RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
इतफाक से उस दिन सुमन अपने मायके गयी हुई थी…..दोपहर का खाना खाने के बाद तीनो आराम करने के लिए चले गये….जब शाम को डॉली उठ कर नीचे आई तो, राज कहीं जाने की तैयारी कर रहा था…
डॉली: भैया आप कहीं जा रहे हैं…..
राज : हां कुछ ज़रूरी काम है….इसीलिए जाना पड़ रहा है…..एक काम करना. तुम्हारा जो भी दिल करे हरिया काका से कह कर बनवा लेना रात के खाने मे…मेरा इंतजार ना करना..हो सकता है मे आज रात को वापिस ना आ पाऊ….
डॉली: ठीक है भैया…..आप जाए….
राज ने बाहर आकर अपनी कार स्टार्ट के और चला गया…..रात हो चुकी थी….पर राज अभी तक नही आया था….हरिया ने उनके लिए रात का खाना तैयार कर दिया, और पीछे बने अपने रूम मे चला गया…तीनो ने खाना खाया, और डॉली साहिल को लेकर अपने रूम मे सोने के लिए चली गयी…..
आज राज घर पर नही था….डॉली की ससुराल मे भी अक्सर घर पर कोई ना कोई होता था….इसीलिए आज डॉली और रवि दोनो के लिए बहुत अच्छा मोका था….पर डॉली हवेली मे रवि से दूर ही रहना चाहती थी….रात के 12 बज रहे थे….चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ था….बाहर बादलों की हो रही गड़गड़ाहट की आवाज़ हवेली की दीवारों को चीर कर अंदर आ रही थी…..
आज हवा तूफ़ानी रूप ले चुकी थी….जोरो के आँधी चल रही थी….और सारा गाँव अपने घरों मे दुबका हुआ था…..जैसे आज कोई कयामत आने वाली हो…बारिश के साथ तेज हवा और बिजली की तेज कान फाड़ देने वाली आवाज़ ने खोफ़नाख़् माहॉल सा बना दिया था…
इस बीच रवि हवेली के अंदर है एक रूम मे लेटा हुआ था….जब उससे रहा नही गया तो वो उठ कर ऊपेर चल दिया….ऊपेर पहली मंज़िल पर डॉली के रूम के सामने जाकर खड़ा हो गया, और डोर को हल्का सा नॉक किया….जब डॉली ने उठ कर डोर खोला, तो रवि ने एक झटके से डॉली का हाथ पकड़ कर उसे बाहर खैंच लिया….और डोर को बंद कर दिया…
डॉली: ये क्या रहे हो….पागल हो गये हो क्या ?
रवि: ओह्ह मेरी महा रानी जी आपका ये दास कब से आपके दीदार को तरस रहा है…और आप है कि घोड़े बेच कर सो रही हो…
डॉली: (रवि की बात सुनते ही डॉली के होंठो पर मुस्कान आ गयी) तुम अब बहुत तंग करने लगे हो…अब तुम्हारी शादी करनी पड़ेगी….
रवि: मुझ शादी करने की क्या पड़ी है….मे तो सारी जिंदगी आपके साथ यूँ ही रहना चाहता हूँ….
डॉली: क्यों मुझमे ऐसी क्या बात है…..और अब मेरी उम्र भी तो धल रही है….
रवि: आप चाहे 80 साल की हो जाएँ…पर मे हमेशा आप से यूँ ही प्यार करता रहूँगा….आप हैं ही इतनी खूबसूरत….
ये कहते हुए….रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भर लिया….और अपने होंठो को डॉली के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा….डॉली ने अपने फेस पर रवि के गरम साँसों को महसूस करके मदहोशी मे अपनी आँखे बंद कर ली….और अपने होंठो पर रवि के होंठो के स्पर्श का इंतजार करने लगी….
रवि ने उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया, और चूसने लगा….डॉली आज कई दिनो बाद अपने जिस्म को रवि के जिस्म के साथ महसूस कर रही थी…उसके बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….और उसने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….रवि डॉली के दोनो होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूस रहा था…..
और रवि के हाथ डॉली के पीठ को सहलाते हुए, नीचे उसके चुतड़ों की तरफ जा रहे थे…पतली सी नाइटी पर से डॉली रवि के हाथों को अपने जिस्म पर रेंगता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी….जैसे ही रवि ने डॉली के चुतड़ों को नाइटी के ऊपेर से अपनी हथेलियों मे भर कर दबया….डॉली के पूरे बदन मे सिहरन दौड़ गयी.. और उसके मुँह से मस्ती भरी आह निकल गयी…..
डॉली: सीईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह रवि अब यहीं खड़े रहोगे…. क्या….मुझ कहीं लेकर चलो….मेरी चूत मे आग लगी हुई…अब इसे जल्दी से बुझा दो…
रवि ने डॉली की बात सुनते ही, उसे अपनी बाहों मे उठा लिया, और नीचे की ओर आने लगा…डॉली उसके गले मे अपनी बाहें डाले हुए, रवि की ओर देख कर मुस्कुरा रही थी..और रवि नीचे उतर रहा था….
रवि: (जब उसे डॉली को यूँ मुस्कुरा कर अपनी तरफ देखते हुए देखा) ऐसे क्यों देख कर मुस्कुरा रही हो आप…
डॉली: मे देख रही हूँ, कि अब तुम इतने बड़े हो गये, कि मुझे गोद मे उठा कर लेजा रहे हो….
रवि: ओह्ह वैसे आप तो फूल से भी हल्की हो….मे तब भी आप को ऐसे उठा सकता था…जब मे आपके प्यार मे दीवाना हुआ था…
रवि नीचे आकर सीधा उस रूम की ओर बढ़ा, जहाँ वो कुछ देर पहले लेटा हुआ था… अंदर आते ही उसने डॉली को बेड पर लिटा दिया….डॉली ने उसके शर्ट को पकड़ कर उसे अपने ऊपेर खैंच लिया…और रवि के होंठो से अपने होंठो को सटा दिया….और पागलों की तरहा रवि के होंठो को चूसने लगी…
रवि बेड पर डॉली के ऊपेर आ गया….और डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, उसके होंठो को चूसने लगा….उसके हाथ डॉली की चुचियों को मसल रहे थे…डॉली के बदन मे मस्ती की लहरें दौड़ रही थी….डॉली ने जल्दी से अपने हाथों को नीचे ले जाकर रवि के पाजामा की इलास्टिक मे डाल कर उसे नीचे सरका दिया….
जैसे ही रवि का पजामा उसकी जाँघो तक आया…..उसका तना हुआ लंड झटके ख़ाता हुआ बाहर आ गया…दोनो के होन्ट अभी भी आपस मे उलझ रहे थे….फिर डॉली ने जल्दी से अपनी नाइटी को कमर तक ऊपेर किया, उसने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी…और रवि के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…
डॉली: (रवि के होंठो से अपने होन्ट अलग करते हुए) ओह्ह्ह रवि जल्दी करो, कहीं साहिल उठ ना जाए….प्लीज़ फक मी हार्ड….रवि ने डॉली की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा कर दोनो तरफ फैला दिया, और अपने लंड को आगे की तरफ धकेला….लंड का सुपाडा डॉली की चूत के भीगे हुए छेद मे अंदर घुसता चला गया…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत मे गया….डॉली ने अपने चुतड़ों को ऊपेर की तरफ उछाला…उसके चूतड़ सीधा रवि की जाँघो से थप की आवाज़ से टकराए….
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