RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
मेने उसके कंधे पर हाथ मारते हुए कहा – क्या यार संजू भाई…, मुझे भैया भी कहते हो और मेरे मज़े भी ले रहे हो…!
संजू हँसते हुए बोला – मज़ाक कर रहा था.., मेरा कहने का मतलब फिर आपके उपर वहाँ उंगली उठाने वाला नही होगा.., वो दोनो इस समय कहाँ मिलेंगे.., इसका पता मे आपको कुच्छ समय बाद बता सकूँगा…,
मे – लेकिन यार पता नही हमें यहाँ और कितने दिन लगें तब तक ललित का क्या करें..? उसको अपने साथ रख कर ख़तरे में तो नही डाल सकते…!
संजू – मेरे ख़याल से उसे तो आप बस में बिठाकर घर ही भेज दो.., यहाँ से सीधी बस अपने शहर के लिए मिल जाएगी.., तो उसे कोई भी बहाना करके अभी के अभी यहाँ से रवाना कर दो..,
अभी दो घंटे में भिंड से आने वाली बस जाएगी.., शायद इस होटेल पर रुक कर वो यहाँ चाइ नाश्ता भी करते हैं…,
मुझे संजू की बात सही लगी.., वो ये सब बातें बताकर वहाँ से गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गया.., मेने कमरे में आकर ललित को किसी काम का बहाना बनाकर जाने के लिए राज़ी कर लिया..!
संजू ने सही कहा था.., वो बस वहाँ रुकी और मेने ललित को उसके बॅग और संजू की अस्थियों के साथ घर के लिए रवाना कर दिया.., और ये हिदायत भी की, कि वो इन अस्थियों का जिकर अभी घर में किसी से ना करे…, मेरे लौटने तक अपने बॅग में छुपाकर ही रखे…!
मेरे बारे में बता देना कि हाइ कोर्ट में कोई काम था सो मे वहाँ चला गया हूँ, दो-चार दिन में लौट आउन्गा…!
ललित को घर के लिए रवाना करके अभी मे कमरे में वापस लौटा ही था कि पलंग पर संजू को बैठे हुए पाया…!
मे – ओह्ह्ह… तो महाराज पहले से ही विराजमान हैं.., कहिए अब क्या खबर लेकर आगये…?
संजू - राठी का पता चल गया है.., वो भेन्चोद साला हरामी.., यूपी में पुरानी सरकार में रह चुके एक मंत्री के फार्महाउस में छुपा बैठा है…,
अभी मौका है.., पूर्व मंत्री अपने गुर्गों के साथ अपनी पार्टी की मीटिंग में गया हुआ है, कल तक लौटेगा तबतक हम लोग उसका बही ख़ाता बंद कर देते हैं…!
मे – और उसका लौंडा…, वो कहाँ है…?
संजू – वो शायद अड्डे पर ही होगा, हो सकता है अभी उसका हाथ सही नही हुआ होगा.., उसकी मुझे चिंता नही है उसे तो बाद में भी देख लेंगे..,
मे – तो फिर कब निकलना है..?
संजू – आज रात को ही मौका है.., यहाँ से दिन छिप्ते ही निकल लेंगे.., कल सुबह तक ये काम ख़तम करके कल आपको रेशमा से भी मिलना है…!
मे – अरे भाई मेरे इतना टाइट शेड्यूल किसलिए.., अगर किसी तरह राठी को मारने में फैल हो गये या कोई अड़चन आगयि तो…,
संजू – कल शाम तक किसी भी तरह आपका अड्डे में होना ज़रूरी है.., एक-दो दिन में ही कोई बड़ी डील होने वाली है तो इनका बॉस भी
वहाँ मौजूद होगा.., मौका लग गया तो हम उसकी असलियत भी जान जाएँगे…!
वैसे तो अब राठी को यमलोक पहुँचाना मेरे अकेले के लिए भी कोई मुश्किल काम नही है.., लेकिन मे चाहता हूँ मरने से पहले उसे पता हो
कि उसे किसने मारा और क्यों…, ताकि मरते समय वो किसी असमंजस में ना हो…!
मे – तो अब हमारे पास कुच्छ समय भी है.., अगर तुम उचित समझो तो अपनी आगे की कहानी बताना चाहोगे..? तुम्हारी शादी के बाद तुम्हारा और प्रिया का मिलन कैसा था…?
प्रिया का नाम आते ही संजू के चेहरे पर उदासी के बादल मंडरा उठे.., मे समझ सकता था कि जिसे उसने अपने दिलो जान से चाहा है, जिसके लिए उसने अपनी जिंदगी को दोबारा से दाँव पर लगा दिया..,
उससे इतना जल्दी बिछड़ना उसके दिल को कितना कष्ट पहुँचा रहा होगा..?
मेने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे हौसला देते हुए कहा – माफ़ करना दोस्त.., मेने तुम्हारी दुखती रग पर हाथ रख दिया शायद.., कोई बात नही.. तुम अगर नही बताना चाहते हो तो कोई बात नही…!
संजू की आँखों में अपनी प्रियतमा से बिछड़ने के गम में आँसू छलक आए.., मेने इस लड़के को कभी इतना एमोशनल होते नही देखा था..,
मुझे इस बात से ये अंदाज़ा लगाना कतयि मुश्किल नही था कि वो उसे किस हद तक प्यार करता होगा…?
कुच्छ ही देर मे संजू ने अपने आपको संयत किया और मेरे हाथों को अपने हाथों में थामकर उसने अपनी आगे की कहानी सुनाना शुरू किया…!!!
|