kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
02-04-2020, 12:23 PM,
#28
RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
कालिया पूनम के साथ हो लिया ,पूनम के दिमाग में बस यही चल रहा था की आखिर कैसे कालिया को रोशनी से मिलवाया जाए ,वो कालिया को एक दासी की साड़ी देकर उसे पहनने को बोलती है ,कालिया ने अपनी धोती के ऊपर पेटीकोट डालकर और बनियाइन के ऊपर ब्लाउज डालकर वो साड़ी पहन लेता है,लेकिन उन बड़ी हुई दाढ़ी और मूंछो का क्या करे ,पूनम की हँसी उसे देखकर ही नही रुक रही थी ,वो मर्दाना शरीर का मालिक था और कुछ भी करने पर भी वो किसी औरत की भांति नही दिख पा रहा था,पूनम ने दिमाग दौड़ाया और घूंघट डालने को कहा ,घूंघट डालने के बाद भी उसके शरीर का क्या किया जाए पूनम को समझ ही नही आ रहा था,फिर भी उसने रिस्क लेने की सोची और उसे अपने साथ साथ रोशनी और कनक के कमरे की ओर ले गई,,..
वो पहले ही जाकर अपनी विस्वस्त दासी को उस कमरे में रखवा चुकी थी ताकि समय पड़ने पर वो काम आये क्योकि पूनम का भी उस कमरे में जाना सम्भव नही था केवल चुनी हुई दसिया ही उस कमरे के लिए निर्धारित की गई थी जिसमे से एक पूनम की खास थी,
पूनम ने उस दासी के साथ ही कालिया को भी उस कमरे की ओर भेज दिया ,उसे किसी दाई का नाम दे दिया जो वैसे ही मर्दाना ढंग के थी और औरतो की मालिश किया करती थी ,साथ ही हमेशा घूंघट में ही रहती थी,दासी को समझा दिया गया था की कह दे की इसका मौन चल रहा है और उपवास है,बाकी प्राण अगर पूछे तो कह दे की विक्रांत ने मालिश के लिए भेजा है और विक्रांत अगर पूछे तो कह दे की प्राण ने भेजा है,क्योकि वो दोनो ही ऐसी छोटी छोटी बातो पर कोई ध्यान ही देते थे,
कालिया कमरे में आ चुका था ,वो दासी बाकियों से बात में उलझी हुई थी,
“आओ दाई इस कमरे में आओ “कालिया दूसरी दासी के पीछे हो लिया ,कालिया ने जितना देखा था वो समझ गया था की आखिर क्यो कनक यंहा की दीवानी हुई जा रही थी,अभी वो उनके बाथरूम में थे जंहा बड़ा सा टब था जिसमे दो तीन आदमी आराम से आ सकते थे,हल्के कुनकुने पानी में गुलाब के फूल तैर रहे थे जिससे रोशनी का शरीर ढंका हुआ था ,शायद उसने कोई भी कपड़े नही पहने हुए थे,
जितना बड़ा वो बाथरूम था उतना बड़ा तो कालिया का पूरा घर भी नही था ,आलीशान तब और बड़ा सा रोशनदान जंहा से धूप छनकर आ रही थी,इत्र की खुश्बू से कालिया का नाक ही भर गया था,लगा की वो स्वर्ग में है ,
कालिया ने रोशनी को देखा ,वो आंखे बंद की हुई आराम से लेटी हुई थी जैसे उसे दुनिया की कोई भी खबर या फिक्र ना हो,उसके सर के पास बैठी हुई एक दासी उसके कंधों को हल्के हल्के से मालिश कर रही थी,उसे देखकर ही कालिया का मनोबल थोड़ा टूट गया,
‘सच में वो कितने सुख में है ‘उसने अपने मन में कहा
तभी कमरे का दरवाजा खुला और कनक वँहा आयी,उसे अपने जालीदार घूंघट से देखकर ही कालिया के होशं उड़ गए ,
‘क्या भगवान अब यही दिन देखना बच गया था ‘वो फिर से मन ही मन रो पड़ा ..
कनक पूरी तरह से नंगी थी और हल्के हल्के से हंसती हुई आकर रोशनी के साथ उस टब में लेट गई …
“क्या भाभी मजा आ रहा है..”कनक खिलखिलाई
तभी वँहा पूनम की चहेती दासी भी आ गई और सर झुकाकर एक ओर खड़ी हो गई ,कनक उसे देखने लगी दोनो की नजर मिली और दोनो ने हल्के से मुस्कान आपस में बिखेर दी..
कनक की बात सुनकर कालिया को और भी पीड़ा पहुची थी,उसकी भी बहन उसकी ही बीवी से ऐसी बात कर रही थी..
