RE: kamukta जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
हम दोनों बाहर ही थे की चंपा की आवाज आयी ..
“अब आप लोग अंदर आ जाइये रात बहुत हो गई है “
तिवारी हमसे बिदा लेकर अपने घर जा चुका था..
और मैं अब चंपा की बांहों में था…
“तुमने मुझे कभी बताया नही की तुम शहर में रहती थी “
“हा मेरी पढ़ाई वही हुई थी ,ठाकुर से बचने के लिए बाबूजी ने मुझे शहर भेज दिया था,लेकिन जब बाबूजी को ठाकुर ने मार दिया और मोंगरा और बलवीर वापस आ गए तो मेरा शहर में रहना भी दुर्भर हो गया...ठाकुर के आदमी हमे सभी जगह तलाश कर रहे थे,वो तो मुझे भी मार ही देते लेकिन तुमने मुझे बचा लिया “
चंपा की बात सुनकर मैं थोड़ा चौक गया ..
“क्या??क्या कहा की मैंने बचा लिया “
इस बार चंपा मुस्कुराई
“ठाकुर को पता था की मैं किसी जंगल के सरदार के पास नही बल्कि शहर में रहती हु और अपनी पढ़ाई कर रही हु,मैं भावना(कनक की बेटी) के ही कालेज में थी,इधर चंपा का आतंक फैल रहा था और वही ठाकुर को मेरी कोई सुध नही थी की कालिया की कोई दूसरी बेटी भी है ,मैंने मुम्बई से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और ..”
“वाट द फक ...तुम ...तुमने इंजीनियरिंग की है ..”
ये ऐसे था जैसे मेरे सर पर किसी ने कोई बम्ब फोड़ दिया हो ,मैं जिसे आजतक इस जंगल की भोली भाली लड़की समझ रहा था वो तो मॉर्डन लड़की है ..
“जी जनाब वो भी IIT मुम्बई से ,और उसके बाद MBA के लिए मेरा दाखिला IIM इलाहाबाद में होई गया ..”
“इसकी मा की …...“
मैं अपना सर पकड़ कर खड़ा हो गया था लेकिन चंपा घबराई नही बल्कि सिर्फ मुस्कुराती रही ..
“तुमने मुझे ये सब पहले क्यो नही बताया ..??”
इस बार चंपा के चहरे में एक फिक्र और चिंता के भाव थे
“इसी डर से की कही तुम मुझे छोड़कर ना चले जाओ ,मोंगरा ने अपना गेम खेल दिया था,तुम्हारे आने के पहले से ही ये सब शुरू हो गया था ,ठाकुर को पता चल गया था की मैं IIM से MBA कर रही हु वंहा मेरी जान को खतरा होने लगा था लेकिन ठाकुर को चकमा देने के लिए मोंगरा चाहती थी की मैं ये देश छोड़कर निकल जाऊ ,ये सब हो पाता लेकिन उससे पहले ही उस इंस्पेक्टर का खून हो गया और तुम उसकी जगह आ गए ,दीदी ने तुम्हे आजमाने की सोची और बलवीर के कहने पर तुमसे मिलने गई ,याद है जब तुम पहली बार मोंगरा से उस झील में मिले थे …”
“बलवीर के कहने पर ???”मैं फिर से थोडा आश्चर्य में था..
“हा मोंगरा किसी पर यू ही भरोसा नही कर लेती ,उसने तुम्हे आजमाया लेकिन उससे गलती हो गई ,वो तुम्हारे प्यार में पड़ गई उसे तुम बहुत अच्छे लगे ,लेकिन तुम उसे चंपा ही समझते रहे और वो भी आगे बढ़ गई ,उस दिन जब तुम दोनों टॉकीज में गए थे तो तुम्हें रणधीर मिल गया और ठाकुर ने तूम दोनों को बचा लिया ,क्योकि वो भी जानता था की अगर मोंगरा वंहा है तो उसके बेटे को भी वंहा खतरा होगा,तब तक तुम्हारे साथ मैं नही बल्कि मोंगरा ही थी लेकिन इन सबमे मोंगरा के सामने एक प्रश्न लाकर खड़ा कर दिया था की उसे किसे चुनना है ,अपने प्यार को या फिर उस लक्ष्य को जिसके लिए उसने अपनी जावानी अपना चैन सुख सब कुछ कुर्बान कर दिया था,और मोंगरा ने फैसला ले लिया ,उसने अपने लक्ष्य को ही चुना…...उसने इसके लिए मुझे फिर से वापस बुला लिया,ये बात ठाकुर को भी पता चल गई थी और वो इससे और भी ज्यादा परेशान हो गया क्योकि वो जानता था की अगर उसने मोंगरा समझ कर मुझे मार दिया तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी,उसने भी एक प्लान बना रखा था उसने तुम्हे खरीदने की कोशिस की वो जानता था की तुम चंपा के कितने करीब हो ,और मोंगरा को पकड़ने के लिए अपना जी जान लगा दोगे इसलिए उसने मेरी तरफ से ध्यान भी हटा लिया,तो तुमने ही मुझे बचाया ना ..”
