RE: Incest Kahani बाप के रंग में रंग गई बेटी
भले ही कनिका तड़प उठी थी इतने ज़ोर से काटने पर..लेकिन उसने कोई शिकायत नही की
बल्कि मनिका के चेहरे को पकड़कर अपने दूसरे बूबे पर ले आई और आँखो ही आँखो में उसे भी उतनी ही ज़ोर से काटने की गुज़ारिश कर डाली..
और उसकी बात को मानते हुए मनिका ने उस निप्पल को भी नही बक्शा और अपने पैने दांतो से उसके कोमल माँस को अंदर दबा कर मसल डाला..
दर्द और मज़े से भरी सिसकारियाँ गूँज उठी पूरे कमरे में ..
और उस चीख को भी मनिका ने अपने मुँह से दबा दिया ....अपने होंठ रख दिए उसके लरज रहे अधरों पर...और पी लिया सारा का सारा मीठा रस.
मनिका की चूत में फिर से खुजली होने लगी थी..
वो धीरे-2 किसी नागिन की तरह चलती हुई कनिका के उपर चड़ती चली गयी..
और अपने ही आनंद में डूबी हुई कनिका को पता भी नही चला की कब मनिका की रस टपकाती हुई चूत उसके मुँह के ठीक उपर आ लगी..
मनिका ने अपनी चूत को नीचे करते हुए उसके होंठों से छुआया ,और जैसे ही कनिका को उसकी चूत का अंदाज़ा हुआ, उसने लपक कर अपनी जीभ बाहर निकाल ली और उसे चाटना शुरू कर दिया.
मनिका बड़े ही मादक अंदाज में अपनी कमर हिला-हिलाकर उस से अपनी आइस्क्रीम चुस्वा रही थी.
एक के बाद दूसरी बार झड़ने के बहुत करीब पहुँच चुकी थी अब वो.
कनिका तो जैसे हर पल के साथ सेक्स में मास्टर होती चली जा रही थी.
उसकी जीभ अब पहले से ज़्यादा अंदर और पहले से ज़्यादा हमला करती हुई उसकी सेवा कर रही थी.
पर अब सिर्फ़ उसकी जीभ के कुरेदने से कुछ होने वाला नही था..
दोनो के सिर पर उत्तेजना का ज्वार पूरी तरह से चढ़ चुका था.
मनिका ने अपनी चूत को नीचे लाते हुए उसकी टाँगो के बीच में से अपनी टांगे क्रॉस करी जिससे दोनो की चूतें आपस में मिल गयी..
और फिर दोनो एक दूसरे की आँखो में देखते हुए धीरे -2 अपने-2 शरीर को हिलाने लगे
और उस थिरकन ने जल्द ही रफ़्तार पकड़ ली
ऐसा लग रहा था जैसे दोनो को एक दूसरे से पहले झड़ने की जल्दी है..
कनिका ने तो उसके चेहरे को अपने करीब लाकर उसे फ्रेंच किस करना शुरू कर दिया..
और साथ ही साथ उसकी गोल मटोल बूब्स बॉल्स को भी अपने हाथों से मसलने लगी
एक साथ अपने सभी सेंसेटिव पायंट्स पर हमला होता देखकर मनिका तो बावली हो गयी.
उसके होंठों को वो किसी वहशी की तरह चूस रही थी...बिल्कुल वैसे ही जैसे उसके पापा ने चूसा था उसे उस दिन बरसात में .
और स्तनों को तो ऐसे मसल रही थी जैसे वो रबड़ के बने हो...पर इस वक़्त दर्द से ज़्यादा मज़ा मिल रहा था.
और अपनी चूत के उपर उसकी चूत की घिसाई महसूस करते हुए तो उसका बुरा हाल था.
घर्षण से इतनी गर्मी निकल रही थी अंदर से की अगर कोई कागज रख दो तो वो भी आग पकड़ ले..
