RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
फ्लेशबैक स्टार्ट…
कालिया फिर से हवेली में था लेकिन इस बार वो किन्ही और चीजों के प्रति सजग था,उसके साथी अलग अलग जगहों में छिपकर हवेली में होने वाली गतिविधियों का नुमायना कर रहे थे,
कालिया अंदर जाते हुए डरने की एक्टिंग कर रहा था वो जानता था की ठाकुर के लोग उसे देख भी रहे है और रोकने वाले भी नही है ...उसे खुद पर भी हँसी आ रही थी क्योकि अंदर जाते हुए उसे डर तो लग ही नही रहा था ,लेकिन एक्टिंग जरूर कर रहा था…
वो सीधे उसी कमरे में पहुच गया जो उसके लिए पूनम ने मुक़म्मल कर रखा था,
जब आपको पता हो की कोई आपको देख रहा है तब ऐसी एक्टिंग करना बड़ा ही मजेदार अनुभव होता है,कालिया को बस थोड़ी ही देर इंतजार करना पड़ा …
“ओह तो तुम आ गए “पुमन आते ही दौड़कर उसके गले से लग गई ..
“ये क्या कर रही हो कोई देख लेगा …”
“यंहा हमे कोई भी नही देख सकता ..”
“फिर भी मैं किसी और से प्यार करता हु”
कालिया ने पूनम को खुद से दूर करने की कोशिस की लेकिन पूनम किसी जोक की तरह कालिया के शरीर से चीपक गई थी ….
उसने अब अपना सर उठाया..
“तो उस दिन जो हमारे बीच हुआ था”
“वो महज एक इत्तफाक था ,उस समय मैं गुस्से में था ..”
पूनम के चहरे की मुसकान और भी चौड़ी हो गई..
“तो ये इत्तफाक फिर से हो जाए “
पूनम ने कालिया के धोती के ऊपर से ही उसके लिंग को सहला दिया,ना चाहते हुए कालिया के लिंग ने एक फुंकार मार दी और मुह से एक आह सी निकल गई …
“छोड़ो मुझे “
कालिया ने जोर का झटका दिया और पूनम उससे अलग हो गई …
“देखो पूनम मैं तुम्हारी बहुत इज्जत करता हु,जिस तरह से तुमने अपनी जान पर खेलकर हमारी मदद की है मैं उसके लिए तुम्हारा अहसान मंद भी हु लेकिन ...मेरी एक बीवी है जिससे मैं बहुत ही महोब्बत करता हु …”
पूनम के आंखों में थोड़ा पानी आया..
“इतनी खुसनशिब है रोशनी जो उसे तुम्हारे जैसा पति मिला है ….लेकिन हमारे परिवार में मर्द दो-तीन शादी करते है फिक्र मत करो मैं भी तुम्हारी पत्नी बन जाऊंगी .”पूनम ने चहकते हुए कहा ,
फिर थोड़े धीरे स्वर में बोली
“या फिर रखैल ..जो बनाना चाहो “
कालिया उसकी बात सुनकर ही कांप गया था ,पुनम के आंखों का आंसू बता रहा था की उसके दिल में कालिया के लिए क्या है,क्या ये महज शाररिक सुख की कामना थी या कुछ और ???
कालिया ना तो समझ पाया ना ही उसे समझना था…
“मुझे रोशनी और कनक से मिलना है …”
पूनम के चहरे में दर्द भरी मुस्कान खिल गई..
“जरूर हजूर …”
वो धीरे धीरे चलते हुए उसके पास आयी और गालों में एक प्यार भरा किस कर दिया
“मैं समझ चुकी हु की तुम मुझे अपनी पत्नी तो नही बनाओगे ,,लेकिन कम से कम रखैल तो बना ही सकते हो ..”
हँसते हुए उसने कालिया के लिंग को मसल दिया और शरारत भरी हँसी हँसते हुए वो वँहा से निकल गई …
पूनम की इस शरारत से कालिया के चहरे पर भी ना चाहते हुए एक मुस्कान आ गई,
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कालिया रोशनी के साथ उसी बाथटब में लेटा हुआ था जिसमे वो उस दिन लेटा था ..दोनो एक दूसरे में खो गए थे ,
इधर हवेली के एक कमरे में ..
“वो साला मेरे ही घर में है और मेरी बीवी उसे सपोर्ट कर रही है ,मादरचोद को यंही मार डालने का मन करता है ,या उसके सामने ही उन तीनो लड़कियों को काट डालूंगा …”
प्राण ने शराब को एक सांस में अपने अंदर पहुचा दिया …
परमिंदर उसे सांत्वना देता है ,
“अभी ना जाने कितने हितैषी होंगे उसके इस हवेली में ,सभी को धीरे धीरे ढूंढना बहुत ही जरूरी है वरना क्या पता की हम उसे मारने की सोच रहे है और वो हमारे ही घर में हम पर ही भारी पड़ जाए “
परमिंदर की बात से प्राण शांत तो हो गया लेकिन उसके कानो में पूनम की वो आवाज अब भी साफ साफ गूंज रही थी जिसे उसने आज सुना था,उसकी बीवी उसके दुश्मन की रखैल बनना चाहती है …….
प्राण गुस्से को पीने के कारण कांप रहा था लेकिन फिर भी मन के किसी कोने में उसके अंदर स आवाज आ रही थी की दिमाग से काम ले ,जल्दबाजी में सब कुछ गड़बड़ हो जाएगा …..
“साला इतना महंगा बाथरूम बनवाया था ,3 लाख का झूमर लगवाया था ,1 लाख का तो वो टब ही है और साले उनमे वो कालिय अपनी बीवी के साथ मौज कर रहा होगा ,.ना जाने कल मेरी बीवी भी ....इसकी मा की चुद …”
प्राण ने अपने हाथ में पकड़े हुए कांच के गिलास को जोरो से फेका जो दीवाल से टकरा कर चकनाचूर हो गया ..”
परमिंदर को उसकी बात पर थोड़ी हँसी भी आयी लेकिन वो इसे अपने तक ही दबा कर रह गया..
“कुछ तो करना होगा परमिंदर हम ऐसे हाथ पर हाथ धरे तो नही बैठ सकते ना “
“बेशक हमे बस कुछ करना तो होगा ठाकुर साहब लेकिन अभी नही ...बेफिक्र रहिए और किसके लिए रो रहे हो वो लड़की जो कभी मन से आपको अपना पति स्वीकार ही नही कर पाई,क्या आश्चर्य है की वो आपसे धोखा कर रही है ,अपने भी तो उसके बाप के गले में तलवार रखकर उसे उठाया था,वो कैसे आपको प्यार कर सकती है ,जिस प्यार और वफ़ा की आप उससे कल्पना कर रहे हो क्या अपने कभी उसे दिया है ..”
प्राण को लगा जैसे किसी ने उसे आईना दिखा दिया था,वो बौखला गया था लेकिन वो परमिंदर था कोई और होता तो शायद प्राण उसे गोलियों से भूंज देता...परमिंदर के साथ यही दिक्कत थी वो बेबाक था चाहे ठाकुर ही क्यो ना हो वो उसकी गलतियों को गिना देता,लेकिन ठाकुर उसे बर्दास्त करता था क्योकि उसे भी पता था की ऐसा वफादार और सच्चा आदमी उसे नही मिल सकता………
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