RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
हवा मे खामोशी छाई हुई थी पर कही ना कही अरमान सुलग रहे थे कुँए पर पहुचते ही सुधा ने सौरभ को समझाया कि खेत के कॉन से हिस्से मे पानी छोड़ना है उसने मोटर चला दी सुधा ने सोचा कि कही साड़ी खराब ना हो जाए वैसे भी रात का वक़्त है कॉन आएगा अब उसने साड़ी को उतार कर रख दिया और बस ब्लाउज और पेटिकोट मे ही सौरभ के पास चली गयी अपनी ताई को इस सेक्सी रूप मे देख कर उसका लंड एक झटके मे ही खड़ा होकर सलामी देने लगा
करीब घंटे भर तक सुधा के मस्ताने रूप को निहारते हुए सौरभ उसकी मदद करता रहा सुधा ने कहा- बस बेटा इतना बहुत रहेगा एक बार ज़मीन की प्यास मिट जाए फिर सब्ज़ी की बुवाई कर देंगे
सौरभ- जी जैसा आप ठीक समझे
सुधा पलटी और कुँए की तरफ चलने लगी उसकी 61-62 करती गान्ड को देख कर सौरभ से बिल्कुल कंट्रोल नही हो रहा था उसने अपने लंड को मसला और सुधा के पीछे पीछे चल पड़ा सुधा कुछ दूर ही गयी थी कि खेत के कीचड़ मे उसका बॅलेन्स थोड़ा सा डगमगा गया उसने फिसलने से बचने की पूरी कोशिश की पर फिर भी गिर ही गयी उसका पूरा पेटिकोट और ब्लाउज कीचड़ मे खराब हो गया
हाई रे किस्मत कहते हुए वो उठी वहाँ से
तबतक सौरभ भी पहुच गया और पूछा-क्या हुआ ताई जी
सुधा- बेटे पैर फिसल गया मेरा पता नही क्या बात है आजकल फिसलन बहुत होने लगी है उस दिन कपड़े धोते टाइम भी मैं फिसल गयी थी और आज भी ,
सोरभ को झट से वो दिन याद आ गया कि कैसे फिसलने के बाद वो और ताईजी साथ साथ नहाए थे और फिर वो सब हुआ था
वो चेहरे पर शरारती मुस्कान लाते हुए बोला कि – कोई बात नही ताई जी इन कपड़ो को धोकर सूखा दो सुबह तक रेडी हो जाएँगे
सुधा हाँ पर फिर पहनुँगी क्या
सौरभ- ताईजी मुझ से कैसी शरम मैं तो पहले भी आपको उस हाल मे देख चुका हूँ बड़ी बेशर्मी से उसने ये बात कही
सुधा के गाल लाल हो गये वो मुस्कुराइ और बोली- बड़े शैतान हो गये हो तुम आजकल अपनी ताई को नंगी देखना अच्छा लगता है क्या तुम्हे
सौरभ- ताईजी अब आप इतने सुंदर हो कि रुका भी तो नही जाता मुझसे
सुधा- इतनी अच्छी लगने लगी हूँ क्या मैं तुझे
सौरभ झेंप गया फिर दोनो कुँए पर आ गये सुधा की चूत मे सरसराहट होने लगी थी , उसने सोचा कि सौरभ के फिर से मज़े लेती हूँ कुँए पर एक बल्ब जल रहा था तो उसकी रोशनी फैली थी , सुधा ने अपने ब्लाउज को खोल दिया उसकी 38इंच की हेडलाइट्स को देख कर सौरभ के मूह मे पानी आ गया उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी सुधा ने धीरे से अपनी ब्रा को भी खोल दिया और साइड मे रख दिया
फिर उसने पूछा- ऐसे क्या देख रहा है टुकुर टुकुर
सौरभ- ताईजी वो वो
सुधा- वो क्या
सौरभ- आपके बोबे इतने बड़े बड़े कैसे है
सुधा- बेटा बहुत दिनो से किसी ने इनका दूध जो नही पिया है तो बस वो दूध ही इकट्ठा हो गया है
सुधा ने अपने पेटिकोट की डोरी को खीचा और अगले ही पल वो उसके पैरो मे पड़ा था टाई जी को ऐसे नंगे देख कर सौरभ के दिमाग़ के सारे फ्यूज़ उड़ गये अब उसका खुद से कंट्रोल ख़तम हो गया उसके दिमाग़ मे बस एक ही बात थी कि ताई जी की चूत आज मारनी ही है बस कुछ भी करके सुधा ने अपनी गान्ड सौरभ की तरफ कर ली और कपड़े धोने लगी सुधा के सुडौल चुतड़ों के कसाव को देख कर सौरभ की आँखे वासना से लाल होने लगी
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