RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
कुछ देर तक यूँ ही हम दोनों के बीच खींच-तान चलती रही, उसकी खूबसूरती को निहारने के मारे मैं रह-रह कर उसे देख मुस्काए जा रहे थे और उसकी तरफ देख देख कर कमेंट कर उसे चिढ़ा रहा था,,
शालिनी किचन मे जाकर चाय बनाने लगी और मैंने टीवी चला लिया और बेड पर आधा लेट गया और चाय के साथ चायवाली मतलब शालिनी का इंतजार करने लगा ।
शालिनी चाय लेकर आई और जैसे ही उसने झुककर मुझे चाय का कप पकड़ाया तो मेरी सीधी नजर उसके कुर्ते के अंदर से झांकती हुई मस्त चूचियों पर जम गई,,, आह,,, इन्हीं मस्त उरोजों को मैं अभी कुछ देर पहले ही पूरा नंगा देख चुका था मगर ऐसे हसीन नज़ारे जितना देखो उतनी ही प्यास बढ़ती जाती है,,
फिर से मेरी और शालिनी की नजरें आपस में मिली और शालिनी को शायद एहसास हो गया कि उसने कुर्ते के अंदर समीज या ब्रा कुछ नहीं पहना है और मैं उसकी रसीली चूचियों को देख रहा हूं,, और वो तुरंत मेरे पास बैठ गई और अपने कुर्ते को हल्के से ठीक किया
खैर,, हम दोनों साथ-साथ में चाय पी रहे थे और मैंने फिर से उसे छेड़ा
मैं- कसम से ,, अगर मुझे ये पता होता कि तुम पार्लर जाकर ऐसे बिजलियां गिराओगी तो पहले ही भाभी से बोल दिया होता...
शालिनी- क्या यार,, तुम फिर से ..
मैं- क्या फिर से,,, अब बिजली गिरा रही हो तो मैं क्या करूं,,
आखिरकार शालिनी को भी थोड़ी लाज आने लगी और वह उठकर बाथरूम में जा कर अपना मुहँ धो कर मेकअप हलका साफ़ कर आई,,
मैं- 'अरे वो लड़की कहाँ गई जो अभी यहाँ बैठी चाय पी रही थी ?'
मैंने शालिनी को मेकअप उतारने के बाद देखते हुए हंस कर पूछा,,,
शालिनी- भाई,,आप फिर चालू हो गए...' शालिनी हँसते हुए बोली.
मैं- अरे भई इतनी सुन्दर लड़की के साथ बैठा था अभी मैं कि क्या बताऊँ?
मैंने उसे देखते हुए मुस्करा कर कहा -पर पता नहीं कहाँ गई उठ कर अभी तुम्हारे आने से पहले...'
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