Antarvasna kahani अनौखा समागम अनोखा प्यार
12-25-2019, 01:42 PM,
#7
RE: Antarvasna kahani अनौखा समागम अनोखा प्यार
अपडेट- 5

एक्स-

रॉकी की आवाज़ सुनकर एक दम बौखला गयी.
ऑर आल्बम पीछे छुपाने की कोशिश करने लगी.

रॉकी को जानने की चुल उठी की आख़िर किसकी तस्वीर को चूमा जा रहा है.

नेक्स्ट-

रॉकी (मुस्कुराते हुए)- किसकी तस्वीर को चूमा जा रहा है....

मानसी (हकलाते हुए) क्कीसी क्की नहीं भाई.

रॉकी, मानसी की तरफ लपका ऑर बेड पर कलामुन्डी खाते हुए उसके हाथ से आल्बम झपट ली..
मानसी ने बोहोट कोशिश की उसकप बचाने की पर रॉकी की ताक़त के सामने उस बेचारी का ज़ोर ना चला.

रॉकी ने देखा तो उस आल्बम मे "रॉकी के बर्थडे के फोटो भरे पड़े थे...

(मतलब वो रॉकी के लास्ट बर्तडे की आल्बम थी)

ऑर जहाँ पर मानसी चूम रही थी आल्बम पर उसकी लिपस्टिक के निशान बन गये थे .

वो रॉकी का सिंगल फोटो था..
पर रॉकी को ये देखकर बड़ा झटका लगा कि मानसी की लिपस्टिक के निशान रॉकी के लिप्स पर थे फोटो मे. (रॉकी की आखें बाहर को आ गयीं
वो कभी मानसी के चेहरे को देखता तो कभी अपने फोटो की तरफ)

मानसी की शरम के मारे हालत पतली हो गयी थी वो सर झुका के बेड पर बैठी थी...
उसके फूले फूले गाल शरम से सुर्ख लाल हो चुके थे...
ओर अपनी चुनरी के किनारे पकड़कर अपनी उंगलियों मे घुमा रही थी...
(अक्सर लड़किया ऐसी सिचुयेशन मे ऐसा ही करती हैं)

रॉकी- मनु ये ये क्क्या क्कार रही थी तू

मानसी के मूह से एक भी वर्ड नहीं निकल रहा था उसकी दिल की धड़कन बढ़ी हुई थी जो रॉकी आराम से सुन सकता था

मंसु - वो वो भाई वो

इतने मे ही मोम की आवाज़ उनके कान मे पड़ी
- अरे तुम दोनो यहाँ क्या कर रहे हो
ऑर तुम्हारे चेहरे पर 12 क्यों बजे हुए हैं.

ऑर रॉकी मैने तुमसे बोला था ना कि अपनी बहेन को बुला लाओ खाने के लिए...
इससे पहले कि रॉकी कुच्छ बोलता मानसी तपाक से बोली-
मानसी - हाँ हां मोम चलिए...

(ऑर तेज़ी से नीचे को भाग गयी...)

मोम- ये लड़की भी ना बिल्कुल पागल है...
(ये कहते हुए मोम भी वापस नीचे चली गयीं...)

ऑर जाते जाते रॉकी को लंच के लिए बुलावा दे गयीं.

(रॉकी का दिमाग़ भष्ट हो चुका था वो गहरी सोच मे चला गया) ...

अब उसको वो पुराने इन्सिडेन्स याद आने लगे जिन्हें वो नोटीस नहीं करता था ऐसे ही इग्नोर कर देता था -
कि कैसे रात को मानसी उसी के पास ज़िद्द करके सोती है ऑर रात मे उसके सीने पर हाथ घुमाती रहती है...

ऑर अपनी टाँग को उसके लंड पर प्रेस करती रहती है...
कभी कभी तो सोने का नाटक करते करते उसका लंड भी सहला देती है.

रॉकी इन्हीं सोचो मे गुम था उसको एक बार फिर से मोम की आवाज़ उसके कानो मे आती है
जो लंच के लिए ... बुला रही थीं.

रॉकी (अपनी सोचो से बाहर आते हुए)- आ रहा हूँ मोम. बस 5 मिनिट ...

रॉकी फ्रेश हो रहा था ऑर साथ मे अपने मान मे सोच रहा था कि मनु के मन मे क्या चल रहा है
उससे इस टॉपिक पर कैसे बात की जाए...
आख़िर वो उसकी बहेन है..
उससे ऐसे टॉपिक पर कैसे बात करेगा ..
सोचता हुआ रॉकी नीचे डाइयनिंग टेबल पर पहुँच गया

रॉकी जाकर मानसी के सामने वाली चेर पर बैठ गया
उसने जैसे ही नज़र उठा कर मानसी की तरफ देखा तो मानसी उसे ही एकटक ताक रही थी..

जब मानसी ने रॉकी को अपनी तरफ देखता हुआ पाया तुरंत ही अपना सिर झुका लिया फिर से शरमाने लगी ऑर अपनी पलकें झुका कर अपनी प्लेट मे देखने लगी..

