RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
“हम कहा है तुम लोग कौन हो ,और हमारे कपड़े ...ये किसने बदले ”
डरे हुए आवाज में कनक(कालिया की बहन ) कह रही थी..
पास ही बैठी रोशनी (कालिया की बीवी) भी डरी हुई थी लेकिन उसे सब कुछ समझ आ रहा था की आखिर उनके साथ क्या हुआ है ,वो एक बड़े से कमरे में थे जंहा बीचों बीच फूलों से भरा हुआ बड़ा सा बिस्तर था,पास ही सेविका के रूप में खड़ी हुए कुछ 5 लडकिया थी ,
कनक और रोशनी दोनो के ही आदिवासी महिलाओं के कपड़े निकाल दिए गए थे उन्हें नई महंगी और रेशमि पारदर्शी साड़ी पहनाई गई थी लेकिन वो भी बस साड़ी ही थी उसके अलावा और कुछ भी नही ..
उस साड़ी में भी उनका यौवन पूरे का पूरा दिख रहा था,वो दोनो ही काम की देवियां लग रही थी लेकिन डरी हुई ,भविष्य के खतरे का आभास उन्हें हो गया था वो सहमी हुई थी लेकिन उन सेविकाओं को देख कर उन्हें लगा की ये भी उनकी ही तरह जबरदस्ती यंहा लायी गई होंगी …
“आप ठाकुर साहब की हवेली में है ,कल रात ही आपलोगो को यंहा लाया गया था,ठाकुर साहब ने कहा है की अपदोनो हमारी मेहमान है और दोनो की खूब जतन की जाए ..”
एक बहुत ही सुंदर सी लड़की ने बड़े ही प्यारे शब्दो में कहा ,उसकी नजर नीची थी मानो वो उनकी ही दासी हो ,ठाकुर उनके साथ ऐसा व्यवहार करेगा ये तो दोनो ने ही नही सोचा था उन्हें तो लगा था की अगर ठाकुर के हाथो में आ गए तो फिर जिस्म को नोच कर खा दिया जाएगा…
लेकिन ठाकुर जिस्म को नोचने ही वाला था भले ही इस तरह ही क्यो ना हो ….
“आप लोग कुछ लेंगे “
फिर से उसी लड़की ने कहा
“हमे अपने घर जाना है “
कनक बोल उठी ,सभी के सर पहले से ज्यादा झुक गए लेकिन किसी ने कुछ भी नही कहा ..
रोशनी ने कनक को समझाया की वो मुसीबत में फंस चुके है और अभी उन्हें सम्हल कर कदम उठाना पड़ेगा ताकि यंहा से निकल जाए और अब तक ये बात कालिया को पता चल गई होगी वो हमे बचा लेगा ……
दोनो को ही कालिया की उम्मीद थी लेकिन ना जाने आगे क्या होने वाला था …..
“मालकिन आप दोनो नहा लीजिए ठाकुर जी आते ही होंगे”
उस लड़की की बात सुन कर दोनो ही दंग रह गए
“हम तुम्हारी मालकिन नही है “
रोशनी ने जोरो से कहा
“हमे आपको मालकिन कहने और गुलाम की तरह रहने का ही हुक्म मिला है ,आप कृपया नहा ले वरना ठाकुर साहब हमारे ऊपर गुस्सा होगें”
ठाकुर ये क्या कर रहा था या क्या करना चाह रहा था ,रोशनी समझने की कोशिस कर रही थी लेकिन गरीबी में रही कनक को ये वैभव बहुत ही भा रहा था ,उसकी ललचाई नजर रोशनी से बच नही सकी .
