RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
अब ये एक अलग तरह का एहसास हो रहा था जब एक लड़की कह रही हो कि जाकर लंड हिला कर पानी निकाल लो और इस तने हुए खंबे को भी आराम करने दो ...
मैं बेड से उतर कर बड़ी बेशर्मी से दरवाजे के पास रुक गया और
मैं- तुम्हें अगर परफ्यूम चाहिए हो तो अपनी ब्रा ...
शालिनी- नहीं नहीं ,यू आर टू मच.... नाटी ...ब्वाय .. अब जाओ भी
अच्छा रहने दो,,,मत करो आ जाओ लेट जाओ ,,
वो चिढ़ाते हुए बोली
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और बाथरूम का दरबाजा बंद करके बरमूडे से लंड को आज़ाद करके शालिनी के कामरस से भरे बदन को याद करते हुए जोर जोर से लंड के सुपाड़े की चमड़ी को आगे पीछे करने लगा और आंखें बंद करते ही ऐसा लगा जैसे मैं शालिनी की बुर पर अपने लौड़े को रगड़ रहा हूं,,, और मैं यह सोचकर और जोर से अपने लंड पर मसाज करते हुए और तेज तेज मुठ मारने लगा, शालिनी की बुर का खयाल मेरी उत्तेजना और बढ़ा देता है ,,,
उसकी चूचियों को दबा कर सहलाने का भी मौका मिलता है थोड़ा थोड़ा कभी कभी,,, मगर उसकी बुर को ना तो मैं अब तक देख ही पाया था और ना ही ठीक से कभी छू पाया था,,, मैंने आज तक किसी की भी लड़की या औरत की बुर को नंगा नहीं देखा था,,, तो मेरे लिए शालिनी की पैंटी में बंद तिरकोण अब भी एक रहस्य ही था ,,,
और यही सब सोचते हुए कुुछ ही देर में मैं झड़ गया और सफाई करने के बाद रूम में आ गया ।
मैं पसीने से लथपथ हो गया था , बाथरूम में गर्मी काफी थी और उपर से इतना गर्मा गर्म बातों का दौर शालिनी के साथ...... इस तरह की सारी गर्मी का लावा अब बह चुका था और मैं तौलिया से अपने हाथों को सुखाते हुए शालिनी के पास बेड पर उसके बगल में लेट गया,,,
कूलर की ठंडी हवा में कुछ आराम मिला , शालिनी काफी रिलैक्स लग रही थी, हम लोगों में काफी देर तक कोई बात नहीं हुई ।
जाने कितनी देर तक हम दोनों आंखें बंद करके एक दूसरे के पास बराबर में लेटे रहे और बिना बात किए भी हम दोनों में बातें तो हो ही रही थी,,,
ये अभी अभी जो हम दोनों ने किया था उसके बाद हम दोनों के बीच शरमो हया की एक बड़ी दीवार गिर चुकी थी और जाने कहां तक गिरने वाली थी ,,,, अब मुझे जाने क्यों यह सब अभी भी शायद एक सपना ही लग रहा था,,,
शालिनी के कहने पर आज अभी अभी मैंने हस्तमैथुन किया है,,, क्या गजब एहसास हो रहा था ,,, क्या होगा ,,, अब ,,, क्या हो रहा है,,, हम दोनों शायद यही सोच रहे थे ,,,*
मगर जो भी है यह हम दोनों भाई बहन के प्यार और एक दूसरे पर विश्वास को और अधिक बढ़ा रहा था ...
कूलर की ठंडी हवा में कुछ आराम मिला , शालिनी काफी रिलैक्स लग रही थी, हम लोगों में काफी देर तक कोई बात नहीं हुई ।
कुछ देर बाद मैंने टीवी आन कर दी और गाने देखने लगा ,,*
कुछ देर ऐसे ही नार्मल बातें करते हुए हम सो गए ।
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