाबू जी मैं नखरे नही करूँगी….
रोमा इतनी मस्त हो चुकी थी, कि वो पागलों की तरहा अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करते हुए, राज के मोटे लंड को अपनी चूत मे पिलवा रही थी….राज के लंड का मोटा सुपाडा हर बार अंदर जाकर रोमा की बच्चेदानी से टकरा रहा था….राज ने रोमा की चुचियों को अपनी हथेलियों मे भर कर मसलना चालू कर दिया….
रोमा और मस्त हो गयी…और राज के हाथों के ऊपेर अपने हाथों को रख कर, और ज़ोर से अपनी चुचियों को मसलवाने लगी….
रोमा: हां बाबू जी निकाल लो सारा रस्स अहह बहुत तंग करती है…इनकी सारी अकड़ निकाल दो और ज़ोर से मस्लो…..बाबू जी ओह्ह्ह्ह मेरीई चूत फिर से पानी छोड़ने वाली है.. आह बाबू जीए ओह और ज़ोर चोदो…….उईमाआअ बहुत अच्छा लग रहा है.
रोमा की चूत की दीवारों ने राज के लंड को अपने अंदर कसना चालू कर दिया…राज को महसूस हो रहा था, जैसे रोमा की चूत की दीवारें उसके लंड अपने अंदर मसल डालेंगी…फिर अचानक से रोमा की चूत दीवारें फैलने और सिकुडने लगी.. गरम पानी की नदी रोमा की चूत से बह कर राज के लंड को भिगोने लगी…राज रोमा को मस्त होकर झड़ता देख कर, और जोरों से धक्के लगाने लगा.. और रोमा के झड़ने के एक मिनिट बाद ही झाड़ गया….राज के लंड का वीर्य रोमा की चूत की दीवारों को भिगोता हुआ, उसकी बच्चेदानी मे जाकर इकट्ठा होने लगा…
रोमा के होंठोपर संतुष्टि से भरी मुस्कान फैल गयी….और वो राज की चैस्ट पर अपना सर रख कर लेट गयी….
उसी दिन शाम 5 बजे…..
शाम को राज तैयार होकर हवेली से निकल गया….वो बहुत ही तेज़ी से कार ड्राइव करते हुए, शहर की तरफ जाने लगा…आज वो इलाक़े के डीएसपी से मिलने जा रहा था…जब डीएसपी अमन की पोस्टिंग राज के एरिया मे हुई थी…उसने राज से हाथ मिला लिया था…और राज हर महीने उसे अपने काले धंधों के लिए 50000 रुपये देता था…आज सनडे का दिन था…इसीलिए राज सीधा डीएसपी अमन के घर पर चला गया….
राज ने डीएसपी अमन के घर बाहर कार खड़ी की, और कार से निकल कर डोर बेल बजाई…थोड़ी देर बाद डीएसपी अमन के नौकर ने गेट खोला…इनदिनो मे राज का नाम आस पास के सब लोग जान चुके थे…नौकर ने राज को अंदर आने को कहा…
जब राज अंदर आया तो, उसने देखा क़ि, अमन के घर पर पार्टी चल रही थी…तभी अमन राज के पास आया, और राज से हाथ मिलाकर उसे फर्स्ट फ्लोर पर बने अपने रूम मे ले गया….
अमन: कैसे हैं राज जी.
राज : मे ठीक हूँ…तुम्हारा काम कैसा चल रहा है….
अमन: सर आप के होते कोई तकलीफ़ नही हो सकती…और सुनाए अचानक कैसे आना हुआ.
राज : वो दरअसल मैं कल पेसे भिजवाना भूल गया था, सोचा आज चल कर खुद दे आता
हूँ. और तुम से मिल भी लूँगा….
अमन: अर्रे सर पैसे कहीं भागे थोड़े ही जा रहे थे…चलिए अब आप आ ही गये है तो, थोड़ी देर रुकें….आज मेरी वाइफ की बर्तडे पार्टी चल रही है…
राज : अच्छा तो आज तुम्हारी वाइफ का बर्थडे है…..
अमन: जी सर आएँ नीचे चलते हैं…..
राज : (अमन की ओर 500-2 के नोटो पॅकेट बढ़ाते हुए) ये लो अभी मुझ यारा जल्दी है, कुछ ज़रूरी काम हैं….
