RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
ज़य शर्मा: सर मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा कि आख़िर क्या हो रहा है…उसके रूम से पता नही कहाँ से ड्रग्स का भरा हुआ बॅग आ गया….
अमन: (जानबूझ कर चोन्कते हुए) क्या ड्रग्स से भरा हुआ बॅग ?
ज़य शर्मा: जी सर प्लीज़ आप कुछ करिए नही तो मेरे बेटे की जिंदगी खराब हो जाएगी….
अमन: मुझे पहले इस मामले के बारे मे पता करना होगा…फिर देखता हूँ, कि क्या हो सकता है…..
ज़य शर्मा: सर आप ही हमारी आख़िरी उम्मीद हैं….किसी भी तरहा मेरे बेटे को इस केस से बचा लो….मे आपका ये अहसान जिंदगी भर नही भूलूंगा…..
अमन: ओके ओके आप हॉंसला रखिए….मैं थोड़ी देर मे ऑफीस के लिए निकल कर देखता हूँ, कि आख़िर माजरा क्या है….
ज़य शर्मा ने रोते हुए फोन रख दिया…..घर मे मातम सा महॉल छा गया था…. ज़य शर्मा ने कभी सोचा नही था, कि उसकी औलाद उसके माथे पर इतना बड़ा कलंक लगा सकती है….वो फिर से अपना सर पकड़ कर सोफे पर बैठ गया…..
जैसे ही जय शर्मा ने फोन रखा, तो अमन के मन मे राज को फोन करने का ख़याल आया…….पर जब उस ने टाइम देखा तो अभी सिर्फ़ 6:30 हो रहे थे….अमन ने इतनी सुबह-2 फोन करना ठीक नही समझा……
सुबह के 8 बजे हवेली मे राज अपने रूम मे बेड पर लेटा हुआ सो रहा था, उसकी बगल मे रोमा भी उसे चिपकी हुई लेटी हुई थी….तभी फोन की रिंग बजी….राज उठ कर बैठ गया, और फोन उठाया….
राज : (अपनी आँखों को मलते हुए) हैल्लो कॉन….
अमन: (दूसरी तरफ से) सर मे बोल रहा हूँ, अमन….आप का काम हो गया है….उस लोंडे को आज सुबह ही उठा लिया गया….ड्रग्स का बॅग भी उसके घर मे मिल गया..
राज : अच्छा तो ये बात है…..ठीक आगे क्या करना है वो तुम्हे अच्छी तरह पता हैं….मे बाद मे तुम्हे फोन करता हूँ….
ये कह कर राज ने फोन रख दिया….और उठ कर बाथरूम मे चला गया…. जब राज फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आया, तो रोमा बेड पर बैठी हुई, अपनी पैंटी पहन रही थी…उसकी चुचियों पर राज के दाँतों के निशान सॉफ दिखाई दे रहे थे…राज रोमा की चुचियों पर अपने दाँतों के निशान देख कर मुस्कुराने लगा…
रोमा: क्या बाबू जी आप भी ना देखो…..मेरे क्या हालत कर दी है आप ने……और ऊपेर से मुझ पर हंस रहे हो….
राज ने रोमा के बात का कोई जवाब नही दिया, और रूम से बाहर आकर हाल के डोर को अनलॉक किया….थोड़ी देर बाद रोमा भी बाहर आ गयी, और हवेली के पीछे बने अपने रूम मे चली गयी…रोमा के जाने के थोड़ी देर बाद है, हरिया अंदर आ गया, और राज के लिए चाइ बाने लगा…..
दूसरी तरफ दोपहर के 11 बजे अमन पोलीस स्टेशन मे अपने कॅबिन मे बैठा हुआ कुछ फाइल्स चैक कर रहा था….तभी एक हवलदार ने आकर अमन को बोला कि, कोई जय शर्मा नाम का आदमी उनसे मिलना चाहता हैं….अमन ने हवाल दार से जय शर्मा को तुरंत अंदर लाने को कहा…..थोड़ी देर बाद हवलदार जय शर्मा को अमन के कॅबिन मे छोड़ गया…..
अमन: (जय शर्मा को देखते हुए) आइए आइए जय शर्मा जी बैठिए….
ज़य शर्मा: (अमन के सामने बैठते हुए) सर कुछ पता लगा कि, आख़िर माजरा क्या है….मेरे बेटे को बचा लीजिए…..
अमन: (थोड़ी देर सोचने के बाद) देखिए जय शर्मा जी…जो मुझे पता चला है, वो ठीक नही है….आपका बेटा पिछले एक महीने से ड्रग्स का कारोबार कर रहा है….उसके गॅंग के सारे लोग फरार हैं….आप के लड़के के खिलाफ सभी सबूत हैं….क़ानूनी तोर पर मे आपकी कोई मदद नही कर सकता…. आपके बेटे के केस की फाइल ऊपेर पोलीस कमिशनर तक पहुँच गयी है…..
ज़य शर्मा: अमन सर कुछ तो करिए….मेरे बेटे की जिंदगी का सवाल है….ऐसे मे तो हमारी बड़ी बदनामी होगी….आप तो जानते ही हैं….घर मे दो जवान लड़कियाँ हैं.. उनका क्या होगा….प्लीज़ आप कुछ तो करिए…..
अमित: देखिए जय शर्मा जी….मे अब आपकी मदद नही कर सकता….आपके बेटे के केस की फाइल ऊपेर बैठे बड़े ओफीसेर्स के पास पहुँच गयी हैं…अमित को अरेस्ट करने का ऑर्डर भी ऊपेर से ही मिला था….मैने कोई ऑर्डर नही पास किया….अब अगर आप अपने बेटे को इस केस से निकलवाना चाहते हैं तो, आप के पास एक ही रास्ता है….
ज़य शर्मा: आप मुझ बताएँ….मे अपने बेटे को इस केस से निकालने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ…
अमित: देखिए सर..जैसा कि मे आप को बता ही चुका हूँ, कि आपके बेटे के केस की फाइल पोलीस कमिशनर के पास है, अब सिर्फ़ एक ही रास्ता है, कि आपके बेटे का केस कोर्ट मे ना फाइल हो….इसके लिए आप को ऊपेर के सभी ऑफीसर को रिशवत देनी पड़ेगी...नही तो अगर आपके बेटे का केस कोर्ट मे गया तो, कम से कम 7 साल के लिए अंदर जाएगा….
ज़य शर्मा: नही सर मे अपने बेटे के लिए सब कुछ बेच दूँगा….चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े….कितने पैसों के ज़रूरत होगी….
अमित: यही को 20 से 25 लाख रुपये…….
ज़य शर्मा अमित की बात सुन कर एक दम से सकते मे आ गया…..
ज़य शर्मा: क्या 25 लाख रुपये….पर ये तो बहुत ज़्यादा हैं……मे इतने रुपये कहाँ से लाउन्गा….ये मेरे बस की बात नही है…
अमित: ऊपेर बैठे लोगों के लिए 25 लाख भी कुछ नही है…..ये तो आपको करना ही पड़ेगा….वैसे मे भी देखता हूँ कि, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ…. आप जल्द से जल्द पैसों को इंतज़ाम करिए……
ज़य शर्मा के हाथ सिर्फ़ निराशा ही लगी….वो उदास सा चैहारा लेकर वापिस आ गया, और उसने सारी बात अपने घरवालों को बता दी…
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