मनिका से वो सब बर्दाश्त नही हुआ और उसने कनिका को नीचे पटक दिया
और खुद उसके उपर चढ़ बैठी.
किसी मर्द की तरह
और अपनी चूत को फिर से उसकी चूत पर लगाकर ऐसे झटके मारने लगी जैसे वो अपने लंड से उसकी चुदाई कर रही हो
कनिका के सेक्सी जिस्म और नशीली आँखो मे देखते हुए उसने अपनी चोदने की स्पीड तेज कर दी.
दोनो की चूतें एक दूसरे से घिसाई करने के बाद चाशनी से तर बतर हो चुकी थी.
चादर तो भीग ही चुकी थी बुरी तरह से
और फिर वो वक़्त आ ही गया,जिसके लिए दोनो इतनी मेहनत कर रही थी..झड़ने का
और आख़िर मे बुरी तरह से कराहती हुई दोनो झड़ने लगी..ढेर सारा पानी निकला था उन दोनों बहनों की फूल जैसी चुतो से
आखिर कई देर की मशक्कत के बाद मिले इस जन्नत जैसे आनंद की प्राप्ति के बाद वो दोनों बहनें एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर सो गई,
शाम के 5 बजने वाले थे, कनिका की आंखे पहले खुल चुकी थी, उसने अपने साइड में देखा तो मनिका बिल्कुल निश्चिन्त होकर सोई पड़ी थी, अपनी दीदी को इस तरह देखकर कनिका से रह नही गया और उसने आगे बढ़कर अपने होठों को मनिका के होठों से सटा दिया, और उनका जूस चूसने लगी
मनिका भी कनिका की इस हरकत से उठ गई, और कनिका को इस तरह अपने होठ चूसते देख उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी, थोड़ी देर के चुम्बन के बाद दोनों बहनें खड़ी हुई और फ्रेश होकर हॉल में आ गई और बाते करने में मशगूल हो गयी
कनिका - दीदी अब तो हम पापा के साथ मिलकर सेक्स कर सकते है ना, कितना मज़ा आएगा, आप मैं और पापा
मनिका - हाँ छुटकी, बहुत मज़ा आएगा, पर पापा को ये बताएंगे कैसे कि अब हम साथ मे सेक्स करने के लिए पूरी तरह से तैयार है
कनिका - उसकी चिंता आप मत करो दीदी, आज हम दोनों उनको वो जलवे दिखएँगे कि वो खुद हमे साथ मे चोद देंगे
मनिका - धत्त तू बहुत शैतान हो गयी है छुटकी, पर मेरी एक शर्त है
कनिका - शर्त कैसी शर्त
मनिका - तुम दोनों ने मुझे बिना बताए सेक्स किया इसलिए उसकी सजा मैं तुम्हे दूंगी
कनिका - सज़ा कैसी सज़ा
मनिका - यही की पापा को ये बताने के बाद कि अब हम दोनों उनसे साथ सेक्स कर सकते है, पर आज की रात पहले सिर्फ मैं ही उनसे चुदाई करवाउंगी, और तुम सिर्फ पास बैठकर देखोगी, ताकि तुम्हे भी पता चले कि कल रात तुम दोनों को चुदाई करते देख मेरी क्या हालत हुई थी, और पापा भी तुन्हें पास में बैठा देखे पर कुछ कर न सके
कनिका - पर दीदी ये तो बहुत बड़ी सज़ा दी रही हो आप, मैं कैसे खुद को कंट्रोल कर पाऊंगी
मनिका - मुझे नही पता, तू मेरी बहन है ना, मेरी इतनी बात नही मान सकती
कनिका - चलो ठीक है दीदी, आपके लिए मैं सब कीच करूंगी ,पर आपके एक बार चुदाई के बाद हम आज ही मिलकर उनसे चुदाई करवाएंगे पक्का
मनिका - हाँ ठीक है
