RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
टीना भी 2 महीने पहले अपने पति और ननद के साथ देल्ही मे कुछ दिनो पहले सेट हुई थी. सुबह का वक़्त था, आज साहिल का कॉलेज का पहला दिन था….आज वो बीएससी 1स्ट एअर के पहले दिन कॉलेज जाने वाला था…..कॉलेज का पहला दिन हर किसी के लिए बहुत खुशियों भरा होता है. पर साहिल के अतीत ने उसके जिंदगी पर ऐसे असर क्या था, कि वो तो जीना ही भूल गया था……बाहर जय शर्मा और उसकी पत्नी वीना सुबह-2 उठ चुके थे…..जय शर्मा अब एक स्कूल मे प्रिन्सिपल का जॉब कर रहा था…..
ज़य शर्मा: अर्रे वीना सुनो साहिल को उठा दो….आज उसका कॉलेज का पहला दिन है.
वीना: जी मैं अभी उठा देती हूँ..
वीना साहिल के रूम मे गयी….साहिल अभी भी सो रहा था…..भगवान ने उसे बहुत खूबसूरत बनाया था…..जो भी उसे देखता, उसी मे खो जाता….गोरा रंग कसरती बदन भूरे रंग के आँखे और सुनहरी बाल…..वीना ने जब साहिल को सोते हुए देखा, तो वो उसके पास जाकर बेड पर बैठ गयी…..और एक टक उसके रूहानी चहरे को देखने लगी….फिर उसने साहिल के माथे पर आए हुए बालों का अपने हाथों से सहलाते हुए, पीछे किया, और साहिल को आवाज़ दी.
वीना: बेटा उठो…..आज कलाज का पहला दिन है…..देर हो जाएगी….
जब साहिल नींद से बाहर आया, तो उसे अपने बालों मे नरम और ममता भरी उंगलियाँ महसूस हुई, वो उठ कर बैठ गया, और वीना की ओर देखने लगा….वीना ने उसके बालों को एक बार फिर से उसके माथे से पीछे किया, वीना के ममता भरे स्पर्श को पाकर साहिल की आँखे भर आई…..
वीना: अर्रे क्या हुआ, क्यों रो रहा है, पागल आज तेरे कॉलेज का पहला दिन है.
साहिल: (वीना की और देखते हुए) माँ मे कितना ख़ुसनसीब हूँ….जो मुझ आप जैसे माँ और बाबा जी मिले, वरना माँ के बाद तो, मे तो अनाथ हो गया था.
वीना: चल पागल ऐसी बात नही करते….हम नही है क्या….चल जल्दी से उठ कर तैयार हो जा. मैं नाश्ता लगाती हू,….जल्दी से नीचे आ जा….वीना उठ कर नीचे आ गयी…
ज़य शर्मा: हां उठ गया साहिल.
वीना: जी उठ गया…पर वो आज भी वैसे ही उदास है…..मुझ समझ मे नही आता…उसकी ये उदासी कब दूर होगी…हर वक़्त दुनियाँ से अलग रहता है, ना किसी से मिलना जुलना, ना कोई दोस्त और ना ही कोई एक्सट्रा आक्टिविटी…..कभी-2 तो डर लगता है कि, कहीं वो यूँ ही उदासी मे हमेशा- 2 के लिए ना डूब जाए….
ज़य शर्मा: ह्म्म तुम साहिल कह रही हो….पर जो उसके साथ हुआ, और जो उसने देखा, उसे भूल जाना भी तो आसान नही होगा उसके लिए….और भूल भी कैसे सकता है, आख़िर उसने अपनी माँ खोई है….जिस उम्र मे बच्चों के खेलने के दिन होते हैं….उस उम्र उसने वो देख लिया, जिसे देख कर बड़े बड़ों के हॉंसले पस्त हो जाए…..वो तो फिर अभी बच्चा है…..धीरे-2 सब ठीक हो जाएगा…..
तभी साहिल भी नीचे आ गया….तीनो ने साथ बैठ कर नाश्ता किया….नाश्ता करते वक़्त जय शर्मा उसे कॉलेज की लाइफ के बारे मे समझा रहा था….तीनो ने नाश्ता ख़तम किया, और जे शर्मा और साहिल बाहर आ गये….
ज़य शर्मा: चलो साहिल मे तुम्हे कलाज छोड़ देता हूँ….
साहिल: नही बाबा मे चला जाउन्गा….
