RE: Bhabhi ki Chudai लाड़ला देवर पार्ट -2
घटना इतनी ख़तरनाक थी.., बातें तो होनी ही थी.., ख़ासकर औरतों और लड़कियों में इस घटना का गहरा असर हुआ.., इसी बात का मौका
देख कर प्रिया ने औरतों के मन की बात टटॉलनी शुरू कर दी..!
उसने अपने विरोध को जायज़ ठहराते हुए अपनी बात को मजबूती से रखते हुए कहा – देखा उपर वाले का न्याय..,
उसके घर देर है लेकिन अंधेर नही.., इस डायन ने बहुत ज़ुल्म किए हैं, मेरी जैसी ना जाने कितनी लड़कियों के उपर.., भगवान सब देखता है…!
उसकी इन बातों से उनमें से बहुतों पर अनुकूल असर हुआ.. और अब वो उसके फ़ैसले को सही ठहराने लगी…!
प्रिया अब ये अंदाज़ा भी लगा चुकी थी कि वक़्त आने पर इनमें से ज़्यादातर औरतें, लड़कियाँ उसके साथ भागने के लिए तैयार हो सकती हैं…..!
दूसरे दिन रेशमा और शेर सिंग सुबह ही सुबह आ धम्के…, आनन फानन में मीटिंग रखी.., जिसमें हम तीन ही थे.., दोनो के चेहरे बता रहे थे कि उपर से काफ़ी लताड़ खाकर आए हैं.., और रात की घटना को लेकर उसकी भडास मेरे उपर निकालने वाले हैं…!
इससे पहले कि वो दोनो मेरे साथ कोई सवाल जबाब करते मेने उन्हें यहाँ का चार्ज सौंपते हुए कहा – रेशमा मेडम/ शेर सिंग जी ये संभालिए अपनी धर्मशाला.., मुझे ऐसी जगह काम नही करना जहाँ पागल भरे पड़े हों…!
वो दोनो बेचारे तो वैसे ही पंगु हुए पड़े थे.., मे एक आश् के रूप में इनके काम आ सकता था..,
कहाँ तो वो दोनो अपनी उपर की भडास मेरे उपर निकालने आए थे.., और मेने ही उन्हें काम छोड़ने की धमकी देकर चारों खाने चित्त मार दिया…!
कुच्छ देर तक वो दोनो एक दूसरे की शकल देखते रहे.., ये तय करना मुश्किल हो रहा था कि अब इस नयी सिचुयेशन को हॅंडल कैसे करें…??
तभी शेर सिंग अपनी मुन्छो पर ताव देकर अपनी ठकुरायट झाड़ते हुए बोला – यहाँ से जाना इतनी आसान बात नही है गौरव राजवंशी.., यहाँ
जो एक बार आ गया वो यहाँ से जिंदा निकल कर नही जा पाता…!
जितने तुम यहाँ हमारे लोगों की तादात समझ रहे हो उससे कई गुना ज़्यादा बाहर हर शहर में हमारे लोग फैले हुए हैं.., इतना बड़ा कारोबार यौंही नही चल रहा है…!
शेर सिंग की बात सुनकर मेरी झान्टे सुलग उठी.., मेने तैश में आए बिना अपने लहजे को संयत रखते हुए कहा – ठाकुर साब.., हो सकता है
आप बहुत पावर फुल होगे और ये हो सकता है कि आपके बहुत सारे लोग बाहर फैले हुए हैं..,
फिर भी कोई एडा आदमी आपके खास-म-खास राठी को टपका कर चला गया और आपकी फौज उसकी झांट तक नही उखाड़ सकी.., ऐसे संघठन आदमियों से नही दिमाग़ और खुद की ताक़त से चलते हैं…!
शेर सिंग उँची आवाज़ में लगभग चिल्लाते हुए बोला – इतने ही दिमाग़ और ताक़त वाले हो तो रात की वो हिंसक घटना रोक क्यों नही पाए..?
कॉन जबाब देह है उसका..?
चिल्लाओ मत मिस्टर. शेर सिंग मे कोई तुम्हारा जर खरीद गुलाम नही हूँ.., अपनी मर्ज़ी से आया हूँ.., अपनी मर्ज़ी से ही जाउन्गा.. और तुम और तुम्हारे आदमी कुच्छ उखाड़ नही पाएँगे…!
रही बात रात की घटना की.., तो कल मुझे आए हुए समय ही कितना हुआ था.., वो विकी आधा पागल तो आप लोगों के सामने ही हो चुका था अपने बाप की हत्या के गम मे…!
इतने संवेदन शील माहौल को छोड़ कर आप लोग चले क्यों गये यहाँ से…? कम से कम एक रात रुकना चाहिए था कि नही…?
