Incest Kahani बाप के रंग में रंग गई बेटी
01-02-2020, 12:39 PM,
#3
RE: Incest Kahani बाप के रंग में रंग गई बेटी
मधु अपने पति के स्वभाव से परिचित थी. उनका गुस्सा देखते ही वह खिसिया कर चुप हो गई. जयसिंह ने घडी नें टाइम देखा और बोले, 'ट्रेन चलने को है और यहाँ तुम हमेशा की तरह फ़ालतू की बहस कर रही हो. चलो अब.'

वे सब स्टेशन के अन्दर चल दिए. जयसिंह ने देखा कि उनका ड्राईवर, जो सामान उठाए पीछे-पीछे आ रहा था, उसकी नज़र मनिका की मटकती कमर पर टिकी थी और उसकी आँखों से वासना टपक रही थी. 'साला हरामी, जिस थाली में खाता है उसी में छेद...' उन्होंने मन ही मन ड्राईवर को कोसते हुए सोचा लेकिन 'छेद' शब्द मन में आते ही उनका दीमाग भी भटक गया और वे एक बार फिर अपनी सोच पर शर्मिंदा हो उठे. वे थोड़ा सा आगे बढ़ मनिका के पीछे चलने लगे ताकि ड्राईवर की नज़रें उनकी बेटी पर न पड़ सके.

उनकी ट्रेन प्लेटफार्म पर लग चुकी थी. जयसिंह ने ड्राईवर को अपनी बर्थ का नंबर बता कर सारा सामान वहाँ रखने भेज दिया और खुद अपने परिवार के साथ रेल के डिब्बे के बाहर खड़े हो बतियाने लगे. मधु और मनिका अभी भी एक दूसरे से तल्खी से पेश आ रही थी. हितेश और कनिका प्लेटफार्म पर इधर-उधर दौड़ लगा रहे थे. तभी ट्रेन की सीटी बज गई, उनका ड्राईवर सामान रख बाहर आ गया था. जयसिंह ने उसे कार के पास जाने को कहा और फिर हितेश और कनिका को बुला कर उन्हें ठीक से रहने की हिदायत देते हुए ट्रेन में चढ़ गए. मनिका ने भी अपने छोटे भाई-बहन को प्यार से गले लगाया और अपनी माँ को जल्दी से अलविदा बोल कर ट्रेन में चढ़ने लगी. जयसिंह ट्रेन के दरवाजे पर ही खड़े थे, उन्होंने मनिका का हाथ थाम कर उसे अन्दर चढ़ा लिया. जब मनिका उनका हाथ थाम कर अन्दर चढ़ रही थी तो एक पल के लिए वह थोड़ा सा आगे झुक गई थी और जयसिंह की नज़रें उसके गहरे गले वाली टी-शर्ट पर चली गई थी, मनिका के झुकने से उन्हें उसके वक्ष के उभार नज़र आ गए थे. २२ साल की मनिका के दूध से सफ़ेद उरोज देख जयसिंह फिर से विचलित हो उठे. उन्होंने जल्दी से नज़र उठा कर बाहर खड़ी मधु की ओर देखा. लेकिन मधु दोनों बच्चों को लेकर जा चुकी थी.

एक हलके से झटके के साथ ट्रेन चल पड़ी और जयसिंह भी अपने-आप को संभाल कर अपनी बर्थ की ओर चल दिए.

***

जयसिंह और मनिका का रिजर्वेशन फर्स्ट-क्लास ए.सी. केबिन में था. जब उन्होंने अपने केबिन का दरवाज़ा खोला तो पाया कि मनिका बर्थ पर बैठी है और खिड़की से बाहर देख रही है. खिड़की से सूरज की तेज़ रौशनी पूरे केबिन में फैली हुई थी, वे मनिका की सामने वाली बर्थ पर बैठ गए. मनिका उनकी ओर देख कर मुस्काई,

'फाइनली हम जा रहे हैं पापा, आई एम सो एक्साइटेड!' उसने चहक के कहा.

'हाहा...हाँ भई.' जयसिंह भी हँस के बोले.