अमन: जैसे आप की मर्ज़ी सर….आएँ मैं आपको बाहर तक छोड़ दूं….
दोनो निकल कर रूम से बाहर आ गये….जब राज सीडयों से नीचे उतर रहा था, तब किसी के हँसने की आवाज़ ने उसका ध्यान अपनी तरफ खैंचा, राज अपने आप को उस ओर देखने से रोक नही पाया….जैसे ही राज की नज़र उस आवाज़ की तरफ गयी…राज का मुँह खुला का खुला रह गया….
सामने एक लड़की खड़ी थी….वो ग्रीन कलर का टाइट टीशर्ट और ब्लू कलर की जीन्स पहने हुई थी…राज की आँखे उसके चहरे पर गढ़ गयी….उस लड़की का खिलखिलाता हुआ फेस गुलाबी होन्ट, गोल गोरे गालों को देख कर राज उनमे खो सा गया…उस लड़की के बाल उसकी कमर तक आ रहे थे…
राज को यूँ उस लड़की मे खोया देख कर, अमन के होंठो पर मुस्कान आ गयी…उसने राज को कंधों से पकड़ कर हिलाया….राज एक दम से चोंक गया.
अमन: कहाँ खो गये जनाब…..
राज : (उस लड़की की ओर इशारा करते हुए) कॉन है ये लड़की…..
अमन: मेरी वाइफ की सहेली है….उसकी बेटी है…..ब्कॉम फाइनल एअर मे है…
राज : नाम क्या है इसका….
अमन: सुमन नाम है…बहुत ही प्यारी बच्ची है…
राज : (अमन की ओर देखते हुए) मुझ ये लड़की चाहिए….
अमन: (राज की बात सुन कर हैरानी से राज की ओर देखते हुए) ये क्या कह रहे हैं आप…ये मुमकिन नही है….
राज : (अमन के कंधे पर हाथ रखते हुए) राज के लिए कुछ भी नामुमकिन नही होता….और तुम तो जानते ही हो…..मैं अकेला हूँ…..इतनी बड़ी जायदाद को संभालने के लिए मुझ दोबारा शादी करनी है….ताकि आगे चल कर मेरा वारिस मेरी जायदाद को संभाल सकें……
अमन: (राहत के साँस लेते हुए) सॉरी मैं कुछ और ही समझ बैठा था…. पर फिर भी ये होना बहुत मुस्किल है….
राज : क्यों ?
अमन: भले ही सुमन एक साधारण परिवार से है….पर वो लोग बहुत खुदार है….
राज : इसीलिए ये काम मैं तुम्हे सोन्पता हूँ…..हर किसी की कोई ना कोई कमज़ोरी ज़रूर होती है….और इसके घर की कमजोर कड़ी कॉन सी है…वो तुम्हे पता लगाना है..
अमन: पर उससे क्या होगा…
राज : तुम बस पता लगाओ…..मुझ इसके घर के हर मेंबर के बारे मे पता लगा कर बताओ….बाकी मुझ पर छोड़ दो….मैं बाद मे तुम्हे बता दूँगा…कि आगे क्या करना है…
अमन: पर….
राज : (अमन को बीच मे टोकते हुए) तुम्हे इसके लिए जो भी कीमत चाहिए, मे देने के लिए तैयार हूँ….बोलो क्या चाहिए….
अमन: (कुछ देर सोचने के बाद) वैसे तो आप के रहते हुए, किसी चीज़ की कमी नही है, पर हां मेरा एक काम करवा दीजिए…..
राज : बोलो दिल खोल कर बोलो…..मुझ बस ये लड़की चाहिए…..
अमन: मैं वादा तो नही करता पर…..मुझसे जो होसकेगा मैं करूँगा….बस आप मेरी प्रमॉशन करवा दीजिए….
राज : ठीक है…तुम मेरा काम करो…तुम्हारी प्रमोशन पक्की…
अमन: (अमन के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…) चलिए मैं आप को बाहर आपकी कार तक छोड़ दूं…..
और अमन राज को छोड़ने के लिए बाहर तक आया….और राज कार मे बैठ कर हवेली की तरफ निकल पड़ा…
!
|