RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
नाइटी बूब्स की जगह पर से बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट थी….बस एक रेड कलर का नेट लगा हुआ था….और नीचे से वो मुस्किल से उसकी आधी जाँघो को ढक पा रही थी….वो थोड़ी देर यही सोचाती रही कि वो इस हालत मे कैसे बाहर जाए….भले ही राज अब उसका पति था….पर आज भी वो राज से बिकुल अंजान थी….पर आख़िर उसे बाहर तो जाना ही थी….राज बेड पर लेटा हुआ, सुमन के आने का इंतजार कर रहा था….
थोड़ी देर डोर खुलने की आवाज़ हुई, राज एक दम से बेड पर उठ कर बैठ गया…तभी बाथरूम से सुमन घबराई हुई सी बाहर निकली…उसने अपनी बाहों को अपने बूब्स के आगे कर रखा था….वो सर को झुकाए हुए काँपते पैरो के साथ बेड की तरफ बढ़ रही थी….जैसे ही वो बेड के पास आई….राज ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसका हाथ पकड़ लिया….और उसे बेड के ऊपेर लेटा दिया,…जैसे ही सुमन बेड पर पीठ के बल लेती….राज उस पर किसी जंगली जानवर की तरहा सवार हो गया….
सुमन राज के नीचे दब कर रह गये….उसका पूरा बदन कांप रहा था…राज का कड़ा लंड सुमन की नंगी जाँघो पर पाजामा के अंदर से रगड़ खा रहा था….सुमन के बदन मे झुरजुरी से दौड़ गयी….सुमन ने बेड शीट को कस के दोनो हाथों से पकड़ लिया….
राज आज अपनी किस्मत पर बड़ा इतरा रहा था….आज उसके नीचे एक बहुत ही खूबसूरत कच्ची कली जो लेटी हुई थी…राज के हाथ सुमन के बदन को ऊपेर से नीचे तक नाप रहे थे…..और सुमन के बदन के हर हिसे मे करेंट सा दौड़ जाता..जहाँ पर राज के हाथ लगते…..राज ने एक बार फिर से सुमन के लर्जते हुए होंठो की तरफ देखा, तो उससे रहा नही गया….
अब रूम मे एसी ऑन होने के कारण ठंडक बढ़ गयी थी…राज ने अपने होंठो को फिर से सुमन के होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…इस बार सुमन इसे अपनी नीयती मान कर बिकुल चुप्पी साधे लेटी हुई थी…जैसे जैसे एक बार फिर राज के होंठ उसके होंठो की तरफ बढ़ रहे थे….उसके गालों और नेक की स्किन मे सरसराहट होने लगी थी….राज ने जैसे ही अपने होंठो को सुमन के होंठो पर रखा….सुमन ने अपनी हाथों से बेड शीट को और कस के पकड़ लिया…..
राज ने इस बार कोई जल्द बाजी नही दिखाई…वो बड़े प्यार से सुमन के होंठो को चूस रहा था….उसे सुमन का होंठो स्वाद ऐसा लग रहा था….मानो जैसे वो शहद चूस रहा हो…राज के हाथ सुमन के बदन को सहलाते हुए, उसके बूब्स की तरफ बढ़ रहे थे…और सुमन के बदन मे सिहरन दौड़ जाती….जब राज के हाथ सुमन की चुचियों पर पहुँचे …तो सुमन का बदन एक दम से अकड़ गया….जैसे ही राज ने सुमन के चुचियों को पकड़ कर दबाया…..
तो राज को ऐसा लगा मानो….उसने रब्बर के सॉफ्ट बॉल पकड़ लिए हो….वो सुमन के दोनो चुचियों को हाथ मे लेकर धीरे-2 दबाते हुए, सुमन के होंठो को चूस रहा था… ना चाहते हुए भी सुमन को अब अपनी चुचियों पर राज के हाथ मस्त किए दे रहे थे…राज ने सुमन के होंठो से अपने होंठो अलग किए…और सुमन की नेक पर अपने होंठो को रगड़ता हुआ, अपने होंठो को सुमन के बूब्स की तरफ ले जाने लगा….
जैसे ही सुमन को अपनी चुचियों के ऊपेरी खुले हिस्से पर राज की गरम साँसों को अहसास हुआ, सुमन के बदन के रोए खड़े हो गये…..वो मस्ती मे एक दम से तिलमिला उठी….चाहे सुमन राज को दिल से पसंद नही करती थी…पर सुमन जवान थी…और उसकी इस जवानी की आग को राज और भड़का रहा था…..
सुमन ने अपना बदन एक दम ढीला छोड़ दिया था….और राज अपनी मन मानी करते हुए, उसके बदन को अपने हाथों से मसल रहा था, और होंठो को उसके बूब्स के ऊपेर आस पास रगड़ रहा था….राज सुमन के ऊपेर से हट गया, और सुमन को कंधों से पकड़ कर बेड पर उठा कर बैठा दिया…सुमन किसी कट्पुतली की तरहा उसके हाथों मे थी….जैसे ही सुमन उठ कर बैठी …राज ने उसकी नाइटी को पकड़ कर ऊपेर उठा कर निकाल दिया….
