RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
मेने विजेता को अपने मुँह पर बिठा लिया, और उसकी कुँवारी चूत को अपने जीभ से चाटने लगा…
रामा मेरे लंड को अंदर बाहर करते हुए विजेता के होंठ चूसने लगी,
ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जाता है, इसे किसी को सिखाने की ज़रूरत नही होती, सब अपने आप आने लगता है…
यही विजेता के साथ भी हुआ, और वो अपनी चूत को मेरे मुँह से घिसते हुए, होंठ चूसने में अपनी बड़ी बेहन का साथ देने लगी
उन दोनो की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी, वातावरण चुदाईमय हो गया था…
कुछ देर के धक्कों के बाद रामा झड़ने लगी, और मेरे ऊपर बैठ कर हाँफने लगी…
रामा – भाई अब देर मत कर, अपनी गुड़िया रानी को खोलने का समय आ गया है..
विजेता की चूत पानी बहाते-2 तर हो चुकी थी, तो मेने उसे लिटा दिया और उसकी टाँगों को मोड़ कर चौड़ा दिया.
रामा ने उसकी फांकों को अपने हाथ से खोल दिया, उसका बारीक सा लाल रंग का छेद दिखने लगा…
रामा ने मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी चूत के छोटे से छेद के मुँह पर रख कर कहा – भाई, लगा धक्का और अपना लंड डाल कर चौड़ा कर्दे इसके छेद को भी…
मेने अपने लंड को हाथ का सपोर्ट देकर हल्का सा धक्का दे दिया कमर में…
मेरा सुपाडा उसके संकरे छेद में फिट हो गया, विजेता के मुँह से कराह निकल गयी…
रामा ने उसके होंठों को अपने मुँह में ले लिया और उन्हें चूसने लगी, मौका देख कर मेने एक तगड़ा शॉट लगा दिया, और मेरा लंड विजेता की चूत को फाड़ता हुआ, आधे से ज़्यादा अंदर चला गया…
विजेता ने रामा का सर पकड़ कर अपने से दूर कर दिया और हलाल होते बकरे की तरह डकराती हुई चीख पड़ी….
अरईईईईईई……मैय्ाआआ………रीई….मारगइिईईईईईईईईईईई……ओउफफफ्फ़……मेरी चूत फाड़ दी…..सालीए….हर्मीईिइ….बेहन भाई…दोनो ही हरामी हूओ….
रामा उसे – प्यार से पूचकारते हुए उसके गालों को थप थपा कर शांत करने की कोशिश करने लगी…
विजेता मुझे रोने के साथ – 2 गाली देते हुए बोली – अब निकाल भोसड़ी के, या मार ही डालेगा भेन्चोद…अभी भी सांड की तरह चढ़ा हुआ है मेरे ऊपर
हाई…मम्मी…उन्ह..हुंग…कहाँ फँस गयी मे…इन चोदुओ के बीच.
मे उसके निप्प्लो को सहलाते हुए बोला – बस मेरी गुड़िया हो गया सब, अब कुछ नही होगा तुझे आइ सपथ..…
निपल के सहलाते ही उसमें सेन्सेशन होने लगा जिससे उसका चूत का दर्द कुछ कम लगने लगा, मेने धीरे से अपने लंड को बाहर की ओर खींचा,
विजेता ने एक लंबी सी साँस छोड़कर राहत की साँस ली, की चलो आफ़त टली…लेकिन दूसरे ही पल उसका मुँह फिर खुल गया, वजह मेरा 3/4 लंड फिरसे उसकी चूत में जा चुका था…
ऐसे ही 3/4 लंड की लंबाई से उसको धीरे-2 चोदने के बाद उसको अच्छा लगने लगा, अब वो भी अपनी कमर को उचकाने लगी थी…
जब वो फुल मज़े में आ गयी, तो मेने एक फाइनल शॉट लगा दिया और मेरा पूरा 8”लंबा और ढाई इंच मोटा खूँटा, उसकी नयी फटी चूत में सेट होगया….
वो एक बार फिरसे कराह उठी, लेकिन इस बार वो इस झटके को झेल गयी थी, क्योंकि अब उसकी कुँवारी चूत रस छोड़ने लगी थी…
मेने उसकी एक टाँग को अपने कंधे पर रख लिया जिससे लंड अंदर बाहर होने में आसानी होने लगी…
रामा उसके सर के पास बैठ कर उसकी टाइट चुचियों को चूस रही थी..
दो तरफ़ा हमले से विजेता आनंद सागर की लहरों में उतरती डूबती हुई बुरी तरह से अपनी कमर को झटके देते हुए झड़ने लगी..
उसकी आँखें मज़े के आलम में अपने आप मूंद गयी, और उसके पैर मेरी कमर से कस गये…
दो-टीन मिनिट रुक कर मेने उसे निहुरा कर घोड़ी बना दिया, और आहिस्ता से उसकी नयी चुदि चूत में लंड डाल दिया…
एक दो झटकों में उसे फिर से तकलीफ़ हुई, लेकिन जल्दी ही वो फिरसे मज़े ले लेकर अपनी गान्ड को मेरे लंड पर पटक-पटक कर चुदाई का आनंद लूटने लगी…
10 मिनिट उसे इस पोज़ में चोदने के बाद मेने अपना वीर्य उसकी नयी फटी चूत में उडेल दिया, और उसकी खेती की पहली सिंचाई कर दी…
उन दोनो जंगली बिल्लियों ने 15 मिनिट में फिरसे मेरे लंड को तैयार कर दिया, और इस बार मेने रामा को अपने ऊपर बिठा कर उसे चोदने लगा…
हम तीनों रात भर पलंग पर उछल कूद मचाते हुए, चुदाई का भरपूर आनंद उठाते रहे, मेरी स्टॅमिना, एक साथ दो चुतो को ठंडा करने की थी..
इसका मुख्य कारण था, शुरू से ही भाभी की ट्रैनिंग, और दिदियो का मुझे सिड्यूस कर के कलपद कर के छोड़ देना..
जिस कारण से धीरे – 2 मुझे अपने पर कंट्रोल करने की ट्रिक अपने आप ही आती गयी…
उसी का फ़ायदा उठाकर मेने उन दोनो को पूरी तरह से तृप्त कर दिया, और वो मेरे दोनो ओर मुझसे लिपट कर सो गयी…
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