Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:35 PM,
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
तभी सुमन को बाहर से साहिल और तिवारी अंदर आते हुए नज़र आए. सुमन के दिल की धड़कन एक दम से थम गयी. ….उसने साहिल को राज के सामने बुला कर बहुत बड़ा रिस्क लिया था….. जब साहिल और तिवारी उनके पास आ गये, तो राज ने उनकी तरफ देखा…..और तिवारी को देखते हुए बोला.

राज : आओ तिवारी कैसे आना हुआ.

तिवारी: नमस्ते राज बाबू जी. ये मेरे चाचा का लड़का है. पढ़ा लिखा है. अगर इसके लिए कोई काम मिल जाए तो, आप की बड़ी मेहरबानी होगी.

राज : (साहिल की ओर देखते हुए) अच्छा, पर तुम इसे अपने साथ अपनी फॅक्टरी मे क्यों नही लगा देते.

तिवारी: वो क्या है ना बाबू जी. दरअसल अभी इसके रहने का यहाँ कोई इंतज़ाम नही है. और मैने भी फॅक्टरी मे पता किया था. पर अभी वहाँ कोई जगह खाली नही है. अगर आप काम दे तो. ये यहीं मेरे ससुर के पास रह भी लेगा.

राज : क्या नाम हैं तुम्हारा.

साहिल: (एक दम से चोन्कते हुए) जी अजय.

राज : कहाँ तक पढ़े हो ?

साहिल: जी. मैं 12थ तक पढ़ा हूँ.

राज : फिर तो तुम्हे अभी आगे और पढ़ना चाहिए.

साहिल: जी चाहता तो मे भी हूँ. पर घर वालों की ग़रीबी के चलते. अब मुझ काम करना चाहिए.

राज : और क्या जानते हो.

साहिल: जी मुझ हर तरहा की गन चलाना भी आता है.

राज : ओह्ह तुम सच कह रहे हो? तुम्हे देख कर तो ऐसा लगता है. जैसे तुमने कभी कोई गन पकड़ी ना हो. वैसे कहाँ से सीखा ?

साहिल: जी घर पर थी…..बस अपने आप आ गयी.

राज : ठीक है, तुम परसो से आ जाना. कुछ ना कुछ काम तो तुम्हारे लिए ज़रूर निकालेंगे….

साहिल: जी ठीक है.

साहिल और तिवारी दोनो वापिस आ गये…..घर आते ही दोनो ने खाना खाया. और तिवारी सोने के लिए चला गया…..उसे रात को ड्यूटी पर भी जाना था….साहिल बाहर बैठक मे बैठा हुआ टीवी देख रहा था….साहिल के पास कुछ करने को था नही… इसीलिए वो वहीं बाहर सोफे पर बैठे- 2 सो गया….पूनम घर की सॉफ सफाई कर रही थी…..जब वो बैठक मे पोन्छा लगाने के लिए आई तो, साहिल को सोफे पर लेटा देखा…..

पूनम की नज़रें साहिल के बदन के ऊपेर जम गयी…..गर्मी होने के कारण साहिल ने सिर्फ़ बनियान और पजामा पहना हुआ था…..साहिल की बालिश्ट बाहें देख कर पूनम का मन मचल उठा…..वो जल्दी से अपने रूम मे गयी, और तिवारी की ओर देखने लगी….तिवारी गहरी नींद मे सो रहा था…..

पूनम के दिमाग़ मे अनेकों ख़याल आ जा रहे थे….वो ये सोचते हुए, फिर से बैठक की तरफ जाने लगी कि, साहिल अभी जवान हैं. अगर वो उसको अपने हुश्न के जलवों का दीदार करवा दे तो, साहिल उसकी प्यास बुझा सकता है. और वैसे भी साहिल के बदन मे भी उन्ही ठाकूरो का खून है. जो अयाशी के लिए जाने जाते हैं….

अंदर आते ही, पूनम ने एक बार फिर से साहिल की तरफ देखा. साहिल सो रहा था. पूनम ने अपनी साड़ी के पल्लू को कंधे से हटा कर उसे अपनी कमर मे फँसा लिया…..और अपने ब्लाउस के ऊपेर के दो हुक्स को खोल लिया…फिर उसने अपनी साड़ी को घुटनो तक चढ़ा लिया….और पोन्छा लगाने के लिए बैठ गयी….पोन्छा लगाते वक़्त उसकी चूड़ीयाँ खनक कर बहुत शोर कर रही थी…..जिससे साहिल एक दम से उठ गया……

और सोफे पर बैठ गया……साहिल अपनी हाथों से अपनी आँखों को मलता हुआ, सोफे पर बैठ गया…..तब तक पूनम साहिल के पैरो के पास पहुँच गयी……

पूनम: बाबू जी अपने पैर ऊपेर कर लो…..

साहिल ने अपने हाथों को अपनी आँखों से हटाया…..और जैसे ही उसने पूनम की तरफ देखा, तो वो एक दम से हैरान रह गया….पूनम की चुचियाँ आधे से जयदा बाहर झलक रही थी….उसकी चुचियाँ उसके घुटनो से दब कर बाहर आने को हो रही थी….घुटने के दबाब के कारण, पूनम के साइड की चुचि का निपल भी सरक कर उसकी ब्रा के ऊपेर से बाहर आ गया था…..जो साहिल की आँखों के ठीक सामने था…….

