RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
साहिल: (रोते हुए) मम्मी जी मम्मी ये मम्मा को क्या हुआ, उनके इतना ब्लड क्यों निकल रहा है सर से….प्लीज़ जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ ना…प्लीज़ मम्मी जी…डॉक्टर को बुलाओ….
जब सुमन ने साहिल के मासूम से चहरे की तरफ देखा, तो वो फुट-2 कर रोने लगी…साहिल रोते हुए, सुमन को डॉक्टर बुलाने के लिए कह रहा था….
राज : (विशाल की और देखते हुए) अब क्या करें…
विशाल: अब इसको भी ख़तम करना पड़ेगा….नही तो अगर इसने मुँह खोला तो, तू जिंदगी भर के लिए सलाखों के पीछे होगा….
राज : तू पागल तो नही हो गया….वो वो मेरा भांजा है….मे उसे कैसे…नही ये मुझसे नही होगा….
विशाल: दोस्त इस वक़्त और कोई चारा नही है….अगर इसने मुँह खोला, तो तेरे-2 साथ-2 मे भी अंदर जाउन्गा…….
राज ने एक पल के लिए अपनी आँखों को बंद किया…और धीरे-2 साहिल की ओर बढ़ा…सुमन उसे सीने से लगाए रो रही थी….जब साहिल ने राज को अपनी तरफ आता देखा, तो वो भाग कर राज के पास चला गया…
साहिल: (सुबक्ते हुए) मामा जी देखिए ना मम्मा को क्या हो गया है, कितना खून निकल रहा है…डॉक्टर को बुलवाइए ना….प्लीज़ मामा जी….
राज ने अपने हाथों को साहिल की तरफ बढ़ाया….सुमन सामने बैठी रो रही थी….उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था, कि राज अब साहिल को भी जान से मार देने वाला है….
राज ने अपने दोनो हाथों को साहिल के कंधों के ऊपेर गर्दन के पास रख लिया, साहिल अभी भी रोते हुए, राज को डॉक्टर को बुलाने के लिए कह रहा था…आज राज के हाथ भी कांप रहे थे….उसने एक पल के लिए फिर से अपनी आँखे बंद की…और एक लंबी साँस लेकर अपने आँखे खोली…..इस बार जब उसने अपनी आँखे खोली….तो उसके आँखों मे हैवानियत सॉफ नज़र आ रही थी….
फिर एक दम से उसके दोनो हाथों ने साहिल के गले मे फँदा सा बना लिया….और उसके हाथ साहिल की नाज़ुक सी गर्दन के चारो ओर कसते चले गये….और राज ने अपनी पूरी ताक़त के साथ साहिल के गले को दबा दिया…..सुमन को तब अहसास हुआ, जब साहिल ने अपने हाथों से राज के हाथों से अपनी गर्दन को छुड़वाने की कॉसिश की…साहिल के आँखे ऊपेर की ओर उठ गयी…
सुमन जल्दी से खड़ी हुई, और तेज़ी से राज की तरफ भागी….और साहिल को छुड़वाने की कॉसिश कररने लगी….
सुमन: ये क्या कर रहे हो छोड़ो साहिल को....आप ऐसा कैसे कर सकते इस मासूम सी जान के साथ प्लीज़ छोड़िए.....आपको भगवान का वास्ता.....इस बच्चे पर तो रहम करिए....
पर साहिल की आँखे बंद होने लगी….और थूक उसके मुँह से बाहर आने लगा…फिर अचानक से उसके मुँह से खून की धार निकली, और उसका बदन ढीला पड़ गया…राज ने उसकी गर्दन को छोड़ दिया….साहिल धडाम से नीचे गिर पड़ा….और जिसे देख कर सुमन की चीख निकल गयी….जो हवेली की दीवारों मे क़ैद सी होकर रह गयी…..
