RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
प्रेम अपनी माँ के पास ही खड़ा हो गया और बाते करने लगा जब जब सुधा रोटिया बनाने के लिए थोड़ा सा झुकती तो उसके बड़े बड़े बोबे उसके ब्लाउज की क़ैद को तोड़कर बाहर आने को बेकरार से लगते थे रसोई की गर्मी से ब्लाउज पसीने से गीला सा हो रहा था तो चूचियो को अच्छी तरह से नुमाया हो रही थी प्रेम की आँखे अपनी मम्मी के बोबो से हट ही नही रही थी प्रेम का बेचैन लंड उसकी मुश्किल और भी बढ़ाने लगा था
सुधा ने भी दुनिया देखी थी अपने बेटे की गंदी नज़र को उसने भी पढ़ लिया था पर वो समझती थी कि जवानी के शुरुआती दिनो मे ये सब होता ही है तो फिर उसने इतना ध्यान नही दिया और खाना बनाती रही पर ना जाने क्यो उसका ध्यान भी बार बार प्रेम की निक्कर मे बने हुए तंबू पर जा रहा था उसका मन भी मचलने लगा उसने मन ही मन सोचा कि अभी उषा भी नही है घर पर तो थोडा सा मज़ा प्रेम से ले लेती हूँ देखती हूँ कि बेटा की बेकरारी दिन भर से जो विनीता की सेक्सी बातों ने उसके झान्टो मे आग लगाई थी तो सुधा भी थोड़ी सी बेशर्मी पर उतर आई थी
सुधा ने प्रेम की ओर देखा और एक मादक अंगड़ाई ली जिस से उसके बोबे पूरी तरह से तन गये और उसके निपल्लस खड़े हो गये अपनी माँ की भारी भारी चूचियों को देख कर प्रेम का हाल बुरा हुआ उसका लंड तो जैसे फटने को ही हो गया सुधा ने अपनी चाल चलते हुए कहा बेटा मेरी पीठ मे अचानक से खुजली हो गयी है मेरे हाथो मे आटा लगा है ज़रा तू ही खुज़ला दे,
प्रेम- हाँ माँ अभी खुज़ला देता हूँ और सुधा के बिल्कुल पीछे खड़ा हो कर खुजलाने लगा
सुधा- बेटे बहुत खुजली हो रही है थोड़ा अच्छी से पास आकर कर ना
प्रेम तोड़ा सा और सरका और बिल्कुल सुधा से चिपक सा ही गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा अब लंड तो ठहरा लंड अपनी हरकतों से कहाँ बाज आने वाला था सुधा ने शरारत करते हुए अपनी भारी फूली हुई गान्ड को थोड़ा सा पीछे को उभार दिया उसके कूल्हे प्रेम के उभरे हुए लंड से रगड़ खाने लगे तो प्रेम की सांस गले मे ही अटक ही गयी और सुधा का भी पसीना बह निकला अपने बेटे के भारी लंड को गान्ड की दरार पर महसूस करते ही उसकी चूत गरम होने लगी
दोनो माँ बेटे मे चुप्पी साधे हुए थे सुधा उसके लंड पर धीरे धीरे अपनी गान्ड हिला रही थी प्रेम का लंड इतना टाइट हो गया था कि बस दो पल भी खुद पर काबू ना रख पाएगा वो, उसकी गरम साँसे सुधा के कान और गालो पर पड़ रही थी सुधा ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था रोटी बनाना तो वो जैसे भूल ही गयी थी प्रेम ने अब अपना हाथ उसकी पीठ से हटा लिया और अपनी माँ की कमर को थाम लिया और सहलाने लगा सुधा अपने होश खो रही थी उसकी गान्ड अब अपने आप हिल रही थी पतली सी साड़ी जो बीच मे थी वो प्रेम के लंड के दवाब को अपनी माँ की गान्ड पर दवाब डालने से बिल्कुल नही रोक पा रही थी
दोनो माँ बेटे सुध बुध खोकर बस उस अहसास को जी रहे थे कि तभी बाहर से उषा की आवाज़ आई तो फिर दोनो का ध्यान टूटा और प्रेम रसोई से बाहर निकल गया उसने उषा को इशारा किया और उपर आने को कहा, पर उषा पहले रसोई मे गयी माँ से खाने का पूछा और फिर उपर गयी सीढ़ियो पर ही उसे प्रेम ने अपनी बाहों मे दबोच लिया और उसको किस करने लगा उसका दाँत उषा के नरम होठ पर लग गया था जिस से उषा के होठ से खून बहने लगा तो वो प्रेम को पीछे धकेलते हुए बोली- पूरे कमीने हो गये हो तुम ऐसा कोई करता है क्या
प्रेम कुछ नही बोला और उषा को अपने से फिर से चिपका लिया और उसकी गान्ड को मसल्ते हुए बोला- माफ़ करना दीदी खुद पे काबू नही रहता
उषा- मेरे भाई मेरा हाल भी कुछ ऐसा ही है पर थोड़ा काबू रखो खुद पे देखो मेरा होठ सूज गया है अभी माँ देखेगी तो मैं क्या कहूँगी मैं भी बड़ी बेकरार हूँ तुम्हारी तरह से पर थोड़ी सावधानी तो रखनी ही पड़ेगी ना और फिर बस माँ थोड़ी देर मे ही चाची के घर जाने वाली है फिर मैं तुम्हे तुम्हारी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत तोहफा दूँगी…
प्रेम खुशी से पागल हो रहा था आख़िर उसको घर मे ही चूत जो मिलने जा रही थी
वो भी अपनी सग़ी बहन की इस से ज़्यादा रोमांचित करने वाली बात क्या हो सकती थी
उसके लिए उषा ने उसके लंड को कस कर दबाया और फिर नीचे चली गयी रसोई मे
माँ का हाथ बटाने के लिए .
सौरभ विनीता के पास बैठा हुवा उसके पाँव की
मालिश कर रहा था विनीता की टाँग को उसने अपनी गोदी मे रखा हुआ था जिस से वो
कुछ उँची हो गयी थी और उसका अन्द्रूनि हिस्सा उसको दिख रहा था विनीता अपनी
आँखे बंद करके लेटी हुई थी
मक्खन जैसे घुटनो पर उसका तेल से भीगा हुआ हाथ बड़ी फुर्ती से चल रहा
था विनीता तो वैसे भी एक बहुत ही गरम मिज़ाज की औरत थी सौरभ के कठोर
हाथो का स्पर्श उसकी झान्टो मे आग लगा रहा था अब सौरभ उसकी जाँघो को
सहला रहा था विनीता सोचने लगी कि कब वो ठीक होगी और कब प्रेम से चूत की
आग को मिटवाएगी . अपनी माँ की लाल लाल चूत को देख कर सौरभ का हाल बुरा हो
रहा था उसने धीरे से अपने लंड को सेट किया और मालिश करने लगा चूत का
चिपचिपा पानी उसकी उत्तेजना को भड़काए जा रहा था
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