जब साहिल के नज़रें उसकी चुचियों पर अटकी हुई थी….तो पूनम ने शरमाने का नाटक करते हुए, फिर से साहिल को ऊपेर पाँव करने के कहा….और अपना ब्लाउस सेट करने लगी…..साहिल एक दम से झेन्प गया, और वो उठ कर बाहर चला गया….पूनम उदास सी होकर रह गयी…….साहिल के दिमाग़ मे आँखो ख़याल आ रहे थे….वो पहले भी कई बार नोट कर चुका था कि, पूनम उसकी तरफ कुछ अजीब सी ही नज़रों से देख रही थी……

जो रूम साहिल को रहने के लिए दिया गया था…..साहिल उसमे आकर लेट गया….. उसके दिमाग़ मे हज़ारों सवाल आ रहे थी…..जब साहिल और तिवारी सुबह राज के घर गये थे……तब साहिल ने वहाँ पर देखा था कि, राज की हवेली चारो तरफ से कैसे उसके पाले हुए गुण्डों से घिरी हुई है…..अब ऐसे मे अगर उसको शेर का शिकार करना है, तो उस शेर को उसकी मांद से बाहर निकालना पड़ेगा. और वो भी अकेले…….

यही सब सोचते-2 अचानक से साहिल के दिमाग़ मे एक बात आई…..और वो ये थी कि, राज को अकेले कहीं दूर ले जाने के लिए, बस सिर्फ़ एक ही शख्स उसकी मदद कर सकता है, और वो थी, पूनम. राज की नज़र शुरू से ही पूनम पर थी…..और पूनम ही एक ऐसी चिड़िया थी…..जो राज नाम के बाज के पंजे मे नही आई थी……

हां ये बिकुल ठीक रहेगा…..पूनम राज को हवेली से दूर कहीं अकेले मे बुला सकती है…पर क्या वो मेरी मदद करने के लिए राज़ी होगी……मुझ नही लगता…..कि वो मेरे बात मानेगी…….

फिर साहिल के दिमाग़ ने फिर से नयी चाल सोची…..जो किसी के शैतानी दिमाग़ की सोच से कम नही थी….थोड़ी देर पहले ही तो, पूनम ने उसकी राह आसान कर दी थी…..एक बार अगर साहिल उसके बदन की प्यास को बुझा दे तो, वो उससे कोई भी काम ले सकता था……पूनम तो पहली नज़र से साहिल पर मर मिटी थी…….साहिल सो गया…..वो रात को तिवारी के जाने का इंतजार कर रहा था…….

शाम के 5:30 बजे तिवारी ने साहिल को आकर उठाया…..साहिल उठ कर बाथरूम मे चला गया…..जब वो बाहर आया तो, तिवारी तैयार हो चुका था….साहिल को देखते ही तिवारी मुस्कुराते हुए बोला…..आएँ बाबू जी चाइ पी लो. मैं भी ड्यूटी के लिए निकलने वाला हूँ.

तिवारी ने खाना खाया, और घर से निकल गया…..अब साहिल और पूनम दोनो घर पर अकेले थे…..दोपहर की घटना के कारण पूनम साहिल के सामने नही आना चाहती थी…..उसकी हिम्मत नही हो रही थी, कि वो साहिल के सामने जाए…..उधर साहिल का भी यही हाल था…..वो चाहते हुए भी, पूनम के सामने नही जा पा रहा था…..पूनम किचिन से बाहर बार-2 बैठक की ओर देख रही थी.

वो सोच रही थी कि, कब साहिल अपने रूम मे जाए….और वो तिवारी के झूठे बर्तनो को वहाँ से उठाए…..पर साहिल भी जानता था कि, पूनम बर्तन उठाने ज़रूर आयगी….आख़िर कार जब साहिल वहाँ काफ़ी देर तक बैठा रहा….तो पूनम हिम्मत करके किचिन से बाहर आकर बैठक की तरफ जाने लगी….जब साहिल ने पूनम को अपनी तरफ आते देखा, तो पूनम ने अपने सर को झुका लिया….और बैठक मे आ गयी…..

पूनम ने अपने बदन को साड़ी से अच्छे से ढक रखा था…..और वो साहिल की तरफ देख भी नही रही थी…..जिसका कारण साहिल अच्छे से जानता था…..जैसे ही पूनम बर्तन उठा कर किचिन मे जाने लगी, तो साहिल ने उसे पीछे से आवाज़ लगाई….

साहिल: सुनिए. ?

पूनम: (साहिल की आवाज़ सुन कर एक दम चोंक गयी) जी.

साहिल: (घबराते हुए) वो मेरी गर्दन के पीछे दर्द हो रहा है. क्या आप मूव लगा देंगी…..

पूनम: (पूनम को साहिल की बात थोड़ी सी अजीब से लगी. पर वो हां कह कर किचिन मे बर्तन रखने चली गयी.) जी मैं लगा देती हूँ.

जैसे ही पूनम किचिन मे गयी…..साहिल ने अपनी शर्ट और बनियान उतार दी. अब उसके बदन पर सिर्फ़ एक पजामा था……बर्तन रखने के बाद पूनम अपने रूम मे गयी….और मूव उठा ले आई….जैसे ही वो बैठक मे पहुँची , तो उसके दिल की धड़कन थम गयी…..अंदर साहिल अपनी शर्ट और बनियान उतार कर खड़ा था….पूनम की नज़रें साहिल के गोरे बदन और चौड़ी छाती पर गढ़ गयी….एक पल के लिए पूनम ने अपनी तरसती नज़रों से साहिल के गोरे और गठीले बदन को देखा, और फिर अपनी नज़रें झुका कर साहिल की तरफ बढ़ने लगी.

जैसे ही पूनम साहिल के पास पहुँची …..साहिल पूनम की तरफ पीठ करके खड़ा हो गया…..दोनो मे से कोई कुछ नही बोल पा रहा था….पूनम ने मूव खोली, और थोड़ा सा अपने हाथ की उंगलियों पर लगा कर, साहिल की गर्दन और कंधे की मांसपेशियों पर लगा कर मलने लगी….
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