यह कहकर दोनों बहनें एक दूसरे से गले लग गयी, और फिर दोनों मनिका के रूम में आ गयी और बहुत ही सेक्सी तरीके से खुद को सजाने लगी
आज तो दोनों बहनें इस कदर सेक्सी लग रही थी जैसे वो आज जयसिंह पर कहर ही ढाना चाहती थी
शाम को जयसिंह अपने घर पहुंचा, घर की बेल बजाई तो सामने कनिका खड़ी थी, आज तो इतनी सेक्सी लग रही थी कि जयसिंह तो बस उसे देखता ही रह गया
कनिका - क्या हुआ पापाआआआ, ऐसे क्या देख रहे हो मुझे
जयसिंह - बेटी आज तो तुम इतनी सेक्सी लग रही हो कि मन कर रहा है कि यही पटककर छोड़ दूं तुम्हे
कनिका - क्या पापाआआआ, आप भी ना, कल रात ही तो आपने मेरी चुत की जबरदस्त कुटाई की है
जयसिंह - अरे तेरी जैसी चुत को तो जितना चोदा जाए उतनी ही इच्छा और भी बढ़ती जाती है, वैसे मनिका कहाँ है, बाहर गयी है क्या, चलो न अभी एक राउंड कर लेते है
कनिका - अरे अरे रुको पापा, दीदी अंदर ही है, टीवी देख रही है
जयसिंह ये सुनकर थोड़ा सा दुखी हुए और अंदर आ गया, पर उसे क्या पता था कि आज उस पर क्या कहर ढहने वाला है
जयसिंह ने जब हॉल में मनिका को देखा तो उसके हाथ मे जो सूटकेस था वो वही गिर गया, वो एकटक मनिका को निहारने लगा, उसकी प्यारी सी रंडी बेटियां आज उसके लंड पर कहर ढाए जा रही थी, मनिका ने तो इतनी छोटी सी स्कर्ट पहनी थी कि उसमें से उसकी गुलाबी कच्छी की झलक साफ साफ दिखाई दे रही थी
उसकी तन्द्रा तब भंग हुई जब कनिक ने पीछे से उसे आवाज़ दी, क्या हुआ पापाआआआ ,आप रुक क्यों गए
जयसिंह सकपकाया और जल्दी से अपना बैग उठाकर अपने रूम में दौड़ गया, उसको इस तरह हड़बड़ाते देखकर दोनों बहनें हसने लगी, उन्हें अपनी पहली चाल कामयाब होती दिख रही थी
कमरे में आकर जयसिंह को ऐसा लग रहा था जैसे वो 100 मीटर की दौड़ में हिस्सा लेकर आया है, उसका बदन आग की तरह सुलग रहा था, रह रहकर उसकी आँखों के सामने उसकी बेटियों का वो रूप आ रहा था
"आज क्या हो गया इन दोनों को, कोसे छोटे छोटे कपड़े पहन मेरे इस लंड पर कहर ढा रही थी, पूरी रंडी लग रही थी दोनों, मन कर रहा था कि वही पटककर दोनों को छोड़ दूं, हाय्य .....और वो मनिका तो अपनी पूरी कच्छी के दर्शन करवा रही थी मुझे, मन कर रहा था कि उसे वही लिटाकर उसकी गर्म चुत में अपना मोटा लंड घुसेड़ दूँ" जयसिंह इसी तरह की बातों में उलझा था
थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर अपने पाजामे और टीशर्ट में बाहर आया, अभी भी दोनों बहनें टीवी देखने मे बिजी थी
जयसिंह आकर उनके साथ ही सोफे पर बैठ गया
"और पापा, कैसा रहा दिन ऑफिस में आज" कनिका ने पूछा
"अच्छा रहा बेटी, तुम दोनों बताओ कैसा गुज़रा आज का दिन" जयसिंह बोला
"अरे पापाआआआ आज तो हम दोनों बहनें बेस्ट फ्रंड्स भी बन चुकी है, बहुत अच्छा रहा हमारा दिन" कनिका चहकती हुई बोली
"क्यों इस क्या हो गया आज" जयसिंह ने आश्चर्य से पूछा