रोशनी ने आंखे खोली उसकी आंखे लाल थी ,और चहरा शांत ..
“चाहे कितनी भी सुख दुविधा मिल जाए लेकिन …...तेरे भइया के साथ झरने में नहाने का मजा थोड़ी ही आएगा ..”
वो दुखी थी जो उसकी आवाज से ही पता चल पा रहा था लेकिन वो रो नही रही थी ,शायद बहुत रो चुकी थी ,
“ओह तो भइया का काला लंड याद आ रहा है मेरी भाभी को ..”
कनक फिर से जोरो से हँस पड़ी
रोशनी बुरी तरह से शर्मा गई साथ ही कालिया भी …
कनक ने रोशनी की मालिश कर रही दासी को वँहा से भेज दिया,अब कमरे में बस पूनम की दासी ,कनक रोशनी और कालिया थे..
“ऐसे भइया की तरह ही तगड़ा लंड हमारे विक्रांत बाबू का भी है,देखा ना कैसे पकड़े हुए थे आपको ..”
कालिया तो बुरी तरह ही हिल गया ये उसकी बहन थी जिसे उसने गोद में खिलाया था,वही आज अपनी भाभी को बेवफाई के लिए उकसा रही है...कालिया गुस्से से भर गया लेकिन कुछ भी नही कह पाया ..
“चुपकर कुछ भी बोलती है और तुझे कैसे पता की तेरे भइया का वो …”रोशनी शर्मा गई जिसे देखकर कालिया और भी गुस्से में भर गया ,साली दोनो एक सी है ,उसने मन में ही कहा
“जब आप और भइया करते थे तो मैं भी छुपकर देखा करती थी ..
“छि बदमाश कैसी लड़की है तू “रोशनी पहली बार खिलखिला कर हँसी वही कालिया को तो अपने कानो पर विस्वास ही नही हो रहा था,जिसे वो अपनी सीधी साधी बहन समझता है जिसे दुनिया के कोई टेढ़े चाल नही पता वो तो एक …
कालिया आगे की बात नही सोचना चाहता था ..
“तेरे भइया कहा है कनक क्या वो हमे भूल गए है क्या वो यंहा नही आएंगे …”
कालिया को लगा की वो तुरंत ही अपना घूंघट निकाल दे ,वो ऐसा करने ही वाला था की एक हाथ ने उसे रोक लिया वो हाथ उस दासी का था जिसे पूनम ने कालिया के साथ भेजा था..
“उन्हें अब भूल भी जाओ भाभी ,विक्रांत तुम्हारा दीवाना है तुम्हे रानी बना कर रखेगा,उस कंगाल के पास तुम्हे क्या मिलेगा तुम विक्रांत के साथ हो जाओ और बस ऐश करो ,वैसे भी उसका लौड़ा भी तुम्हारे कालिया के बराबर का ही है ..”
कनक और हंसती इससे पहले ही एक जोरदार झापड़ उसके गाल पर पड़ गया ये झापड़ रोशनी का ही था,वो गुस्से में लाल थी लेकिन कनक को जैसे कोई भी प्रभाव नही पड़ा वो अभी भी मुस्कुरा रही थी,
“भाभी ऐसे भी भइया यंहा आने से रहे और विक्रांत के पास बहुत पैसा है हम दोनो ही ऐश करेंगे …”
कनक की आंखों में भी पानी था लेकिन फिर भी उसकी बातो में शरारत थी,
रोशनी उसके चहरे को देखती ही थी पता नही क्या था उस चहरे में जो वो खामोश हो गई ,तभी वो दासी बोल उठी
“अरे मालकिन कहा विक्रांत साहेब इनको छू पाएंगे ,ये तो प्राण साहब की रखैल बनाने लायी गई है “
कालिया से अब रहा नही गया वो अपना घूंघट खोलकर सबके सामने आ गया ,जिसे देखकर रोशनी कुछ कहने ही वाली थी लेकिन कनक ने उसका मुह दबा दिया ,रोशनी की आंखों में बस पानी था वो कालिया को और कालिया उसे देखे जा रहे थे ..
कालिया कुछ कह पाता इससे पहले ही रोशनी ने उसे चुप रहने का इशारा किया.पता नही ये क्या हो रहा था लेकिन कालिया ने कुछ भी नही कहा ,वो अपनी बीवी और बहन की आंखों में पानी और प्यार को देख सकता था ,लेकिन उसे बड़ा आश्चर्य भी हो रहा था की ये वही कनक है जो आंखों में उसके लिए इतना प्यार लिए हुए भी ये सब बोल पा रही थी …
“अरे विक्रांत साहब को तुम नही जानती ,उन्हें जो पसंद आ गया उसे वो ले कर रहेंगे,और ऐसे भी उन्हें भी तो ये साबित करना है की उनका लंड हमारे कालिया भइया से मजबूत है और वो तो भाभी के चुद में जाने से ही पता चलेगा की कौन सा लंड ज्यादा मजबूत है ..”