इस बार मेरा दिमाग हिल गया था मैं अपना सर पकड़े हुए बैठा हुआ था मेरे आंखों में दुख था आंसू थे ,मैं अपने को किसी बेवकूफ की तरह महसूस कर रहा था …
“तो तुम दोनों ने मिलकर मेरा इस्तेमाल किया,और तुम..तुमने तो बस मुझसे प्यार का दिखावा किया बस ..”
चंपा आकर मेरे बाजू में बैठ गई …
“सच कभी कभी कड़वा होता है अजय लेकिन मेरी बात का विस्वास करो की मोंगरा और मैंने दोनों ने ही तुमसे बेहद प्यार किया है ,तुम जानते हो की हमारी आंखे कभी गलत नही थी ...हा जब मुझे बुलाया गया था तब मैं बस एक खेल खेलना चाहती थी मोंगरा की मदद करना चाहती थी,याद है जब तुम मेरे झोपड़े में आये थे शराब पीने के लिए,मैंने उस दिन तुम्हे पहली बार देखा था ,तुम्हे महसूस किया था ,ये हमारा ही प्लान था की तुम मेरे नजदीक ना आ पाओ इसलिए मोंगरा ने गोली चलवा दी और तुम उसे ढूंढने जंगल में चले गए ,लेकिन यकीन मानो वो आखिरी बार था जब मोंगरा तुम्हारे साथ थी ,क्योकि मैं भी तुम्हारे प्यार में पड़ चुकी थी और मोंगरा ने ये कुर्बानी भी दे दी ,तब से तुम्हारे साथ बस मैं ही थी ,हमने ही एक दूजे को अपना प्यार दिया और आज भी मैं तुमसे बेहद मोहोब्बत करती हु …”
मुझे पता था मुझे पता था की मेरा चुतिया कट गया था लेकिन मैं इस बात से इनकार नही कर सकता की चाहे वो मोंगरा हो या चंपा इन्होंने मुझसे मोहोब्बत तो बेपनाह किया था,इनकी आंखे कभी झूट भी बोलती थी ,किसी की भी नही बोलती बस पढ़ने वाला होना चाहिए ..
मैं अपने ही दुनिया में गुम था की मुझे याद आया की इस लड़की ने खुद को जंगल में रखा जबकि ये तो महलों में रहनी चाहिए थी ,ये एक वेल क्लासिफाइड प्रोफेसनल है और शायद ये मुझसे ज्यादा कमाएगी लेकिन इसने सब छोड़कर मेरा साथ चुना था,खुद की पहचान को भी इतने दिनों तक छुपाए रखा था,सच में ये दोनों ही बहने पागल थी ,और शायद मैं भी क्योकि मैं भी इससे बेहद ही मोहोब्बत करता था ..
“तुम्हारी डिग्री का क्या हुआ “
“वो तो हो गई ,पिछले महीने ही लास्ट प्रोजेक्ट का सबमिशन था..”
मेरे होठो पर इस बार मुस्कान आ गई
“ये सब तुमने आखिर किया कैसे ???”
वो खिलखिलाई
“कुछ लोग है जो हमारी मदद कर दिया करते है ,मेरे पिता जी और मोंगरा के चाहने वाले ,वो दोनों ही डाकू थे लेकिन ...लेकिन उन्होंने अच्छाई के लिए हथियार उठाये थे कभी गरीबो और मजबूरों को परेशान नही किया,उनके कारण कई बच्चे अपनी जिंदगी अच्छे से जी पा रहे है ,अच्छे कालेजो में पढ़ रहे है और अच्छी नॉकरिया भी कर रहे है ,कभी कभी ये सब हमारी मदद कर देते है “
चंपा का चहरा शांत था ,मुझे एक अलग ही चंपा दिख रही थी मैंने अपने होठो को उसके होठो से मिला दिया ..
“एक बात पुछु मोंगरा और बलवीर कहा है ,अभी तक उनकी बॉडी नही मिली कही वो दोनों अभी भी …”
जो कीड़ा मेरे दिमाग में इतने दिनों से हलचल मचाये था आखिर वो बाहर आ ही गया ,लेकिन चंपा जोरो से हँस पड़ी …
“तुम रहोगे पुलिस वाले ही “
“क्या करे मेडम काम है अपना ..”
“ओह तो अपना काम कीजिये इंस्पेक्टर साहब ,खुद पता लगाइए की आखिर वो है कहा “
“मतलब की दोनों अभी भी जिंदा है “
“god only knows बेबी ..”
चंपा मेरी गोद में बैठते हुए बोली
“तुम्हारे मुह से अंग्रेजी सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा है “
वो फिर से खिलखिलाई
“कोई बात नही आदत हो जाएगी “
हमारे होठ फिर से मिल गए ……...
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