रेशमा जो अब तक चुप बैठकर हम दोनो की बहस सुन रही थी.., उसको लगा कि मामला ज़्यादा बिगड़ने वाला है.., वो कम से कम इस समय मेरे जैसे आदमी को खोना भी नही चाहती थी.., सो बीच में कूदते हुए बोली…
स्टॉप दिस नोन सेन्स टॉक… प्लीज़.., ये समय एक दूसरे पर चीखने चिल्लाने का नही बल्कि सोच विचार करने का है.., हमें नही पता था कि
अब तक चूहे जैसा राठी का लड़का इतना ख़तरनाक काम भी कर सकता है…!
मिस्टर. राजवंशी प्लीज़ कम डाउन.., अब वो पागल भी मर चुका है.., तो अब मेरे ख़याल से यहाँ की कमॅंड लेने में आपको कोई अड़चन नही होनी चाहिए…!
और शेर सिंग जी.., आप तो सीनियर आदमी हैं.., हमारे धंधे में ऐसी घटनायें होना आम बात है.., कुच्छ दिन पहले ही एक और पागल ने ऐसा ही कुच्छ बखेड़ा खड़ा कर दिया था और हमने युसुफ जैसे काबिल कमॅंडर को खो दिया था…!
अब उसकी बेहन की हालत कैसी है.., वो बच तो जाएगी ना…?
मे – बहुत मुश्किल है.., ब्लीडिंग कॉन्टिन्यू जारी है.., उसका अन्द्रुनि डॅमेज बहुत ज़्यादा है.., पता नही वो अभी तक जिंदा कैसे है…?
रेशमा अफ़सोस जताते हुए बोली – ओह.. ये तो वाकई बहुत दुखद बात है.., लेकिन अब इसमें हम कर भी क्या सकते हैं.., बाहर इलाज करा
नही सकते.., तमाम सवाल खड़े होने का डर है…!
खैर आप उस लड़की क्या नाम है उसका जो उस पागल संजू की बीवी है उससे मिले..? वो भी ख़ुदकुशी करने पर उतारू है..,
अगर इसी तरह ज़िद पर अड़ी रही और हमने उसकी ज़िद मान ली.., तो और बहुत सी आवाज़ें इसी तरह उठना शुरू हो जाएँगी…!
हमारा तो धंधा ही ये है.., और इसमें इस तरह की बातें नुकसान पहुँचा सकती हैं…!
मे – उसकी ज़िम्मेदारी आप मुझ पर छोड़ दीजिए.., उसका इलाज अब ज़ुल्म से नही दूसरे तरीक़े से मतलब कुच्छ हमदर्दी दिखाकर ही निकाला जाएगा…!
आप लोगों के जाने के बाद मेने उसे देखा था.., बहुत हालत खराब थी उसकी.., जैसे तैसे उसको होश में लाया गया.., बहला फुसलाकर खाना खिलवाया..,
मुझे लगता है वो जल्दी ही मेरी बात मान जाएगी…!
रेशमा मेरी तरफ मुस्कुरा कर बोली – मतलब तुम जल्दी ही उसकी टेस्ट ड्राइव ले सकते हो…?
मेने भी जबाब में हँसते हुए कहा – उम्मीद तो है.., इस पर शेर सिंग खिसियानी हसी हॅस्कर रह गया…!
रेशमा – दो दिन बाद बॉस की यहाँ विज़िट है.., कोशिश करना तब तक फिर कोई ऐसी घटना घटित ना हो.., वरना हम सबको जबाब देना
भारी पड़ जाएगा…!
इतना कहकर उसने शेर सिंग से कहा – सिंग साब.., मे तो यहाँ कुच्छ देर और रहूंगी.., इनके साथ सब एक बार और चेक कर लूँ..,
आप अपने फार्म हाउस पर चलिए.., हथियारों की कन्साइनमेंट आने वाली है.., अपने आदमियों को कहकर रास्ते की मुस्किलात देखिए…!
मेने अपना हाथ आगे करते हुए कहा – सॉरी सिंग साब मेरी कोई बात आपको अनुचित लगी हो तो माफ़ करना…!
उसने भी मेरा हाथ थामते हुए दूसरे हाथ से अपनी मुच्छों पर ताव देकर कहा – अरे ये सब तो होता रहता है यार.., दरअसल उपर के प्रेशर
की वजह से दिमाग़ थोड़ा अपसेट था.., आप भी मेरी बातों का बुरा मत मानना प्लीज़…!
इतना कहकर वो कुच्छ देर और रुक कर वहाँ से रवाना हो गया.., उसके जाते ही रेशमा ने दरवाजा बंद कर दिया और अपने बदन की प्यास बुझाने मेरे शरीर से बेल की तरह लिपट गयी…!
मेने भी देर नही की.., और उसकी मख़मली गान्ड को मसल्ते हुए उसके रसीले सुर्ख होठों पर अपने तपते होंठ जोड़ दिए…,
कुच्छ ही देर में उस शानदार ऑफीस के शांत वातावरण में कामुकता से भरी आहों… कराहों…और वासनायुक्त सिसकियों का शोर व्याप्त होने लगा…,
मेने शेर सिंग के साथ हुई झड़प का सारा गुस्सा अपने लंड के ज़रिए रेशमा की मखमली चूत में उतार दिया…!
|