ज़य शर्मा: अर्रे तेरा कॉलेज मेरे स्कूल के रास्ते मे ही है ना….चल बैठ …
और साहिल जय शर्मा के साथ कार मे बैठ गया….जब साहिल का कॉलेज आया, तो जय शर्मा ने कार रोकी, और साहिल ने जय शर्मा के पावं छुए, और कॉलेज मे चला गया…साहिल के जाने के बाद जय शर्मा प्रार्थना करने लगा कि, साहिल की जिंदगी को भगवान खुशियों से भर दे….अब उसने बहुत दुख देख लिए हैं…..
साहिल कलाज के कॅंपस मे आगे बढ़ रहा था, तभी उसे पीछे से आवाज़ आई, कोई उसे बुला रहा था….ये आवाज़ जानी पहचानी लग रही थी….जब साहिल ने मूड कर देखा, तो टीना खड़ी थी….सुमन की छोटी बेहन…साहिल टीना के पास जाने लगा…तब उसने देखा की टीना के साथ एक लड़की खड़ी थी…जो शायद **-18 साल की थी….
साहिल: नमस्ते मासी जी….आप यहाँ कैसे…
टीना: नमस्ते ये मेरी ननद है. आज इसका कॉलेज का पहला दिन था..इसीलिए साथ आई थी… पायल ये मेरी बेहन की ननद का बेटा है, साहिल…साहिल और ये पायल…चलो अच्छा हुआ..तुम दोनो एक ही कॉलेज मे हो, एक दूसरे के हैल्प करना हाँ….
पायल: हाई साहिल.( ये कह कर उसने साहिल की तरफ अपना हाथ बढ़ाया)
साहिल ने अपने रिज़र्व नेचर के अनुसार शरमाते हुए, अपना हाथ पायल की तरफ बढ़ाया. और जैसे ही पायल ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर साहिल के हाथ को छुआ, तो साहिल ने अपने नज़रें नीचे कर ली…..
साहिल: हेलो पायल.
पायल: कॉन सी क्लास मे हो ?
साहिल: जी बीएससी 1स्ट एअर मे.
पायल: ओह्ह फिर तो हम एक ही क्लास मे हैं. चलो क्लास मे चलते हैं.
साहिल: जी चलिए.
पायल और साहिल दोनो क्लास मे चले गये. दूसरी और घर पर वीना घर के काम निपटा कर बैठी ही थी, कि बाहर डोर बेल बजी. जब वीना ने उठ कर गेट खोला तो, बाहर सुमन खड़ी थी. सुमन को देखते है उसकी आँखों से ख़ुसी झलक उठी. और उसने आगे बढ़ कर अपनी बेटी को गले से लगा लिया.
वीना: कैसे हो बेटी. आज कितने सालों के बाद तुम्हे देख रही हूँ. आओ अंदर चलो.
वीना सुमन को साथ लेकर अंदर आ गयी, और उसे सोफे पर बैठा दिया. और किचिन मे कोल्ड्रींक लाने चली गयी. जब वो वापिस आई तो वो सुमन के पास बैठ गयी.
सुमन: माँ पापा कैसे हैं?
वीना: वो ठीक हैं. तू सुना तुम कैसी हो ?
सुमन: मे भी ठीक हूँ माँ. (सुमन की आँखों और बातों से उसकी दुखी पन सॉफ झलक रहा था. और वो अपने आँसुओं को रोक ना पायी)
वीना: (सुमन को अपनी बाहों मे भरते हुए) ना बेटा रो मत. जब भी हम तुम्हे दुखी देखते हैं. तो हमारा दिल छलनी हो जाता है. तुम्हे भी हमारी याद नही आती.
सुमन: (अपने आँसुओं को पोन्छते हुए) तुम तो जानती हो माँ. मे अकेले नही आ सकती बार-2, और राज का यहाँ आना ठीक नही है. बड़ी मुस्किल से राज को मनाया है. तब जाकर उसने यहाँ आने दिया. अच्छा साहिल कैसा है. कहाँ है वो ?
वीना: वो भी ठीक है. अभी कॉलेज गया है .
सुमन: 5 साल हो गये उसे और आप सब को देखे हुए.
वीना: अर्रे तू दिल छोटा ना कर भगवान सब ठीक कर देगा. एक बार साहिल की पढ़ाई पूरी हो जाए, फिर उसे भी अमित के पास उस भेज देंगे. उस जल्लाद की पहुँच से बहुत दूर.
सुमन: नही माँ. उसने यही रहना होगा.
वीना: पर क्यों.?
सुमन: जब वक़्त आएगा तो पता चल जाएगा माँ. अच्छा ये बताओ साहिल अब दिखने मे कैसा लगता है ?
वीना: देख लेना दोपहर को घर पर आएगा ही.
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