RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
रेशमा – मुझे नही बुझानी कोई आग बाग…, तुम जाओ यहाँ से वरना शेरसिंघ के किसी आदमी ने तुम्हें यहाँ देख लिया तो अपनी जान से हाथ
धो बैठोगे…!
मे – शेर सिंग.., कॉन शेर सिंग..?
उसने उस अधेड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा – ये शेर सिंग.., तुम शेर सिंग को नही जानते.., लगता है.., कहीं बाहर से आए हो..?
मे – हां मे यहाँ का नही हूँ.., अब सवाल जबाब में ही समय बर्बाद करोगी या अपनी प्यास बुझानी है.., और रही बात इस शेर सिंग की तो वो तो अब सुबह से पहले उठने वाला नही है.., उसे तो तुमने चुस्कर खाली कर दिया..!
रही बात इसके आदमियों के देख लेने की तो उसकी तुम बिल्कुल फिकर मत करो.., यहाँ जब तक ये तुम्हारे साथ है.., और कोई फटकेगा भी नही.., बोलो क्या कहती हो..?
ये कहते हुए मेने अपना पाजामा नीचे खिसका दिया.., जैसे ही उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ी.., उसकी आँखें हैरत से फटी रह गयी.., अपने मूह पर हाथ रखकर बोली…
हाए अल्लाह…, ऐसा लंड तो मेने पॉर्न फिल्मों में ही देखा है.., ये हक़ीकत में भी ऐसा होता है क्या..?
मे अपना लंड हाथ में लिए दो कदम और तय करके उसके ठीक उसके मूह के सामने खड़ा हो गया, वो अभी भी उसी स्थिति में बैठी थी.., मेने अपना लंड उसकी आँखों के सामने लहराते हुए कहा..
रेशमा डार्लिंग.., असली लंड तुम्हारी आँखों के सामने है.., पॉर्न फिल्मों में तगड़े लंड से लड़कियों को चुदते देखकर तो बहुत मज़ा लिया होगा
तुमने अपनी चूत सहलाते हुए..,
अब प्रॅक्टिकल करने का मौका है तुम्हारे पास.., मे तो यही कहूँगा इस मौके को हाथ से जाने मत दो…!
वैसे भी तुम कोन्सि इस बुड्ढे की पतिव्रता हो.., हो तो रखैल ही ना…!
रेशमा एक पल को तैश में आते हुए बोली – माइंड युवर लॅंग्वेज मिस्टर….?
गौरव रघुवंशी… मेने तपाक से अपना छद्म नाम बताते हुए कहा.. बंदे को इसी नाम से पुकारते हैं लोग.., क्यों मेने कुच्छ ग़लत कहा क्या.., तुम शेर सिंग की रखैल हो की नही…?
रेशमा – हां हूँ तो.., तुमसे मतलब ये मेरा जाती मसला है.., तुम कॉन होते हो मुझसे इस तरह बात करने वाले..?
वो भले ही उपरी मन से ये सब कह रही थी.., लेकिन उसकी ललचाई हुई नज़र अभी भी मेरे लंड पर ही टिकी हुई थी.., मेने उसकी प्यासी नज़रों को ताड़ते हुए कहा –
किसी ने सही ही कहा है.., साला चाइ से ज़्यादा केटली गरम होती है.., कोई बात नही तुम अपनी अधूरी प्यास के साथ यहाँ खुले में बैठकर
अपनी चूत में उंगली करके अपना पानी निकालो, मे चला अपने ठिकाने पर…,
इतना कहकर मे सचमुच अपना लंड पाजामा के अंदर डालकर वहाँ से जाने के लिए मूड गया…!
मे जानता था कि ये साली छिनाल अपनी अधूरी प्यास लेकर अब रात गुजारने से रही.., उपर से जब उसकी प्यासी चूत को मेरे हलब्बी लंड के दर्शन हो गये हों..
अभी मेने वहाँ से जाने के लिए अपने कदम बढ़ाए ही थे कि पीछे से उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया…!
आअहह…गौरव.., मेरे राजा.., इतने खूबसूरत लंड के दर्शन कराकर अब कहाँ जा रहे हो..? प्लीज़ मेरी बात का बुरा मत मानो.., मे तो.. मे तो बस ऐसे ही तुम्हें परख रही थी…!
मेने उसके हाथ अपने आगे से हटाए और पलटकर उसकी प्यासी आँखों में देखते हुए कहा – परख रही थी मतलब..?
रेशमा – मे देखना चाहती थी कि क्या तुम भी दूसरे मर्दों की तरह मौके का फ़ायदा उठना चाहते हो..? मेरे जैसी सुंदर औरत के साथ हर कोई यही करना चाहता है ना…!
मे – तुमने ग़लत समझा मेरी जान.., नो डाउट यू आर सो ब्यूटिफुल यंग लेडी.., कोई भी मर्द तुम्हें चोदने की कामना कर सकता है.., लेकिन
अपने भी कुच्छ अलग ही फन्डे हैं…,
मे हर काम.., ख़ासतौर से चूत प्यार से ही मारता हूँ.., वो भी अच्छी तरह से खूब दबाकर…!
वो मेरे लंड को पाजामा के उपर से ही मसलते हुए बोली – तो फिर देर किस बात की मेरे राजा.., अब तो चूत भी राज़ी है और चूत वाली भी.., दबा के मार लो..,
देखूं तो सही ये हलब्बी लंड वाकयि दमदार है या खाली बंदूक की तरह दिखावे का है… !
मेने उसके रसीले होठों पर अपनी रज़ामंदी की मुहर लगा दी और फिर उसे अपनी गोद में उठाकर कॉटेज के अंदर लेकर चल दिया…!!!
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