RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
अब प्रेम ने उसकी सलवार के नाडे को अपने हाथ मे लिया और धीरे से उसकी गाँठ को खोल दिया उषा ने देर ना करते हुवे अपने कुल्हो को उपर की ओर उठाया और सलवार उसके बदन से अलग हो गयी गुलाबी पैंटी ही उसके तन पर अंतिम वस्त्र बची थी शरम से उषा ने अपनी टाँगो को सेकोड लिया और थोड़ी सी साइड को हो गयी जिस से उसके कूल्हे प्रेम की साइड हो गये बड़े ही प्यार से प्रेम उनको सहलाने लगा उषा बहुत तेज गरम हो गयी थी उसने प्रेम को बेड पर पटका और उसके उपर चढ़ गयी
दूसरी तरफ सौरभ के घर पर सब लोग गहरी नींद मे सोए थे पर सौरभ की आँखो मे नींद की जगह हवस थी उसकी ताई जी उसके बाजू मे ही सो रही थी जिसे आज उसने नंगी अवस्था मे देखा था अब नींद आए भी तो कैसे पॅंट मे खड़ा लंड चीख चीख कर चूत की डिमॅंड जो कर रहा था तो उसने अपनी चैन खोली और लंड को बाहर निकाल लिया उसने विनीता से सुन लिया था कि सुधा नींद की गोली खाकर सोती है तो उसने चान्स लेने का सोचा
वो सरक कर सुधा के बिल्कुल करीब हो गया सुधा उसकी तरफ पीठ करके सो रही थी तो सोने पे सुहागा हो गया वो ताई जी से बिल्कुल चिपक सा गया था उसने अपना हाथ सुधा के पेट पर रख दिया और उसको सहलाने लगा कोमल थोड़ा फूला हुवा सा पेट उसके नरम नरम पेट पर हाथ फिरा के उसको बड़ा मज़ा आ रहा था अब उसने आगे बढ़ते हुए ताई जी की साड़ी को घुटनो तक उठा दिया और चिकनी जांघों और कुल्हो पर हाथ फिराने लगा
सौरभ के लिए ये बहुत ही मजेदार अनुभव हो रहा था उसने आज से पहले ऐसा कभी नही किया था उसका उत्तेजित लिंग सुधा की गान्ड मे घुसने को बेताब हो रहा था और उनके पैंटी मे क़ैद चुतड़ों पर रगड़ खा रहा था उसके हाथ बार बार जाँघो पर फिसल रहे थे सौरभ डर के मारे बुरी तरह से कांप रहा था पर जिस्म की आग उसे लगातार आगे बढ़ने को बोल रही थी
इधर उषा प्रेम के उपर चढ़ कर उसकी होटो को पी रही थी उषा ने अपनी गरम जीभ प्रेम के मुँह मे सरका दी थी जिसे बड़े मज़े से प्रेम चूस रहा था वो अपना हाथ नीचे ले गयी और प्रेम की पॅंट और कच्छे को सरका दिया और भाई के मजबूत लंड को अपने हाथ मे थाम लिया पहली बार उसने लंड को अपने हाथों मे फील किया था उसे अंदाज़ा नही था कि प्रेम का लंड इतना बड़ा है उसने कस कर उसको अपनी मुट्ठी मे दबाया तो प्रेम ने उसकी जीभ को दाँतों मे दबा लिया
थोड़ी देर चूमने के बाद उषा प्रेम के उपर से हटी और नीचे को सरक आई और अपने गुलाबी होटो से उसके लंड पर एक चुंबन जड़ दिया प्रेम की तो जैसे जान ही निकल गयी उसने बिना देर किए उषा के मुँह को अपने लंड पर झुका दिया उषा ने अपना मुँह खोला और प्रेम के लंड को जितना वो ले सकती थी अपने मुँह मे भर लिया मुँह की गर्मी पाकर लंड और भी शरारती होने लगा था
लंड पर अपनी गरम जीभ फिरा कर उषा अपने भाई को अपनी अदाओं से तडपा रही थी उसकी कच्छी चूत के रस से बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी उसे देख कर कोई भी नही कह सकता था कि वो पहली बार लंड चूस रही है बड़ी ही कुशलता से वो लंड को पी रही थी प्रेम के लंड से निकलते नमकीन पानी का टेस्ट उसको बहुत ही अच्छा लग रहा था प्रेम बार बार उसके चेहरे को लंड पर दबा रहा था दोनो भाई बहन आज की रात को पूरी तरह से जी लेना चाहते थे
उधर सौरभ अब सुधा से चिपका हुआ उसके बोबो को दबा रहा था सुधा की चूचिया उसके हाथो मे समा ही नही रही थी सौरभ का बस चलता तो आज सुधा को चोद ही डालता वो बड़ी बेदर्दी से वो सुधा के बोबो को मसल रहा था अचानक से सुधा की आँख खुल गयी उसको अपने बदन पर किसी के हाथो का स्पर्श महसूस हो रहा था वो पल भर मे ही समझ गयी थी कि ये सौरभ ही है उसने अपने कुल्हो पर गरम लंड को महसूस किया तो उसकी चूत भी मचलने लगी दरअसल सुधा पिछले कई दिनो से नींद की गोली ले ही नही रही थी ये बात विनीता को पता नही थी बस सौरभ ही ऐसा समझ रहा था
जबकि वो अब जाग गयी थी अब वो सौराभको मना भी नही कर सकती थी पास ही विनीता सो रही थी अगर वो जाग जाती तो क्या सोचती यही सोचो कर वो चुप चाप लेटी रही बोबो को दबाने के कारण उसके जिस्म मे भी करंट दौड़ने लगा पिछले कुछ दिनो से जो हरकते हो रही थी तो उसकी चूत वैसे ही बेचैन हो रही थी और अब सौरभ उस से चिपका पड़ा था उसकी हरकतों से सुधा भी गरम होने लगी थी
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