RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
ठाकुर और बाकी के पुलिस वालो के जाने के बाद अजय फिर से कनक के घर में गया…
“क्यो आये हो यंहा “
भावना चिल्लाई
“थोड़ी तहकीकात करनी है “
अजय ने अपनी पुलिसिया अकड़ में कहा
“देखो अभी हम बहुत दुखी है,अभी हम कुछ भी कहने की स्तिथि में नही है “
विक्रांत जो की कभी बहुत ही गुस्सेल हुआ करता था अब बहुत ही शांत दिख रहा था...उसने ही भावना को आगे बढ़ने से रोक लिया था …
“लेकिन पुछताज तो करनी ही पड़ेगी “अजय का अंदाज अब भी वही था..
“कितने कमीने हो तुम “
भावना फिर से चिल्लाई ,
“ये जानते हुए भी भी की मा को किसने मारा है तुम यंहा पुछताज करने आ गए...दीदी तुम्हारे बारे में गलत थी तुम तो ठाकुर से मिले हुए हो ,दीदी तुम दोनो को नही छोड़ेगी “
अजय सोच में पड़ गया की क्या मोंगरा ने उसे सब बता दिया था ..
“अच्छा तो दीदी से तुम्हारी अच्छी बनती है,”अजय थोड़ा रुका
“तब तो तुम मेरी साली हुई “
अजय के मजाक से किसी को हँसी तो नही आयी लेकिन दोनो ही उसे घूरने लगे ..
“क्यो मोंगरा ने सब कुछ नही बताया क्या ??”
दोनो ही एक दूसरे का चहरा देखने लगे
“तुम गद्दार हो,इधर दीदी के साथ प्यार की बाते करते हो और उधर ठाकुर के साथ वफादारी दिखा रहे हो “
भावना की आवाज इस बार थोड़ी ठंडी थी ..
“समझा करो मुझे ठाकुर से दोस्ती करके रखनी पड़ती है ,वरना मेरे स्थान पर कोई दूसरा आ जाएगा,और मैं तुम्हारी दूसरी दीदी के बारे में बात कर रह हु ,चम्पा की , ना की मोंगरा का “
उसकी बात सुनकर दोनो ने फ्रिर से एक दूसरे को देखा ,विक्रांत खड़ा होकर उसके पास पहुचा ..
“तुम आग से खेलने की कोशिस कर रहे हो,चम्पा को भूल जाओ क्योकि मोंगरा तुमसे बेहद प्यार करती है,मोंगरा तुम्हे पाने के लिए कही चम्पा को ही ना मार दे,कनक उसे समझा के थक गई लेकिन …..वो किसी की बात सुनती ही कहा है …”
“तब तो मेरे लिए और ही आसान हो जाएगा ,मोंगरा को खत्म करना और ठाकुर को भी ..”
अजय इतना ही बोलकर वँहा से निकलने ही वाला था की उसकी नजर एक पुस्तक में पड़ी अजय कुछ देर उसे ध्यान से देखकर उसके पास पहुचा और पुस्तक में फंसे हुए एक चमकीले कागज को खिंच लिया ,वो एक तस्वीर थी जिसमे मोंगरा हाथो में बड़ी सी पिस्तौल लिए दिख रही थी ..लेकिन अजय उसे और देख पाता उससे पहले ही भावना दौड़ी आयी और उसके हाथो से वो फ़ोटो खिंच लिया …...अजय उसकी इस अदा पर हल्का सा मुस्कुराया और घर से निकल गया …...
**********
|