रॉकी को बड़ा ही आश्चर हुआ कि साला आज मेरे साथ हो क्या रहा है ओर ये मनु ऐसे क्यों शरमा रही है जैसे मेरी गर्लफ्रेंड हो ...

उधर मनु अपने मन मे
ओह! भइया ने तो आज पकड़ लिया अब मैं उनका सामना कैसे करूँगी
कैसे कहूँ भाई "आइ लव यू सो मच"

इन दोनो की सोच को विराम लगाया मोम की आवाज़ ने ...
मोम- क्या हो गया है आज तुम दोनो को
खाना ठंडा हो रहा है... ऑर तुम दोनो अपनी सोच मे मस्त हो...
रॉकी सब ठीक तो है ना बेटा

रॉकी - अहहामम्म हाँ हां मों मुझे क्या हुआ है सब ठीक है...

ऑर मोम मैने सोचा है कि बहुत हो गयी ये सिंपल लाइफ अब मैं खुद को थोड़ा चेंज करना चाहता हूँ...
मेरे दोस्त भी नाराज़ हो रहे थे कि इतने बड़े घर का होते हुए भी
ग़रीबों की तरहा जीता है...

मोम- (एक्शिटेड होते हुए)-
चलो देर आए दुरुस्त आए...

मैं तो कब्से तुझसे बोल बोल कर थक गयी हूँ
अब जाकर मुझको भी सुकून मिलेगा..
ऑर तेरे पापा की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहेगा..
रुक तेरे पापा को फोन करती हूँ..

रॉकी- अरे मोम आप ऐसे क्यों रिक्ट कर रही हो जैसे मैं घर मे आपकी बहू लेकर आ गया हूँ...

(मनु को ख़ासी आ गयी उसको फंदा लग गया था रॉकी की बात सुनकर ओर वो ज़ोर - ज़ोर से खास रही थी)..

मोम (हल्के गुस्से से)- ये लड़की भी ना आराम से खाना भी नहीं खा सकती.

(मोम उठकर मानसी के पास पहुँची)

मों-(उसकी पीठ सहलाते हुए )
बेटा अपना धैर्य रखा कर
सूख के काटा हो गयी है
(ऑर मनु के गाल को चूम लिया).

मोम मानसी के पीछे खड़ी थीं.
ऑर उसके चेहरे को नहीं देख सकती थीं.

मानसी अब नॉर्मल हो चुकी थी वो तो बस रॉकी की तरफ देख रही थी... उसकी आखें नम थीं.
वो कुच्छ कहना चाह रही थी पर झिझक के कारण कुच्छ कह नहीं पा रही थी.

रॉकी को कुच्छ समझ नहीं आ रहा था..
की आज उसके साथ क्या हो रहा है..

मोम (रॉकी से)- बेटा एक काम कर
आज जाकर अपने लिए शॉपिंग कर आ
ऑर अपनी लाडली को साथ ले जा इसको भी शॉपिंग
करा ला .

रॉकी -ठीक है मोम
फिर मानसी से (मनु तय्यार रहना शाम को
शॉपिंग चलेंगे.

मनु तो मानो खुशी से झूम उठी ..
वो इस बात से इतनी खुश हुई कि अभी थोड़ी देर पहले हुए इन्सिडेन्स को भूल गयी.
उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी .
वो सिर्फ़ इतना ही बोल पाई
मानसी- थॅंक भाई...

रॉकी- इसमे थॅंक्स की क्या बात है 5 बजे तय्यार रहना.

फिर सभी ने लंच निपटाया

ऑर अपने - अपने रूम मे रेस्ट करने चले गये.

शाम को रॉकी तय्यार हुआ ऑर मानसी के रूम पर नॉक किया..

अंदर से एक प्यारी से आवाज़ आई -
आ जाओ भाई गेट खुला है...

रॉकी अंदर एंटर हुआ - अंदर मनु तय्यार थी कुच्छ ऐसी लग रही थी.



रॉकी उसको एकटक देखने लगा वो उसमे खो गया था
मनु की आवाज़ ने उसके कानो मे शहद सा घोल दिया
- भाई कैसी लग रही हूँ.
रॉकी (अभी होश मे नहीं था) सेक्शकशकष्य्यी
{एक दम हड़बड़ा कर}- बहुत प्यारी बहुत प्यारी

उसने मनु को चोर नज़र से देखा
{मनु तो शरम से गढ़ी जा रही थी
उसके गाल लाल टमाटर की तरहा हो गये थे}

रॉकी (जल्दी से)- मैं ..मैं नीचे तेरा वेट कर रहा हूँ जल्दी आना..(कहते हुए रॉकी मे नीचे की तरफ दौड़ लगा दी)

मनु को तो मानो आज दुनिया भर की खुशी मिल गयी थी रॉकी के जाने के बाद मनु ने गेट लगाया...
ऑर खुशी से नाचने लगी....

