RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
कमरे के बीचो-बीच पड़े एक विशाल पलंग पर एक कम उम्र लड़की *** जिसके अभी नीबू के साइज़ की चुचियाँ ही हो पाई थी.., मधयम
कलर की दुबली पतली सी…राठी जैसे 50 साल के अधेड़ की गोद में किसी छोटी बच्ची सी बैठी थी…!
दोनो के शरीर पर कपड़े के नाम पर एक रेशा तक नही था…, शायद ये उस लड़की का पहला ही मौका हो किसी लंड को लेने का…!
राठी उसके नीबू साइज़ के टिकॉलों से खेल रहा था.., कभी उनको सहला देता तो कभी ज़ोर से मसल देता तो लड़की के मूह से एक दर्द भरी आअहह.. निकल जाती…!
मेरे लिए ये कोई ज्यदा आश्चर्य की बात नही थी.., सबसे ज़्यादा हैरानी तो मुझे इस बात की हुई कि उसी पलंग पर राठी के ठीक बगल में ही संजू महाराज विराजमान थे..,
और बड़े मज़े ले लेकर उस पापी राठी के इस अनाचार को देख ही नही रहे थे बल्कि पूरे मज़े ले रहे थे…!
अभी मेरी हैरानी दूर भी नही हुई थी तभी संजू ने उस लड़की की छोटी सी गान्ड के संकरे से सुराख में अपनी मोटी उंगली घुसेड दी…,
वो लड़की चिहुनक कर उपर को उछल्ते हुए बोली – क्या अंकल गान्ड में उंगली क्यों करते हो…?
उस लड़की की बात सुनकर राठी उसके नीबू पर चाँटा मारते हुए बोला – क्या साली मज़ाक करती है.., मेरे तो दोनो हाथ तेरे इन टिकॉलों पर
हैं फिर मे कैसे तेरी गान्ड में उंगली कर सकता हूँ…?
लड़की ने उसके हाथों पर अपने हाथ रखकर पीछे मुड़कर देखते हुए कहा – तो फिर मेरी गान्ड में उंगली किसने की…?
राठी उसके टिकॉलों से अपना एक हाथ नीचे सरका कर उसकी हल्के हल्के रोंगटे वाली मुनिया पर ले गया और अपनी एक उंगली के पोर से
उसकी छोटी सी क्लिट को सहलाने लगा…,
वो कच्ची कली मस्ती में आहें भरते हुए अपनी गान्ड को उसके अधखड़े लंड पर रगड़ने लगी…!
कुच्छ देर में ही राठी के लंड का धैर्य जबाब देने लगा और उसने लड़की को पलंग पर लिटा दिया, खुद उसके उपर आकर उसकी अध्चुदि
चूत में अपना 6” का लंड डालने की तैयारी करने लगा…!
उसने उसकी फांकों को चौड़ा कर अपने सुपाडे को उसमें फिट कर दिया.., तभी संजू ने अपना मोटा तगड़ा लंड अपने कपड़ों से बाहर
निकाला , खुद राठी की गान्ड के उपर आकर उसे अपने हाथ से मुठियाने लगा…!
उसकी मनसा जानकार मेरे कान खड़े हो गये.., ओ..तेरी कीईईईईई… भेन्चोद संजू कहीं उपर से राठी की गान्ड ठोकने के इरादे में तो नही है…?
अगर ऐसा हुआ तो बेचारी लड़की का क्या हाल होगा.., झटके से ही राठी का लंड उसकी चूत की गहराइिओं में होगा…,
हे भगवान भेन्चोद कर क्या रहा है ये संजू.., अब इसे कैसे रोकू…?
मेने फटाफट खिड़की को साइड में किया.., अपने निकलने लायक जगह बनाई.., और बे-आवाज़ कमरे में कूद गया…!
इससे पहले कि संजू अपना लंड राठी की गान्ड में पेलता.., मेने एक ही जंप में पलंग के पास पहुँचकर लड़की के कंधे पकड़ कर राठी के
नीचे से थोड़ा सा उपर को खींच लिया…,
ठीक उसी समय संजू ने बड़ी बेदर्दी से अपना लंड पूरा का पूरा राठी की गान्ड में ठोक दिया.., वो एक लंबी सी चीख मारता हुआ लड़की के
उपर पलंग पर पसर गया…!
उसकी गान्ड चरमरा उठी थी.., राठी का लंड लड़की की जांघों के बीच से होकर गद्दे से टकराकर वापस मूड गया…!
लड़की किन्कर्तव्य-विमुड सी कभी चीख चिल्ला रहे राठी को जो औंधे मूह उसके पेट में मूह दिए पड़ा था उसे देखती तो कभी मेरी तरफ देखने लगती…,
उसकी अभी तक ये समझ में नही आ रहा था कि आख़िर राठी चीख क्यों रहा है.., जबकि मे तो उसके सिर की तरफ था.., उसे संजू तो दिखाई दे ही नही रहा था…!
संजू ने राठी के उपर से उसकी गान्ड में खूँटा सा ठोक कर इस तरह से दबा रखा था कि वो अपना सिर भी उठाकर पीछे की तरफ नही देख पा रहा था…,
उसकी गान्ड में संजू ज़बरदस्ती से लंड को पेले ही जा रहा था.., जो कि उसकी गान्ड में जाकर अप्रत्यसित रूप से और ज़्यादा मोटा किसी मोटी प्रजाति के गन्ने जैसा लग रहा था…!
वो अपने लंड को जितना उसकी गान्ड में पेलता जा रहा था.., उतना ही बचा हुआ बाहर दिखाई देता जा रहा था…,
संजू की इस प्रेत शक्ति को देख कर मे हैरान था.., वहीं राठी के लगातार चीखे जाने से वो लड़की भी हैरान परेशान थी कि आख़िर ये इतना चीख क्यों रहा है…?
आख़िर में उस लड़की ने उसके मूह को अपने पेट से उपर उठाकर पुछा.., अंकल आप इतना चीख क्यों रहे हैं..?
राठी चीखते हुए बोला – अरे मेरी गान्ड फाड़ रहा है ये... कॉन है मेरे उपर..?
आपके उपर…? कोई भी तो नही.. ये आप क्या बहकी बहकी बातें कर रहे हो..? वो लड़की हैरानी के साथ बोली.., ये बाबू तो इतनी दूर खड़े हैं…!
जब उस लड़की ने ये बात मेरी तरफ इशारा करके कही.., तब राठी को होश आया कि मे उसकी आँखों के सामने ही खड़ा हूँ…!
वो एकदम से चोन्कते हुए बोला – अरे वकील तू…? यहाँ कैसे पहुँचा..?
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