RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
बाहर से किवाड़ पीटने की आवाज़ आते ही दोनो की चुदाई की खुमारी पल भर मे ही गायब हो गयी दोनो की गान्ड बुरी तरह से फट गयी सुधा ने भाग कर अपनी साड़ी को जल्दी से अपने बदन पर लपेटा सौरभ साइड वाली खाट पर जाकर ऐसे पसर गया जैसे कि गहरी बेहोशी मे पड़ा हो बाहर से माँ माँ की आवाज़ आई तो सुधा समझ गयी कि प्रेम है पर उसके मन मे एक आशंका ने जनम ले लिया कि ये इतनी रात को यहाँ क्या करने आया है कही कोई बुरी खबर तो नही उसका दिल बुरी तरह से धड़कने लगा
सुधा ने दरवाजा खोला तो प्रेम बदहवासी मे बोला-“माँ, अभी के अभी आपको घर चलना होगा ”
सुधा हान्फते हुए- बêते क्या हुआ पहले पूरी बात बता मुझे सब ठीक तो हैं ना
प्रेम- माँ, वो मामा का फोन आया था नानाजी का आक्सिडेंट हो गया है किसी रिश्तेदार से मिल कर आ रहे थे गाड़ी को बस ने टक्कर मार दी तुम जल्दी से घर चलो हमें अभी चलना होगा
सुधा का मन बुरी तरह से बैठ गया अपने पिता के आक्सिडेंट की खबर से उसकी आँखो मे आँसू आ गये वो रोने लगी तब तक पूरा माजरा समझ कर सौरभ भी उठ गया था प्रेम ने माँ को चुप करवाया और फिर सब लोग जल्दी से घर पर आ गये उषा पहले से ही जागी हुई थी प्रेम ने घर आते ही सुधा को तसल्ली से पूरी बात बताई रात आधी से उपर हो गयी थी अब जाए कैसे तो सौरभ बोला मेरा एक दोस्त है मैं उसकी गाड़ी ले आउन्गा तब तक आप लोग तैयार हो जाओ
सुधा ने तिजोरी से कुछ रुपये निकले और कुछ कपड़े भी रख लिए सुधा ने उषा को कुछ ज़रूरी बाते बताई जवान बेटी को वो अकेले नही छोड़ना चाहती थी इतने मे सौरभ आ गया तो सुधा ने कहा कि मैं और प्रेम चले जाते है सौरभ घर संभाल लेगा एक आदमी तो चाहिए ना घर पर कोई बात होगी तो मैं तुम लोगो को बुलवा लूँगी प्रेम सुधा के साथ ही रहना चाहता था पर अब बात मजबूरी की थी तो वो मान गया प्रेम और सुधा उसी टाइम निकल लिए कहा तो सुधा थोड़ी देर पहले एक जवान लंड को चूत मे लेने वाली थी और कहाँ अब ये मनहूस खबर आ गयी थी
करीब तीन-चार घंटे का सफ़र करके सुधा और प्रेम मामा के सहर के हॉस्पिटल मे पहुँचे सुधा की रुलाई छूट पड़ी घरवालों ने जैसे तैसे करके उसको संभाला मामा ने प्रेम को बताया कि किस्मत ही थी कि जान बच गयी सर मे वैसे तो काफ़ी चोट लगी है पैर भी टूट गया है पर जान बच गयी है वो ही बहुत है
बाकी बचा टाइम बस बेचैनी मे कटा सबको नाना के होश मे आने का इंतज़ार था घर मे करीब 15 दिन बाद शादी थी, तो सबका मूड थोड़ा सा खराब सा हो गया था पर किस्मत से कॉन लड़ पाया है सुधा का अपने मायके मे बहुत मान-सम्मान था बाप के आक्सिडेंट से वो बहुत ज़्यादा विचलित हो गयी थी
इधर प्रेम और सुधा के जाने के बाद घर पर सौरभ और उषा बचे थे , सौरभ के हाथ से ताईजी को चोदने का मोका चला गया था तो उसका दिमाग़ भन्ना गया था थोड़ी देर बाद उषा ने कहा भाई मुझे नींद आ रही है मैं सोने जा रही हूँ तुम भी सो जाओ
सौरभ- दीदी मुझे अकेले मे डर लगेगा
उषा- इतने बड़े हो गये हो फिर भी डर लगता है
सौरभ- दीदी मेरे मज़ाक उड़ा रही हो
उषा- कोई बात नही मेरे भाई, आ जाओ मेरे कमरे मे ही सो जाओ
सौरभ ये सुनकर बहुत खुश हो गया उषा बाथरूम मे गयी और एक ढीली सी मॅक्सी पहन कर आ गयी उसने लाइट बंद की और दोनो भाई बहन बेड पर सो गये , मामा के फोन ने सबकी ऐसी तैसी कर दी थी दरअसल जब फोन आया तो उषा प्रेम के लंड पर कूद रही थी उसकी चूत से काम रस झर झर कर बह रहा था चुदाई के बीच मे रुक जाने से उसका मूड ऑफ हो गया था पर अब बिस्तर पर लेट ते ही उसकी चूत मे फिर से खुजली होने लगी थी कुछ ऐसा ही हाल सौरभ का भी था वो भी धीरे धीरे अपने लंड को सहला कर समझा रहा था
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