मनु - य्ाआआहूऊओ! आइ लव यू भाई ,
आइ लव यू सो सो मच...
तो आख़िर आज भाई की दिल मे दबी बात ज़ुबान पर आ ही गयी...
ऑर वो मन मे सोचने लगी कि कैसे वो रॉकी को अपनी ओर अट्रॅक्ट करेगी.. वो मन ही मन प्लान बनाने लगी...

उधर- (रॉकी अपने मन मे...)

अबे ये मुझे क्या हो गया था बीसी मेरे मूह से ऐसा कैसे निकल गया....
वो सिर खुजाता हुआ नीचे आकर मनु के आने का इंतज़ार करने लगा...

करीब 10 मिनिट बाद मनु नीचे आई

मनु - भाई आइ आम रेडी...

रॉकी आज पहली बार अपने कार गॅरेज मे एंटर कर रहा था...
उसका गॅरेज कुच्छ ऐसा था

रॉकी भी एक बार को शॉक हो गया कि उसके पापा ने उसके लिए इतनी सारी कॉस्ट्ली कार्स रख रखी हैं ... ओर उसने कभी यहाँ पर आना भी ठीक ना समझा था...

रॉकी ने उसमे से मनु की फेवोवरिट कार बगाटी चाइरन
बाहर निकाल ली



मनु सोच रही थी कि आज लगता है सारी खुशी
ऊपर वाला आज ही दे देगा...
आज तो भाई ने कार भी मेरी फॅवुरेट निकाली है..

रॉकी को अपनी रियल लाइफ, अपना स्टेटस पसंद आने लगा था, बचपन से वो एक नॉर्मल इंसान की ज़िंदगी जी रहा था.
पर कल को वो कॉलेज मे अपने फ्रेंड्स संहित सबको झटका देने की सोच रहा था .

इस वख वो मनु से हुए इंसिडंत के बारे मे भूल चुका था.

मनु को कार मे बिठाकर वो एक माल पहुँचा
ये वही माल था जो उसके पापा ने उसके नाम पर ले रखा था.
इस माल का नाम केशव ठाकुर ने अपने दोनो बच्चों के नाम पर रखा था
"आरएम माल" मीन्स- रॉकी & मानसी माल.

दोनो अंदर पहुँचे ऑर दोनो ने अपने लिए बोहोत सारी शॉपिंग की .
रॉकी ने बिल पे किया ओर दोनो चल पड़े
वापस...

माल मे किसी को पता नहीं था कि ये कॉन हैं
क्योंकि इन्होने अपना स्टेटस छिपा के रखा था..

कपड़े खरीद कर दोनो वापस घर पहुँचे
केशव ठाकुर (डॅड) भी घर आ चुके थे..
ऑर मोम (अर्चना) ने उनको सब बता दिया था.

डॅड- आओ आओ बेटा... आइ आम प्राउड ऑफ यू बेटा..
आज तूने ये डिसिशन लेकर बहुत अच्च्छा किया
वरना मैं तो सोच रहा था कि जो मैने कमाया है वो सब बेकार जाएगा.

मानसी अपने कमरे मे चली गयी अपने शॉपिंग बॅग्स लेकर .. ऑर साथ मे रॉकी के भी ले गयी उन्हें उसके रूम मे रखने के लिए

रॉकी - अरे नहीं डॅड एक ही तरहा से लाइफ जीकर थोड़ा बोर हो गया था अब अपनी रियल लाइफ जीना चाहता हूँ.

डॅड - बहुत अच्छे बेटा.

फिर रॉकी इधर - उधर की बात करता रहा डॅड के साथ ऑर उनके बिज्नीस के बारे मे भी.

फिर, मनु भी नीचे आ गयी क्योंकि बातो - बातो मे डिन्नर का टाइम हो चुका था.
तो सभी ने मिलकर डिनर किया ...
आज मनु बहुत चहेक रही थी.
ऑर सब उसे खुश देखकर खुश थे.
सब यही सोच रहे थे कि मनु आज शॉपिंग के लिए खुश है.

डिन्नर करने के बाद सभी अपने - अपने रूम मे सोने चले गये.

मानसी आज रॉकी के रूम मे सोने के लिए नहीं गयी...
क्योंकि आज के इन्सिडेन्स के बाद उसने आज के लिए स्पेस देना बेहतर समझा.

रॉकी तो बिस्तर पर गिरते ही नींद की वादियों मे खो गया...

करीब आधी रात को तेज़ टाय्लेट के प्रेशर की वजह से रॉकी की आँख खुली.

जैसे ही उसने आँख खोलीं डर के मारे
उसकी फॅट के चार हो गयी.
उसके सामने कोई खड़ा था/खड़ी थी...

पर रॉकी को जागता देखकर वो गायब हो गया/हो गयी.

रॉकी ने एक - दो बार अपनी आखें झपका के देखा उसे कोई नज़र ना आया...
तो वो टाय्लेट कर के दोबारा सो गया...

टू... बी... कंटिन्यूड
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