कनक ने दासी की बात का जवाब दिया लेकिन ये सब बोलते हुए उसने अपना सर नीचे कर लिया था,वो कालिया से नजर नही मिला पा रही थी ,कालिया को समझ आ चुका था की ये सब किसी ना किसी खेल का ही कोई हिस्सा है जिसे कनक और वो दासी मिलकर खेल रहे है और साथ ही उन्होंने रोशनी को भी मिला लिया है,रोशनी बस कालिया को देख रही थी उसके आंखों से निर्झर आंसू बह रहे थे लेकिन मुह से कोई भी आवाज नही आ रही थी ..
“लेकिन प्राण साहब कैसे मानेगे…”उस दासी की आंखों में भी ये सब देखकर आंसू आ चुके थे.
“वो तो विक्रांत ही जाने “
कनक ने हल्के से आवाज में कहा
“मैं दोनो की नही हो सकती किसी एक की होंगी अगर उन्होंने जबर्दस्ती करने की कोशिस की तो मैं अपनी जान दे दूंगी ..ऐसे भी उस बुड्ढे प्राण में रखा ही क्या है ,मुझे भी विक्रांत पसंद आया लेकिन ...इतनी जल्दी हा भी कैसे कहु “
रोशनी इतना ही बोल पाई साथ ही जब वो विक्रांत पसंद आया बोली तो अपना सर कालिया को देखकर ना में हिला रही थी,कालिया को उसपर बड़ा ही प्यार आया ,वो उसकी ओर बढ़ने ही वाला था की रोशनदान से एक साया सा दिखने लगा ,कालिया को समझते देर नही लगी की हो ना हो रोशनदान के पीछे कोई है ,वो झट से अपना घूंघट लगा लेता है ,और रोशनी के पास जाकर बैठ जाता है और उसके हाथो को पकड़ कर मालिश करने लगता है ,रोशनी के साथ साथ उस दासी और कनक के चहरे में भी एक मुस्कान खिल गई …
“लेकिन दोनो में से एक की होगी कैसे ???”
वो दासी फिर से बोली
“मुझे क्या पता ..दाई चलो मेरे पूरे शरीर की अच्छे से मालिश करो मुझे बड़ा थका थका लग रहा है ,मुझे क्या करना है जो मुझे जीतेगा मैं तो उसकी हो जाऊंगी ..”
रोशनी का चहरा अब खिल गया था और वो ये बोलते हुए थोड़ी हँसी थी ,
कालिया ने थोड़ा जोर लगाकर उसके कंधे को मसाला
“आह ..थोड़ा धीरे करो दाई “रोशनी की आह में बहुत ही प्यार भरा हुआ था,वो मचल गई थी ..कालिया का हाथ फिसलकर उसके स्तनों तक जा पहुचा ,वो हल्के हल्के उसे मसलने लगा .रोशनी ने उसे झूठे गुस्से से देखा और हल्के हाथो की चपत कालिया के कंधे पर मार दी ..
कनक और दासी इसे देखकर मुस्कुरा उठे…
“लगता है भाभी तुम खून खराबा करवाओगी …”कनक हँस पड़ी साथ ही रोशनी और दासी भी..
“चलो तुम दोनो जाओ यंहा से मुझे दाई से अच्छे से मालिश करवानी है ,अब विक्रांत ही जाने की उसे मुझे कैसे पाना है ,मैं भी देखती हु की इतनी बड़ी बड़ी बात करने वाले ठाकुर के सीने और लंड में आखिर कितनी ताकत है ,देखती हु अपने भाई के सामने खड़ा भी रह पायेगा या फुस्सी फटाके की तरह फुस हो जाएगा …”
रोशनी की बात पर बाकी दोनो लडकिया भी खिलखिला गई ,
“ठिक है भाभी ...दाई इनका अच्छे से मालिश करना हम दोनो बाहर जा रहे है “कनक इतना बोलकर रोशनदान का पर्दा खिंच देती है और कमरे में थोड़ा अंधेरा हो जाता है ,दोनो ही खिलखिलाकर बाहर निकल जाती है और साथ ही रोशनदान से वो छाया भी खिसक जाता है ……...
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RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत - by sexstories - 02-04-2020, 12:23 PM

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