RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
प्रेम उस दिन ब्लूफिल्म देख कर समझ तो गया ही था कि चुदाई कैसे करते है उसने उस सीन को वास्तविकता मे करने का सोचा और फिर चाची की चूची पर अपने होठ लगा दिए गरम चूची पर होटो का कोमल स्पर्श पाकर विनीता मचलने लगी वो खुद प्रेम के मूह को अपने बोबो पर दबाने लगी, उत्तेजना की आग दोनो के जिस्मो को पिघला रही थी
विनीता की बेहद कसी हुई चूचियो की घुंदियो पर प्रेम की लिसलीसी जीभ कहर ढा रही थी वो इस कदर उत्तेजित हो चुकी थी कि उसका रोम रोम कांप रहा था बाहर से आती बरसात की हल्की बूँदो के साथ ठंडी हवा आग मे घी का काम कर रही थी खुद प्रेम का लंड भी दुबारा से खड़ा हो गया था और सुपाडे पर लगा प्री कम उसे चिकनाई प्रदान कर रहा था बस ज़रूरत थी तो सही मोके पर चोट करने की
विनीता प्रेम की बाहों मे बहुत ही अच्छा महसूस कर रही थी, उसने अपना हाथ नीचे को किया और प्रेम के लंड को पकड़ कर अपनी प्यासी चूत पर रगड़ने लगी उस रगड़ का असर यूँ हुआ कि दोनो बदन अब प्रेम क्रीड़ा हेतु आतुर हो चुके थे आख़िर विनीता ने कह ही दिया , प्रेम अब सहा नही जाता देर ना कर अपनी चाची को और ना तडपा अपनी टाँगे खोल दे
प्रेम ने अपने लंड को चूत के मुहाने पर सेट किया इधर विनीता ने अपने कुल्हो के नीचे एक तकिया लगा लिया अब जैसे ही प्रेम ने एक जोरदार झटका मारा तो उसका मोटा सुपाडा विनीता की चूत को जैसे चीरता हुआ अंदर को अटक गया विनीता के मूह से दर्द भरी चीख निकल गयी वैसे तो वो एक्सपीरियेन्स होल्डर थी और उसकी शादी को भी 17 साल हो गये थे पर फिर भी उसे लगा कि जैसे उसकी चूत फट सी गयी हो वो कुछ कह पाती............
उस से पहले ही प्रेम के अगले धक्के से उसका लगभग आधा लंड विनीता की चूत मे घुस चुका था विनीता को बहुत दर्द होने लगा था पर वो जानती थी कि दर्द के बाद ही असली मज़ा मिलता है तो वो बस उस दर्द को झेलने की कोशिश करने लगी दूसरी तरफ चूत मिलने की खुशी मे प्रेम बौरा गया और बिना विनीता की परवाह किए धक्के पे धक्के लगाते हुए आख़िर कार पूरे लंड को चूत मे डाल ही दिया
विनीता को ऐसा लगा कि जैसे उसकी बच्चेदानी से कुछ अड़ सा गया हो इतनी गहराई तक उसके पति का लंड तो कभी पहुचा ही नही था, तो उसके लिए भी ये एक बिल्कुल अलग सा ही अनुभव था उसकी आँखे बंद हो गयी और वो गहरी साँसे ले रही थी अब प्रेम उस पर पूरी तरह से छा चुका था प्रेम उस पर लेट गया और उसके गालो को चूमने लगा विनीता ने अपने हाथो से उसकी कमर को सहलाना शुरू कर दिया
कुछ देर तक वो दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर प्रेम ने अपने लंड को बाहर की ओर खीचा तो विनीता को ऐसा लगा कि जैसे कोई चाकू उसकी चूत को चीरे जा रहा हो और फिर पूरी ताक़त के साथ उसने दुबारा चूत मे लंड को घुसा दिया विनीता एक बार फिर से अपनी चीख को ना रोक सकी वो बोली- क्या कर रहे हो मेरी जान ही लोगे क्या थोड़ा आराम से करो पर प्रेम का ये पहली बार था तो आराम कैसे हो
कुछ देर तक प्रेम धीरे धीरे धक्के लगाता रहा , इधर विनीता की चूत भी प्रेम के लंड के हिसाब से अब सेट हो गयी थी और चूत के चिक्नेपन की वजह से घर्षण मे अब दोनो को मज़ा आने लगा था विनीता एक भूखी लोमड़ी बन चुकी थी, वो प्रेम की गर्दन पर अपने दाँतों से काटने लगी उसकी कसी हुई चूत प्रेम के लंड की नसों पर दवाब डालने लगी थी जहाँ कुछ देर पहले वो दर्द महसूस कर रही थी अब वो बस मज़े के सागर मे डूबी हुवी थी
प्रेम के भारी टटटे जब उसके चुतड़ों से टकराते तो विनीता को बड़ा ही मज़ा आ रहा था , उसने अपना मूह खोला और अपनी गुलाबी जीभ प्रेम के मूह मे सरका दी कमरे का आलम चुदाई की वजह से बहुत गरम हो चुका था , थप ठप की आवाज़ आ रही थी करीब 15-0 मिनिट की चुदाई के बाद विनीता झड़ने को आ गयी थी उसने कस कर प्रेम को अपनी बाहों मे भर लिया और झड़ने लगी उसकी चूत से आज से पहले इतना रस कभी नही निकला था
वो झड चुकी थी पर प्रेम अभी भी पूरी रफ़्तार से उसे चोदे जा रहा था , तो वो फिर से गरम हो ने लगी अब प्रेम ने उसे घोड़ी बना दिया और उसके मोटे मोटे चुतड़ों पर किस करने लगा उसकी गरम साँसे अपने चुतड़ों पर महसूस करके विनीता पागल होने लगी थी अब प्रेम ने उसकी चूत को थोड़ा सा उभारा और अपने लंड को चूत के छेद से लगा दिया
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