RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
बाहर बरामदे में सफाई करते हुए जब मेरी नज़र कपड़ों पर पड़ी, तो मैंने देखा कि शालिनी की जिन दो ब्रा में मैंने मुठ मारी थी पिछले दिनों,, वही लाल और काली ब्रा टंगी हुई है.... इसका मतलब शालिनी ने दोनों ब्रा को अब तक धोया नहीं था,,, क्या शालिनी को पता चल गया था कि उसकी ब्रा में मैंने हस्तमैथुन करके अपने वीर्य से लबालब भिगोया है, । और इसी तरह काम करते समय मैं शालिनी के बदन को देख देख कर गनगना उठता और आगे उसे छूने के बहाने बनाने की सोचने लगा ।
और शालिनी के बदन की गोलाईयों को देख कर मेरा दिन कट गया ,शाम को खाने के बाद हम दोनों थोड़ी देर छत पर टहले और पड़ोसी मेरी सैकड़ों बार कल्पनाओं में किये हस्तमैथुन की साथी सेक्सी भाभी से हम दोनों ने काफी देर तक बातें की ।
भाभी ने शालिनी की खूबसूरती की जी भर तारीफ की, चांदनी रात में शालिनी की मस्त जवानी के दीदार का अहसास अलग था मैं अब उसके शरीर से उसके समर्पण के साथ खेलना चाहता था चोरी चुपके से नहीं ।।,, मगर कैसे ??
भाभी ने ऐसे ही मजाक मजाक में पूछ लिया कि हम दोनों साथ सोते हैं कि अलग-अलग रूम में ,,, तो शालिनी ने बहुत सफाई से झूठ बोला ।
शालिनी-भाभी, एक्चुअली भैय्या आगे रूम में देर तक टीवी देखते हैं और मैं पढ़ाई के लिए पीछे रूम में ही रहती हूं,,, वही सो भी जाती हूं ।
भाभी- अरे, मैं तो कह रही थी,,,सुला लो सागर भैय्या मेरी लाडो रानी को अपने पास,, नहीं तो कोई और ले उड़ेगा,, ज़माना ख़राब है और मेरी ननद रानी है बहुत सेक्सी... पटाखा,,, सम्हल के रहना , मेरी बन्नोरानी,,, मेरे देवर से,, और वो हंसने लगी ।।
शालिनी- हां हां,, खूब मजे ले लो आप लोग,,, मुझे सेक्सी सेक्सी बोल बोल कर, भाभी आप भी ना...
भाभी -अरी बन्नो , मैं तो मजाक कर रही हूं, सागर भैय्या बहुत ही केयरिंग हैं और तुम्हारा अच्छे से ख्याल रखेंगे ।। और किसी हरामी ने मेरी बन्नो पर नजर भी डाली ना तो देख रही हो ना मेरे देवर राजा की सालिड बाडी ...
शालिनी (इठलाती हुई) वो तो है ,, मेरे राजा भैया की सालिड बाडी...
मैं - हां हां ,,, अब तुम दोनों लोग मिलकर मेरी खिंचाई करोगे ,,,
फिर ऐसे ही थोड़ी देर बात करने के बाद हम नीचे आ गये ।
और मैं आईने के सामने बाल संवारती हुई शालिनी को देख कर अपनी चाल चलते हुए बोला ...
पता है बचपन में मैं तुम्हें अपने कंधे तक उठा लेता था ,,, अब पता नहीं ... उठा पाऊं कि नहीं ,,, और अपने डोले देखने का नाटक किया जैसे मैं अपनी ताकत का अंदाजा लगा रहा होऊं ।
शालिनी :- क्यू नहीं उठा सकते भाई...मैं इतनी भारी नहीं हूं और मोटी तो बिलकुल भी नहीं हु....
शालिनी ने थोड़ा माहौल को हल्का करने के लिए मजाक किया लेकिन जब उसने सोचा होगा कि वो क्या बोल गयी तब उसे अहसास हुआ होगा कि वो गलती कर बैठी है ।
... ये सुनके मेरी आंखो में चमक आ गयी... शालिनी को उठाने की उसे गोद में बिठाने की बात को सोचते ही... मेरे मन में दबी हवस एकदम से उछल पड़ी।
मैं :- नहीं नही, तुम बिलकुल मोटी नहीं ...बल्कि बिलकुल फिट हो... सुपर हिट हो ... मेरी बहना, देखा नहीं भाभी जान कैसे तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ कर रही थीं।।
(मन में...तुमने सही जगा पे सही वजन बढा़या हुआ है बेबी .. जहां जितनी मांसलता होनी चाहिए उतनी ही है...)
शालिनी :- हम्म्म्म्म ..
और वो थोड़ी शरमा गयी , मैं उसके चेहरे को देखते हुए उसे उठाने लगा ।
शालिनी- भाई जी,,,, प्लीज़ ,आराम से उठाना...गिरा मत देना...और उससे भी इम्पोर्टेन्ट अपनी कमर का ख्याल रखना....
मैं :- तुम चिंता मत करो...अभी बहुत जान है मुझमे... पहले तो मैं तुम्हें उपर उछाल कर गोद में बैठा लेता था ।
हम दोनों ने एकदूसरे को देखा... शालिनी ने आज भी वही घुटनों के काफी उपर तक वाली निक्कर पहन रखी थी ..टॉप तो हमेशा की तरह वो बिना बांह की टी-शर्ट थी ...और मैं थोड़ा आगे हुआ... शालिनी की तेज चलती हुए सांसे मेरेे चेहरे से टकराईं....उसके जिस्म की खुशबू मेरी सांसों में बस सी गयी...
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