सुमन की आँखे जैसे पथरा गयी हो……सामने खोफ़नाक मंज़र देख कर…एक पल के लिए उसका सर चकरा गया….और लड़खड़ाई…राज ने जैसे ही, उसे सहारा देने के लिए थामा….उसने राज के हाथ को झटक दिया…और साहिल के पास नीचे बैठ कर फुट-2 कर रोने लगी….
सुमन: (रोते हुए) ये आप ने किया ? इस नन्ही से जान पर भी आपको तरस नही आया…एक इंसान इस कदर कैसे गिर सकता है…..
विशाल ने राज को कंधे से पकड़ कर हीलिया, जब राज ने उसकी तरफ देखा, तो उसने राज को बाहर आने के लिए कहा…राज विशाल के साथ बाहर आ गया….
राज : क्या बात है..
विशाल: कुछ नही….बस उसे कुछ पलों के लिए अकेला छोड़ दो….
बाहर विशाल ने अपनी कार को खोला, और अपने आदमियों को लाशों को लाने के लिए कहा…उसके चारो आदमी अंदर चले गये, और रवि और डॉली की लाशों को उठा कर बाहर ले जाने लगी…सुमन वहीं रोते हुए, सब कुछ देख रही थी….उसने तो जिंदगी मे ये कल्पना भी नही की थी, कि उसे अपनी जिंदगी मे ये दिन भी देखने पड़ेंगे…तभी सुमन को अपने घुटनो पर कुछ अहसास हुआ, जब उसने नीचे देखा तो, साहिल के हाथ मे हल्की सी मूव्मेंट हो रही थी…
राज के डर के कारण वो बुरी तरहा से घबराई हुई थी…उसने बाहर की तरफ देखा, बाहर विशाल अपनी कार मे डॉली और रवि की लाशों को रखवा रहा था….सुमन जल्दी उठ कर बाहर नज़र रखते हुए, फोन के पास गयी….और अपने घर पर फोन लगाया.
जब उसके पापा जय शर्मा ने फोन उठाया, तो उसने अमित से बात करने को कहा…
थोड़ी ही देर मे अमित भी फोन पर आ गया, और सुमन ने उसी जल्दी है हवेली मे आने के लिया कहा…
अमित: पर बात क्या है दीदी…इतनो रात को.
सुमन: देख सुमित. मुझे तुम्हारी मदद की सख़्त ज़रूरत है. तू जल्दी से यहाँ आजा..और सुन जब तक मे हवेली के बाहर ना आऊ….तू बाहर हवेली के आस पास कहीं छुप कर रहना….
अमित: ठीक है दीदी मे अभी आता हूँ.
अमित ने जल्दी से फोन रखा, और बाहर आकर अपनी बाइक स्टार्ट के, और राज के गाँव की तरफ चल पड़ा….राज का गाँव शहर से 15 किमी दूर था…और रात को सभी सड़कें खाली थी….अमित अपनी बाइक को फुल स्पीड दौड़ते हुए, राज के गाँव की तरफ बढ़ रहा था….उधर इतने मे विशाल का आदमी अंदर आ गया…सुमन साहिल की लाश को अपनी गोद मे लिए रो रही थी…..
उसके पीछे राज भी आ गया, और सुमन के हाथों से साहिल को लेकर उस आदमी को पकड़ा दिया….सुमन एक बार फिर से फुट-2 कर रोने लगी….और उसने आगे बढ़ कर उस आदमी से साहिल को छीनने की कॉसिश की….क्यों कि वो जानती थी…साहिल को शायद बचाया जा सकता है…पर अगर राज को ये पता चलता तो, वो साहिल की आख़िरी साँसों को भी बंद कर देता….
