RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
इस समय वो अकेली ही थी.., संजू ने सही कहा था.., बहुत ही छोटे और टाइट फिट ड्रेस में शायद वो मेरा ही इंतेजार कर रही थी.., इन
कपड़ों में उसकी मादक जवानी जैसे उबली पड़ रही हो…!
मुझे देखते ही वो सोफे से उठकर मेरी तरफ लपकते हुए बोली – कहाँ गायब हो गये थे गौरव…?
वो मेरे सामने बेहद नज़दीक आकर खड़ी हो गयी.., मेने उसकी कमर में एक हाथ डालकर उसे अपने साथ सटाते हुए कहा – वाह जी
वाह…, मोह्तर्मा खुद तो बेसूध होकर नींद में डूब गयी.., किससे पूछता कि कब और कहाँ मिलना है…?
वो तो मे आज ऐसे ही अंदाज़े से चला आया इधर और भाग्यवश ये मुझे मिल गया…,
रेशमा अपने दाँत काटते हुए बोली – सॉरी यार.., वो क्या है कि वो जिंदगी में पहली बार इतनी दमदार चुदाई हुई सो उसके बाद मुझे होश ही नही रहा..,
खैर अच्छा हुआ तुम आ गये.., हमें तुम्हारे जैसे योग्य आदमी की शख्त ज़रूरत है इस समय..!
मेने अंजान बनते हुए कहा – क्यों ऐसी क्या बात हो गयी जो मेरी सख़्त ज़रूरत आन पड़ी है…?
रेशमा एक पल के लिए रुकी…, शायद सोच रही थी कि असल बात मुझे बताए या नही.., फिर कुच्छ सोच कर बोली – दरअसल कुच्छ रोज़ पहले एक लड़की के चक्कर में संजू नाम के एक नमक हराम ने हमारे एक खास आदमी को मौत के घाट उतार दिया और एक का हाथ काट डाला…ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
यही नही कल रात को किसी ने हमारे एक और खास आदमी को भी मार डाला…, उफफफ्फ़…क्या दूरगत की उस हरामजादे ने उसके साथ…, कहते हुए रेशमा सिहर उठी…
जानते हो जिसने भी उसे मारा है.., उस मादरचोद ने उसके पिच्छवाड़े में एक काँच की बॉटल डालकर अंदर ही तोड़ दी.., ऐसा लगता है किसी को उससे कुच्छ ज़्यादा ही तकलीफ़ थी…
मेने मन ही मन कहा, देखती जा जानेमन अभी और क्या क्या होता है तुम लोगों के साथ लेकिन प्रत्यक्ष मे अफ़सोस जताते हुए कहा – ओह नो..! सच में ये तो बहुत बुरा हुआ..,
लगता है कोई बहुत ही जालिम आदमी आप लोगों के पीछे पड़ा है.., लेकिन रेशमा जी, अब इसमें मे क्या कर सकता हूँ..?
रेशमा – अरे यार वो तुमने कहा था ना कि तुम हमारे गॅंग में शामिल होना चाहते हो.., अब दो-दो सिपहसालार जो शेर सिंग के बराबर का ओहदा रखते थे उनकी कमी तुम पूरा कर सकते हो..,
मे – इन घटनाओं को देखते हुए तो ऐसा लगता है कि कोई तो है जो आप लोगों से खार खाए बैठा है.., और वो भी इतना जालिम किस्म का
इंसान है..,
मुझे लगता है कुच्छ दिन मुझे आप लोगों के साथ आने का टाल ही देना चाहिए.., क्या पता कल को साले ने मेरे ही पिच्छवाड़े को फाड़ डाला तो…?
उपर से तुम कह रही हो कि मे दो-दो आदमियों की ज़िम्मेदारी संभाल लूँ..ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं, ना बाबा ये अब मुझसे नही होगा…!
रेशमा – क्या यार तब तो बड़ी बड़ी डींगे हांक रहे थे.., अब क्यों फटने लगी.., और फिर कोई ज़रूरी तो नही कि उस वहशी इंसान की हम सब लोगों से ही कोई खुन्दस हो..,
ये भी तो हो सकता है कि उसकी राठी से ही कोई खास दुश्मनी हो जिससे उसने उसका ये हाल किया है.., प्लीज़ अब पीछे मत हटो..,
अच्छा पूरा ना सही अपने पुराने अनुभव से कम से कम कुच्छ हद तक तो ज़िम्मेदारी संभाल ही सकते हो…!
मेने उसकी गोल-गोल उभरी हुई गान्ड को मसल्ते हुए अपनी ओर खींचा.., उसकी मुनिया मेरे कड़क होते जा रहे लौडे पर आकर दब गयी..,
फिर दूसरे हाथ से उसकी एक गदराई हुई चुचि को मसल्ते हुए कहा…
कुच्छ क्या.., तुम कहो तो मे तुम्हारा सब कुच्छ संभालने को तैयार हूँ…!
रेशमा मेरी बाहों में मचलते हुए बोली – सच.., तो फिर देर किस बात की सम्भालो मुझे…, वैसे भी रात भर करवटें बदलते हुए गुज़ारी है मेने…!
उसके इतना कहते ही मेने उसे अपनी बाहों में उठा लिया.., लाकर उसके आलीशान पलंग पर पटका और देखते ही देखते हम दोनो के कपड़े बदन से अलग होकर फर्श की शोभा बढ़ा रहे थे…,
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