पर कनिका तो बस इसी सवाल का इंतेज़ार कर रही थी, उसके शैतानी दिमाग ने इस पल के लिए कुछ सोच रखा था, उसने पहले ही प्लान बना रखा था, और अपने प्लान पर अमल करती हुई वो बेबाकी से बोल पड़ी
"आज हम दोनों बहनों का बदन एक हो गया है पापाआआआ" कनिका बोली
"क्या मतलब........" जयसिंह के गले की सांस उसे रुकती हुई सी महसूस हुई
"मतलब ये मेरे भोले पापा की आज हम दोनों बहनों ने एक दूसरे की चुत से निकली मस्त मलाई चख ली हैं" कनिका बेबाकी से जवाब दिए जा रही थी
"ये ....ये...तुम कैसी गन्दी बाते कर रही हो मेरे सामने" जयसिंह थोड़ा हकलाता हुआ बोला
"अच्छा जी आप गंदे काम कर सकते है और हम बोल बजी नही सकते" इस बार मनिका बीच मे बोल पड़ी
"गंदे काम मैने क्या किया है" जयसिंह सचमुच काफी डर गया था ,उसकी ऐसी हालत देखकर दोनों बहनें हंसी जा रही थी
"गंदे काम, मैं बताती हूं कि आपने क्या किया, आपने मेरे साथ दो बार दमदार चुदाई की और बिना मुझे बताए अपनी छोटी बेटी को भी छोड़ दिया" मनिका झुटमुट के गुस्से में बोली
" क्याआआआआ....." अब तो जयसिंग की सिटी पिट्टी गुम हो चुकी थी, उसका भांडा फुट चुका था, उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे
"क्यों पापाआआआ, अब बोलो क्या हुआ" मनिका बोली
"वो बेटी वो वो म मम्मम...." जयसिंह हकला रहा था
"पापा अब तो आपको सज़ा जरूर मिलेगी" मनिका बोली
"सज़ा कैसी सज़ा" जयसिंह डरता हुआ बोला, उसे तो लग रहा था कि उसके हाथ मे आयी हुई उसकी दोनों बेटिया उसके हाथों से निकलने वाली है, काश वो एक मे ही खुश रहता, वो अपनी किस्मत को दोष दे रहा था, पर उसे क्या पता था कि आज की रात उसकी किस्मत बदलने वाली है
"मैं बताती हूँ कि आपको क्या सज़ा मिलेगी, आपकी सज़ा ये है कि आज हम मैं आपके इस अहंकारी बड़े से लंड को कच्चा कहा जाऊंगी" मनिका हस्ते हुए बोली
दोनों बहनों को हस्ते देख जल्द ही जयसिंह को भी सारा माजरा समझ आ गया, वो भी अब हल्के हल्के मुस्कुराने लगा
"अरे रुको अभी तो पूरी सज़ा सुननी बाकी है" मनिका बोली
"बोलो क्या सजा दोगी मुझे" जयसिंह भी अब इस खेल का मजा ले रहा था
"आपकी सजा ये है कि आज की रात आपके इस लंड को मेरी चुत को 3 बार काम से कम शांत करने होगा, और आप सिर्फ मेरी ही चुदाई करोगे, कनिका पास में खड़ी होकर नंगी हमे देखेगी, पर आप उसे छू नही सकते" मनिका बोली
ये तो सचमुच एक सजा से कम नही थी, कनिका जैसी खूबसूरत रांड बेटी सामने नंगी खड़ी हो तो वो कैसे खुद पर काबू रखता, पर वो मनिका को मना भी नही कर सकता था
उसने भारी मन से हाँ भर दी, उसके हां भरने की देर थी कि मनिका ने तुरंत जयसिंग के होठो पर हमला कर दिया,
मनिका अपने मुँह से अजीब-2 सी आवाज़ें निकाल रही थी...और जयसिंह को अपने होंठों के ज़रिए पिये जा रही थी.
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