“ये तुम्हारे भाई के बैरी का घर है ,ये सभी सुख हमारे लिए मिट्टी जैसे है “
रोशनी ने कनक को झटकते हुए कहा ,वो भी हड़बड़ाई
“लेकिन भाभी सुख तो है ना …”कनक के सपाट बोल से रोशनी भी असमंजस में पड़ गई ,ना ही पिता ने ना ही पति ने सुख के नाम पर दिया ही क्या था उसे ,जीवन एक काटे की तरह ही बिता था ..ऐसा नही था की रोशनी कालिया से प्रेम नही करती थी लेकिन फिर भी ना ही वो उसके साथ ज्यादा वक्त बिता पाई थी ना ही सांसारिक जरूरतों को ही वो पूरा कर पाया था,लेकिन वो कालिया का बेहद सम्मान करती थी उसकी ही इज्जत की रक्षा के लिए कालिया ने हथियार उठाया अपने परिवार और जान की भी नही सोची …
“तेरे भइया ने हमारी इज्जत की रक्षा के लिए अपने जान की भी नही सोची …”
रोशनी के मन में चल रही बात उसने कह ही डाली …
“लेकिन ठाकुर तो अब भी हमारी इज्जत उतरेगा ना ...भाभी मैं नही कहती की भइया गलत है लेकिन सोचो क्या सचमे वो हमे बचा पाएंगे,और क्या ठाकुर हमे ऐसे ही जाने देगा,तो क्यो ना हम इन सुखों का ही मजा ले ले जब तक हम यंहा है ...क्योकि फिर तो जीवन में हमे ये कभी देखने भी नही मिलेगा “
कनक की बात से रोशनी के आंखों में आंसू छलक गए थे ,कनक का गला भी बैठ गया था लेकिन वो खुद को सम्हालते हुए बोली
“भाभी मैं अपना बलात्कार करवाना नही चाहती,हा अगर कुछ होगा तो मैं भी उसका मजा लुंगी “
इतना ही कहकर कनक स्नानगृह की ओर चली गई ,और रोशनी अब भी अपने आंखों में आंसू लिए हुए अपनी ननद की बातो को सोचती रही ,सच में उनकी किस्मत ही थी की ठाकुर उनसे ऐसे पेश आ रहा था वरना वो उन्हें किसी रंडी से ज्यादा अहमियत नही देता वो भी बस जिस्म की भूख मिटाने के लिए ……
इधर
कालिया अपने माता पिता के लाश के सामने घुटने के बल बैठा था ,
“कालिया हरिया का कही भी पता नही लगा “
एक आदमी हफते के उसतक पहुचा
“सरदार वो अपने ईमान का सौदा करके भाग गया है ,उसके घर में भी बीवी और बहन है उन्हें उठा कर लाता हु साले से उसके करनी का बदला लेंगे “
एक दूसरा आदमी गरजा
“मैं किसी का सरदार नही हु मैं कालिया हु तुम्हारा कालिया ,और हरिया की बहन मेरी भी बहन है ,वो मेरे गांव की बेटी है ,उसकी बीवी मेरे गांव की बहु है और मेरी भी बहु है ,किसी ने उनको छूने की कोशिस भी की तो मैं उसके हाथो को काट दूंगा
कालिया गरजा और सभी चुप हो गए
“हरिया ने जो किया है उसकी सजा उसे मिलेगी ,और ठाकुर ने जो किया है उसकी भी उसे सजा जरूर मिलेगी …”
“लेकिन कालिया पहले हमे भाभी और कनक को बचने की सोचना चाहिए ना जाने वो उनके साथ कैसा सलूक करेगा “
कालिय ने एक गहरी सांस ली ,
और कुछ सोचने लगा ,
“आज ही धावा बोलेंगे उसके हवेली में “
कालिया बोल उठा
“लेकिन कलिया वँहा जाना अपने हाथो से अपनी जान को दाव पर लगाना है तुम तो जानते हो ठाकुर की हवेली हवेली नही किला है ,कोई नही बच पायेगा “
कालिया फिर से सोच में पड़ गया क्योकि बात तो सही ही थी
“तो सिर्फ मैं जाऊंगा …”
“तुम पागल हो गए हो क्या वँहा तुम अकेले ...तुम्हारी जान हम सबके लिए बहुत ही जरूरी है कालिया सिर्फ तुम्हरी बहन और बीवी नही इतने लोगो के घर की बहु बेटियां आज तुम्हारे ही कारण सलामत है …”
“अगर मैं ना रहा तो तुम इस गिरोह को सम्हालोगे, ये गिरोह टूटना नही चाहिए शम्भू ,“
उसने शम्भू के कंधे पर हाथ रखा,शम्भू रो ही पड़ा था ,कालिया अपने जिद पर अडिग था और ये बात सभी को पता थी ……
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