'क्या पापा मम्मी हमेशा मुझे टोकती रहती है...' मनिका ने अपनी माँ से हुई लड़ाई का जिक्र किया.

'अरे छोड़ो न उसे, उसका तो हमेशा से यही काम है. कोई काम सुख-शान्ति से नहीं होता उससे.' जयसिंह ने मनिका को बहलाने के लिए कहा.

'हाहाहा पापा, सच में जब देखो मम्मी चिक-चिक करती ही रहती है, ये करो-ये मत करो और पता नहीं क्या क्या?' मनिका ने भी अपने पिता का साथ पा कर अपनी माँ की बुराई कर दी.

'हाँ भई मुझे तो आज २३ साल हो गए सुनते हुए.' जयसिंह ने बनावटी दुःख प्रकट करते हुए कहा और खिलखिला उठे.
'हाय पापा आप बेचारे...कैसे सहा है आपने इतने साल.' मनिका भी खिलखिलाते हुए बोली और दोनों बाप-बेटी हँस पड़े. 'पर सीरियसली पापा आप ही इतने वफादार हो कोई और होता तो छोड़ के भाग जाता...' मनिका ने हँसते हुए आगे कहा.

'हाहा...भाग तो मैं भी जाता पर फिर मेरी मणि का ख्याल कौन रखता?' जयसिंह ने नहले पर देहला मारते हुए कहा.
'ओह पापा यू आर सो स्वीट!' मनिका उनकी बात से खिल उठी थी. वह खड़ी हुई और उनके बगल में आ कर बैठ गई. जयसिंह ने अपना हाथ मनिका के पीछे ले जा कर उसके कंधे पर रखा और उसे अपने से थोड़ा सटा लिया, मनिका ने भी अपना एक हाथ उनकी कमर में डाल रखा था.

वे दोनों कुछ देर ऐसे ही बैठे रहे. ये पहली बार था जब जवान होने के बाद मनिका ने अपने पिता से इस तरह स्नेह जताया था, आम-तौर पर जयसिंह उसके सिर पर हाथ फेर स्नेह की अभिव्यक्ति कर दिया कर देते थे. सो अचानक बिना सोचे-समझे इस तरह करीब आ जाने पर मनिका कुछ पलों बाद थोड़ी असहज हो गई थी और उससे कुछ कहते नहीं बन रहा था. दूसरी तरफ जयसिंह भी मनिका के इस अनायास ही उठाए कदम से थोड़ा विचलित हो गए थे, मनिका के परफ्यूम की भीनी-भीनी खुशबू ने उन्हें और अधिक असहज कर दिया था. इस तरह दोनों ही बिना कुछ बोले बैठे रहे.
'पता है पापा, मेरे सारी फ्रेंड्स आपसे जलती हैं?' इससे पहले कि उनके बीच की खामोशी और गहरी होती मनिका ने चहक कर माहौल बदलते हुए कहा.

हाहाहा...अरे क्यूँ भई?' जयसिंह भी थोड़े आश्चर्य और थोड़ी राहत की सांस लेते हुए बोले.

'अब आप मेरा इतना ख्याल रखते हो न तो इसलिए...मेरी फ्रेंड्स कहती है कि उनके पापा लोग उन्हें आपकी तरह चीज़ें नहीं दिलाते यू क्नो...वे कहती हैं कि...' इतना कह मनिका सकपका के चुप हो गई.

'क्या?' जयसिंह ने उत्सुकतावश पूछा.

'कुछ नहीं पापा ऐसे ही फ्रेंड्स लोग मजाक करते रहते हैं.' मनिका ने टालने की कोशिश की.

'अरे बताओ ना?' जयसिंह ने अपना हाथ मनिका की पीठ पर ले जाते हुए कहा.

'वो सब कहते हैं कि तेरे पापा...कि तेरे पापा तो तेरे बॉयफ्रेंड जैसे हैं. पागल हैं मेरी फ्रेंड्स भी.' मनिका ने कुछ लजाते हुए बताया.

'हाहाहा...क्या सच में?' जयसिंह ने ठहाका लगाया. साथ ही वे मनिका की पीठ सहला रहे थे.

