RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
सरिता की आँखे बंद थी उसके हाथ तेज़ी से उसकी चूत पर चल रहे थे दरअसल वो थोड़ी सी रिलॅक्स मूड मे आ गयी थी घर मे कोई था नही प्रेम भी सोया पड़ा था
पर.............
सरिता को पता नही था कि प्रेम जाग गया था , प्रेम का गर्मी से बुरा हाल हो रहा था
तो उसने सोचा कि नहा ही लेता हू वो कंधे पर तौलिया लटकाए बाथरूम की तरफ चलने
लगा ,सरिता के हाथ तेज़ी से उसकी चूत पर चल रहे थे उसकी मस्त मस्त आहे निकल
रही थी पर उसके सारे अरमानो पर पानी फिर गया जब प्रेम एक दम से
बाथरूम मे आ गया सरिता तो एक दम से हक्की बक्की रह गयी अब क्या करे वो दोनो
मामी भानजे एक दूसरे को आँखे फाडे देख रहे थे
मामी की रसीली जवानी को देख कर प्रेम बावला सा हो गया सरिता के बदन के अंग अंग
से जोबन टूट टूट कर बिखर रहा था प्रेम का लंड फड़फड़ाने लगा हालत की नज़ाकत
को समझते हुए सरिता ने जल्दी से पास मे लटकी अपनी साड़ी को नंगे बदन पर लपेटा
और काँपती सी आवाज़ मे बोली-“जाओ, बाहर जाओ ”
प्रेम बाथरूम से बाहर आ गया पर उसके दिमाग़ मे वो ही मामी का नंगा जिस्म घूम रहा था वो अभी भी बाथरूम के
दरवाजे पर ही खड़ा था , प्रेम को भी चूत मारे आज तीसरा दिन था उस दिन उषा को
चोद ही रहा था कि मामा का फोन आ गया था तो प्रेम के लंड की नसे फूलने पिचकने
लगी उसे चूत की सख़्त ज़रूरत थी पर मामी को सीधे सीधे चोद भी तो नही था
करीब बीस मिनिट बाद सरिता बाथरूम से बाहर निकली उसने बदन पर वो ही पतली सी
साड़ी पहनी हुई थी गीले बदन पर साड़ी चिपकी हुई थी अंदर ब्रा-पैंटी ना होने के
कारण सरिता का पूरा जोबन दिख रहा था नज़रे झुकाए वो प्रेम के पास से निकली और
अपने कमरे मे जाने लगी उसकी 61-62 करती हुई गान्ड पर जब प्रेम की नज़र गयी तो
उसका बदन हवस की गर्मी से पिघलने लगा , उसका लंड चिल्ला चिल्ला करके कह रहा था
कि सरिता को चोद दे, चोद दे सरिता को तो प्रेम भी मामी के पीछे पीछे उसके कमरे मे
चला गया
सरिता की पीठ प्रेम की तरफ थी उसके भरे हुए पिछवाड़े की उठान देख कर प्रेम के
मूह मे पानी आ गया उसने पक्का इरादा कर लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए
मामी को अभी के अभी चोद के ही रहूँगा चाहे ज़बरदस्ती क्यो ना करनी पड़े सरिता इस
बात से अंजान थोड़ा सा झुक कर अपने गीले बालो को सुलझाने लगी थी प्रेम दबे
पाँव आगे को बढ़ा और उसने मामी को अपनी मजबूत बाहों मे भर लिया एक दम से
इस हरकत से सरिता बुरी तरह से चोंक गयी और प्रेम की बाहो से निकलने की कोशिश
करने लगी
सरिता- “छोड़ो, हमें ये क्या बदतमीज़ी है अभी के अभी छोड़ो मुझे ”
प्रेम सरिता के गालो को चूमते हुए-“ओह, मामी कितनी गरम हो तुम मेरा तो बुरा हाल हो गया तुम्हे देख कर बस एक बार दे दो ”
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