ये सब राज ने इतनी तेज़ी से किया, कि सुमन को पता चलता उसे पहले सुमन की नाइटी उसके बदन से अलग हो चुकी थी…सुमन शर्म से एक दम लाल हो गयी…उसने अपनी चुचियों के आगे अपनी बाहों को कर लिया….पर अगले ही पल राज ने उसके दोनो हाथों को पकड़ कर उसकी चुचियों के आगे से हटा कर उसे फिर से लेटा दिया….और अपने दहक्ते होंठो को उसकी बलखाती कमर पर रगड़ना चालू कर दिया….
सुमन राज के होंठो को अपने नाभि के पास पेट पर महसूस करके एक दम से मचल उठी….उसके होंठ थोड़ा सा खुल गये…मानो जैसे उसे साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही हो….उसके मुँह से मस्ती भरी हुई सीईइ के आवाज़ निकल गयी….सुमन की साँसे उखड रही थी…और राज ने इस बार अपनी जीभ निकाल कर सुमन की नाभि के अंदर तक चाटना शुरू कर दिया….सुमन तो मस्ती मे पागल हो गयी….वो बड़ी मुस्किल से अपनी आवाज़ को दबाए हुए थी….
और तेज़ी से अपने सर को इधर उधर करते हुए….इस मस्ती से भरे पलों को सहन कर रही थी….वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरना चाहती थी….पर अपने से 12 साल बड़े आदमी के सामने वो ऐसा नही कर पा रही थी…राज सुमन की नाभि को चाट रहा था…उसके हाथ सुमन के कंधो पर उसके ब्रा स्ट्र्प्स पर आ चुके थे…..और उसने ब्रा स्ट्रॅप्स को पकड़ कर उसके कंधों से सरकाना चालू कर दिया….जैसे ही ब्रा के स्ट्रॅप्स सुमन के कंधों से सरक कर नीचे हुए….
राज उठ कर बैठ गया….और उसने स्ट्रॅप्स को बाहों से निकाल दिया…और उसने अपने हाथों को सुमन की पीठ के नीचे ले जाकर उसकी ब्रा के हुक्स को खोल दिया…ब्रा के स्ट्रॅप पहले से सुमन की बाहों से निकल चुके थे…और फिर राज ने उसकी ब्रा को पकड़ कर ऊपेर से हटा दिया….
सामने सुमन की अनछुइ चुचियों को देख राज की आँखों मे अजीब सी चमक आ गयी…वो भेड़िए की तरहा सुमन की चुचियों पर टूट पड़ा…उसने दोनो हाथों मे सुमन की चुचियों को पकड़ कर मसलते हुए चूसना शुरू कर दिया…सुमन मस्ती और दर्द के मिलजुले असर के कारण बेड पर लेटी हुई मचल रही थी…
फिर राज ने उसकी एक चुचि को आधे से ज़्यादा मुँह मे भर लिया….और चूसने लगा….सुमन के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….उसका पूरा बदन उतेज्ना की आग मे सुलगने लगा…..उसे अपनी पैंटी मे नमी महसूस हो रही थी….राज ने चुचि चूसना छोड़ कर सुमन की पैंटी को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे सरका कर निकाल दिया….और फिर से सुमन की जाँघो के बीच मे आकर उसके ऊपेर लेट गया…अब राज का तना हुआ लंड सुमन की चूत के छेद पर रगड़ खा रहा था…
सुमन वासना के सागर मे डूबी जा रही थी….उसकी चूत मे सरसराहट बढ़ती जा रही थी…अब ना चाहते हुए भी उसका दिल कर रहा था, कि राज अपना लंड उसकी चूत मे घुसा कर जल्दी से उसकी चूत की आग को ठंडा कर दे…
जब राज ने सुमन को यूँ मस्ती मे अपने होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए देखा, तो राज का जोश और बढ़ गया, और उसने सुमन के होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो मे जाकड़ लिया…इस बार सुमन ने भी अपने होंठो को खोल लिया….राज के मुँह से आ रही स्मेल मानो जैसे सुमन को नशा सा कर रही हो….राज ने सुमन के नीचले होन्ट को अपने होंठो मे भर लिया, और ज़ोर ज़ोर से चूसना चालू कर दिया…
सुमन भी अपने होंठो को ढीला छोड़ कर मस्ती मे राज से चुस्वा रही थी…सुमन को भी पता नही चला, कब उसने बेड शीट को छोड़ कर अपनी बाहों को राज की पीठ पर कस लिया….राज से अब रहा नही जा रहा था…राज ने अपना एक हाथ नीचे करके अपने लंड को पकड़ लिया, और सुमन की चूत के छेद पर टिका कर ज़बरदस्त धकका मारा….राज के लंड का मोटा सुपाडा सुमन की टाइट चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया…
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