उधर अमित को घर से निकले हुए, 10 मिनट हो चुके थी….सुमन ने सिर्फ़ अंदाज़ा लगाया कि, अमित गाँव मे पहुँच आने ही वाला होगा…उसने राज का रास्ता छोड़ दिया, और वो आदमी साहिल को लेकर कार की तरफ चल पड़ा….साहिल को कार मे डालने के बाद विशाल ने कार स्टार्ट की, और हवेली से बाहर निकल कर अपने गाँव की तरफ चल पड़ा…
राज ने भी अपनी कार को बाहर निकाला, और विशाल के पीछे अपनी कार लगा दी…सुमन दौड़ कर हवेली के गेट के पास आई….बाहर एक सिक्योरिटी गार्ड खड़ा था. सुमन ने उन्हे पीछे हरिया को बुला कर लाने को कहा… वो हरिया को बुलाने के लिए चला गया…. जब हरिया पीछे से आया तो, सुमन ने हरिया को हाल के अंदर ले जाकर सारी बात बता दी. और हरिया से मदद करने के लिए कहा…पर हरिया राज के खोफ़ के कारण मना करने लगा… जब सुमन काफ़ी मिन्नत की तो, हरिया मदद के लिए तैयार हो गया…
फिर हरिया गार्ड को बहला कर पीछे की तरफ ले गया…जैसे है वो गार्ड पीछे की तरफ गया….सुमन हवेली के बाहर आ गयी. तभी अमित भी अपनी बाइक पर आ गया….
सुमन: (जल्दी से अमित के बाइक पीछे बैठते हुए) चलो जल्दी करो….
अमित: पर हुआ क्या है दीदी कुछ तो बतो…..
सुमन: रास्ते मे बताती हूँ…पहले चलो…वैसे भी अभी हमारे पास वक़्त बहुत कम है….जल्दी से एप्रा गाँव की तरफ चलो…
अमित ने बाइक को मेन रोड के तरफ बढ़ा दिया…..सुमन ने रास्ते मे उसे सारी बात बताई….और कहा कि, किसी भी हाल मे साहिल को बचाना ही होगा…..जब अमित थोड़ी आगे बढ़ा…उसे कुछ दूरी पर आगे दो कार चल रही थी….अमित ने अपनी बिके लाइट बंद कर डी….और उनके पीछे-2 अपनी बिके चलाने लगा….थोड़ी देर मे कार ने मेन रोड से उतर कर गाँव की तरफ जाने वाले रोड पकड़ लिया….और फिर गाँव की गलियों मे घूमती हुई, खेतो की तरफ जाने लगी…..
पीछे अमित अपनी बाइक को उनकी नज़रों से बचाते हुए, उनका पीछा कर रहा था…थोड़ी ही देर मे राज और विशाल दोनो की कार्स खेतो के सामने जा रुकी…और वो लोग कार से नीचे उतर आए…थोड़ी दूरी पर अंधेरे मे अमित ने अपनी बाइक भी बंद कर दी. सुमन और अमित भी दोनो बाइक से नीचे उतर गये….
दोनो ने देखा कि, विशाल के पाले हुए गुंडे….उनकी लाशों को कार से नीचे उतर रहे थे. और उसके बाद उन्होने साहिल को भी नीचे उतारा….सुमन मन मे यही दुआ कर रही थी, कि साहिल अभी भी ठीक हो…शायद उसकी साँसें अभी भी चल रही हो. और वो उसे बचा सके….
फिर विशाल के चारो आदमियों ने रवि और डॉली के लाशों को उठा लिया….और राज ने साहिल को उठा लिया, और खेतो मे जाने लगा…जैसे ही राज ने साहिल को उठाया, तो सुमन एक दम से घबरा गयी….और मन मे दुआ करने लगी, कि अगर साहिल की साँसे अभी भी चल रही है, तो राज को पता ना चले….
जैसे ही वो लोग खेतो के बीच की ओर बढ़े….सुमन और अमित दोनो छुपते छुपाते उनके पीछे पीछे जाने लगे…काफ़ी देर चलने के बाद एक वीरान से जगह पर वो लोग रुक गये, उनसे कूछ ही दूरी पर अमित और सुमन पेड़ों के पीछे छुपे हुए थी….वहाँ पहले से भीमा और कुछ आदमी और खड़े थी…
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