RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
दोनो अपनी अपनी उधेड़बुन मे फसे पड़े थे दोनो के जिस्म एक दूसरे से पास पास ही सटे हुए थे पर दोनो मे से कोई भी पहल नही कर रहा था जबकि हसरते दोनो को पागल करे जा रही थी सौरभ का लंड उसे एक पल के लिए भी चैन नही लेने दे रहा था आख़िर जब उस से बिल्कुल भी काबू नही रहा तो वो आहिस्ता से ताई जी की तरफ सरका सुधा के जिस्म से सट गया वो, सुधा समझ गयी कि सौरभ भी जाग रहा है पर वो चाहती थी कि सौरभ ही पहल करे साथ ही उसे ये भी डर था की कहीं विनीता ना जाग जाए तो वो चुपचाप लेटी ही रही , सौरभ ने अपने पयज़ामे को नीचे सरकाया और अपने लंड को कपड़ो की क़ैद से आज़ाद कर दिया
फनफनाता हुआ लंड खुली हवा को महसूस करते ही और भी गर्म हो गया सौरभ ने आहिस्ता से सुधा के हाथ को अपने गरम लंड पर रख दिया लंड को अपने हाथ पर महसूस करते ही सुधा रोमांचित हो गयी पर उसको विनीता का डर भी था तो वो कोई रिस्क नही लेना चाहती थी तो उसने अपना हाथ सौरभ के लंड से हटा लिया पर सौरभ की रगों मे चढ़ती जवानी ज़ोर मार रही थी वो कहाँ मान ने वाला था उसने फिर से अपने लंड को ताइजी के हाथ मे दे दिया और अपने हाथ से सुधा के हाथ को दबाते हुए मूठ मरवाने लगा उधर सुधा सौरभ के सिग्नल को समझ गयी उसने सोचा कि चलो जल्दी से हाथ से हिला कर ही इसको शांत कर देती हूँ और उसके लंड को हिलाने लगी
जल्दी ही सुधा का हाथ पूरी रफ़्तार से सौरभ के लंड पर चलने लगा मज़े के सागर मे डूबा सौरभ यही नही रुकने वाला था उसने अपना हाथ सुधा की मस्त चूचियो पर रख दिया और उनको दबाने लगा सुधा की हालत टाइट होने लगी उसकी चूत तो पहले ही रस छोड़ रही थी उपर से सौरभ की ये गर्म छेड़खानी सुधा का कंट्रोल अपने आप से छूटने लगा सौरभ ने उसके ब्लाउज के हुको को खोल दिया और उसकी नंगी छातियो से खेलने लगा सुधा ने भी उसको रोकना मुनासिब नही समझा और चुपचाप लेटी रही उसके लंड को हिलाते हुए पर सौरभ ने धीमे से उसके कान मे कहा कि ताई जी इसको चूसो ना और सुधा के गोरे गालो पर किस करने लगा सुधा मस्त होने लगी
सौरभ के मूह से लंड चूसने की बात सुनकर उसके प्यासे होंठ फड्फाडा उठे, उसने कंबल से अपना मूह बाहर निकाला और चारो तरफ देखा कमरे मे घुप्प अंधेरा छाया हुआ था सौरभ ने कस कर उसकी छातियो को भींचा तो ना चाहते हुए भी उसके मूह से हल्की सी आह निकल गयी तो सुधा ने भी सौरभ की गोटियो को कस कर भींच दिया सौरभ ने ताई जी के रसीले होंटो को अपने होंटो से लगा लिया और उनके रस को निचोड़ने लगा करीब 4-5 मिनिट तक दबा के सुधा के होंठो का रस पीता रहा वो सुधा भी अब गरम हो चुकी थी
वो उल्टी हुई और अपने मूह को सौरभ की टाँगो की तरह ले आई और बिना देर किए चुप चाप अपने मूह को उसके लंड पर झुका दिया जबकि उसके चूतड़ अब सौरभ के मूह की तरफ हो गये थे सुधा ने अपने होंठो पर जीब फिरा कर उनको गीला किया और गप्प से सौरभ के लाल सुपाडे को अपने मूह मे भर लिया और अपनी लंबी जीभ से उसको चूसने लगी सौरभ के सारे तार हिल गये ताई जी की जीभ की रागड़ाई की वजह से वो अपने दोनो हाथो से ताई जी के चुतड़ों को सहलाने लगा और धीरे से साड़ी को उपर कमर तक उठा दिया
सुधा की गदराई गान्ड पर हाथ फिराने लगा तो सुधा भी पूरी मस्ती से उसके लंड को चाटने लगी सौरभ ने ताई जी की चूत की फांको को फैलाया और उस मस्त खुसबू को जो चूत से आ रही थी सूंघ ने लगा सुधा उसके लंड को चूस्ते चूस्ते उसके टट्टो पर भी जीभ फिरा रही थी सोरभ ने अगले ही पल सुधा की चूत को अपने मूह मे भर लिया ब्रेड की तरह फूली हुई चूत को गपा गप चाटने लगा किसी गोलगप्पे को मूह मे भर लिया हो जैसे उसने सुधा अपनी आँखे बंद किए लंड चूस रही थी चूत का नमकीन पानी पीकर सौरभ को बहुत मज़ा आ रहा था दोनो ताई बेटे की जीभ अपनी अपनी जगह पर कमाल कर रहे थे
सुधा अब पूरी तरह से सौरभ के उपर चढ़ बैठी थी दोनो जने अपनी उफनती सांसो को समेटे हुए चुपचाप लगे हुए थे सुधा के चूतड़ अब बुरी तरह से सौरभ के मूह पर उछल रहे थे करीब10 मिनिट तक ऐसे ही चलता रहा और फिर अबकी बार जैसे ही सुधा ने अपनी जीभ को गोल गोल सुपाडे पर रगड़ा सौरभ का लंड हार गया और उस से गाढ़ा सफेद लावा फुट पड़ा , स्वादिष्ट नमकीन पानी सुधा के मूह मे पिचकारियो के रूप मे गिरने लगा जिसे सुधा गटा गट पी गयी उसने सौरभ के लंड से वीर्य की छोटी से छोटी बूँद भी निचोड़ ली
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