'नहीं ना पापा वो सब मजाक में कहते हैं...और मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है ओके...' मनिका ने थोड़ा सीरियस होते हुए कहा क्यूंकि उसे लगा की उसके पिता बॉयफ्रेंड की बात सुन कर कहीं नाराज न हो जाएँ.

'हाँ भई मान लिया.' जयसिंह ने मनिका की पीठ पर थपकी दे कर कहा, उन्होंने जाने-अनजाने में अपना दूसरा हाथ मनिका की जांघ पर रख लिया था.

मनिका की जांघें लेग्गिंग्स में से उभर कर बेहद सुडौल और कसी हुई नज़र आ रही थी. जयसिंह की नज़र उन पर कुछ पल से टिकी हुईं थी और उनके अवचेतन मन ने यंत्रवत उनका हाथ उठा कर मनिका की जांघ पर रख दिया था. अपने हाथ से मनिका की जांघ महसूस करते ही वे और अधिक भटक गए, मनिका की जांघ एकदम कसी हुई और माँसल थी. उन्होंने हलके से अपना हाथ उस पर फिराया, उन्हें लगा की बातों में लगी मनिका को इस का एहसास शायद न हो लेकिन उधर मनिका भी उनके हाथ की पोजीशन से अनजान नहीं थी. जयसिंह के उसकी जांघ पर हाथ रखते ही मनिका की नजर उस पर जा टिकी थी, लेकिन उसने अपनी बात जारी रखी और अपने पिता के इस तरह उसे छूने को नज़रन्दाज कर दिया, उसे लगा कि वे बस उससे स्नेह जताने के लिए ऐसा कर रहे हैं.

'चलो पापा अब आप आराम से बैठ जाओ. मैं अपनी बर्थ पे जाती हूँ.' कह मनिका उठने को हुई. जयसिंह ने भी अपने हाथ उसकी पीठ और जांघ से हटा लिए थे. उनका मन कुछ अशांत था.

'क्या मैंने जानबूझकर मणि...मनिका के बदन पर हाथ लगाया? पता नहीं कैसे मेरा हाथ मानो अपने आप ही वहाँ चला गया हो. ये मैं क्या सोचने लगा हूँ...अपनी बेटी के लिए. नहीं-नहीं अब से ऐसा फिर कभी नहीं होगा. हे ईश्वर मुझे क्षमा करना.' जयसिंह ने मन ही मन सोचा और आँखें मूँद प्रार्थना कर वचन लिया. वे अब थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे, उन्होंने आँखें खोली और उसी के साथ ही जयसिंह पर मानो बिजली गिर गई.

जयसिंह ने जैसे ही आँखें खोली तो सामने का नज़ारा देख उनका सिर चकरा गया था, मनिका की पीठ उनकी तरफ थी और वह खड़ी-खड़ी ही कमर से झुकी हुई थी. उसके दोनों नितम्ब लेग्गिंग्स के कपड़े में से पूरी तरह उभर कर नज़र आ रहे थे वह उसकी पतली गोरी कमर केबिन में फैली सूरज की रौशनी में चमक रही थी. जयसिंह का चेहरा अपनी बेटी के अधो-भाग के बिलकुल सामने था. जयसिंह ने अपने लिए प्रण के वास्ते से अपनी नज़रें घुमानी चाही पर उनका दीमाग अब उनके काबू से बाहर जा चुका था. अगले ही पल उनकी आँखें फिर से मनिका के मोटे कसे हुए नितम्बों पर जा टिकीं. उन्होंने गौर किया कि मनिका असल में सामने वाली बर्थ के नीचे रखे बैग में कुछ टटोल रही थी. उनसे रहा न गया.

'क्या ढूँढ रही हो मनिका?' उन्होंने पूछा.

'कुछ नहीं पापा मेरे ईयरफोंस नहीं मिल रहे, डाले तो इसी बैग में थे.' मनिका ने झुके-झुके ही पीछे मुड़ कर कहा.
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Kahani बाप के रंग में रंग गई बेटी - by sexstories - 01-02-2020, 12:39 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,458,161 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,559 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,795 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,607 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,345 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,060,583 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,916,410 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,942,977 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,987,696 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,786 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)