RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
हम दोनों ने एक साथ एक दूसरे की नजरों में देखा और इस बार हम दोनों को थोड़ी सी झेंप लगी और हम एक-दूसरे की आंखों में देखने की बजाय फिर से झिरी में देखने लगे,,, उधर अब तक एंगल बदल चुका था,,,
हम दोनों से कुछ फिट की दूरी पर दो नंगे बदन चुदाई की शुरुआत करने वाले थे और हम-दोनों भाई बहन उनके लाईव वीडियो को देख रहे थे ऐसी हालत में कोई आखिर कैसे अपने आप पर कंट्रोल रखें,,, सामने वाले जोड़े में लड़की ज्यादा उत्तेजित लग रही थी और लड़के के लंड को अपने हाथों में लेकर उसे बड़ी तेजी से आगे पीछे कर के मसल रही थी और तभी लड़का बोला,,,
लड़का- आह सोनिया रुक जा ,,, नहीं तो मेरा माल तेरे हाथों में ही निकल जायेगा,,
लड़की- तो झड़ जाओ ना मेरे बहन चोद राहुल भैय्या,, मैं अपने लूडो को फिर से खड़ा कर लूंगी,,
लड़का- हां हां,, मेरी रानी बहना,, तू तो चूस चूस कर अपने लूडो को खड़ा कर ही लेगी,, बट एक राउंड पहले अपनी चूत में झड़ने दे,,, आज पूरे पांच दिन हो गए हैं तेरी ओखली में मूसल डाले हुए,,
और वो लड़का उस लड़की को लिटा देता है,, लड़की गजब की सुंदरता पायी थी और साथ ही उसकी चूंचियां भी मस्त थीं,,,
लड़की- राहुल भैय्या मैंने क्या रोका था तुम्हें,,, मेरी ओखली में मूसल डालने से,,,वो तो घर में तुम्हारी ख़ुद ही गांड़ फटती रहती है,,, अब पूरी कर लो अपनी इच्छा,,, खुले आसमान के नीचे चुदाई की,,,
लड़का धीरे-धीरे अपने लौड़े को सहलाते हुए लड़की के उपर लेट जाता है और उसकी चूत के मुहाने पर अपना लौड़ा टिका कर
लड़का- डालूं,,,, अच्छा आज रहने दो,, फिर कभी करूंगा,,
लडक़ी- बहन चोद मुझे गरम करके मज़े ले रहे हो,,, तुम्हारी देरी के चक्कर में ही मैं उस कमीने सौरभ के झांसे में आ गई थी,,,
राहुल- वो तो अच्छा हुआ मुझे पता चल गया कि तू चुदासी हो गई है और सौरभ से किसी भी दिन चुदवाने वाली है,,,, तभी मैंने तुझसे बात की और उस कमीने भोंसड़ी वाले सौरभ के जाल से तुझे निकाला,,,,
सोनिया- हां भाई तूने मुझे बचा लिया नहीं तो वो कमीना मुझे अपने सारे दोस्तों के आगे नंगी घुमाता ,,,,
और नीचे से अपने चूतड़ों को उछाल कर लन्ड को अपनी चूत में समाहित कर लिया और साथ ही नीचे से धक्के लगाने लगी,,,
वो दोनों हंस रहे थे और अब दोनों ने चुदाई में रफ्तार पकड़ ली थी,,,
अब तक हम दोनों को यह पता चल गया था कि ये जोड़ी भी हमारी तरह भाई-बहन हैं और यहां पर खुले आसमान तले चुदाई का आनन्द लेने आये हैं,,,
मैं अब चोर नज़रों से शालिनी को भी देख रहा था और साथ ही सामने हो रही लाइव चुदाई भी,, उसके चेहरे पर गरमाहट की ऐसी वाली छाई थी जैसे अभी उसके गालों से खून बाहर निकल आयेगा और गर्दन से नीचे उसकी तेज चलती हुई सांसों के साथ उसकी ब्रा और भीगी टी-शर्ट में कैद चूचियां बदस्तूर उपर नीचे हो रही थी,,, बहुत ही कामुक नजारा था और अब मेरे खाली हाथों को भी अपने आप ही काम सूझ गया और मेरा बायां हाथ मेरी फ्रेन्ची के अंदर पहुंच गया और मैंने अपने लौड़े को पकड़ कर दबाया तो उत्तेजना में मेरे मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई और शालिनी ने मेरी ओर देखा,,,
और आंखों ही आंखों में इशारा किया कि आवाज ना करो भैय्या नहीं तो हम लोगों की पहली लाईव चुदाई देखने में बाधा पड़ सकती है,,,,, और उसने जब अपनी नजरें नीचे की ओर की तो उसने मेरे हाथ को अपने खड़े लन्ड को मुठियाते हुए देखा जो अब मेरी फ्रेन्ची से बाहर निकल चुका था और अपने पूरे सात इंची लम्बाई को अख्तियार कर चुका था,,,
हम दोनों की नजरें आपस में टकराईं और हम दोनों एक साथ सामने झिरी में फिर से देखने लगे,,, उधर अब तक एंगल बदल चुका था और लड़की सोनिया घोड़ी बन गई थी और उसका भाई राहुल उसके भारी चूतड़ों को पकड़ कर ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और वो लड़की सोनिया भी तेज तेज आवाज में बोल बोल कर मस्त हो कर चुदवा रही थी,,,,
सोनिया- राहुल मेरी जान फ़ाड़ दे आज मेरी भोंसड़ी को,,, आह और अंदर पेल ना,,, घर पर हर समय चुदासे रहते हो,,, अब चोद मेरे भाई,, मेरी जान,, आह ,,, तेज,,, पेल ना,,, मैं अब आने वाली हूं,,,
राहुल- आह ,,, सोनिया मेरी जान,,, चोद तो रहा हूं,,, और कितना अंदर चाहिए तुझे,,,मेरा पूरा लन्ड तो अंदर जा रहा है,,,तेरी चूत में आग कुछ ज्यादा ही लगी हुई है,,, ले मेरी बहना,,, और वो और तेज धक्के मारने लगा
राहुल- मेरा लौड़ा शायद अब तेरी भोंसड़ी के लिए छोटा पड़ रहा है,,, है ना,,
चल अब मेरे उपर आ जा मेरी जान,,,,
और उन दोनों ने तुरंत ही चुदाई का एंगल बदल लिया और राहुल नीचे लेट गया और सोनिया उसके उपर बैठ कर लन्ड पर उछलने लगी और उसकी मस्त गोल गोल गोरी चुचियां उसके हर धक्के के साथ जबरदस्त उछाल मार रही थी,,,
मेरी और शालिनी दोनों की सांसें तेज हो गई थी और मैं अब अपने लन्ड के सुपाड़े की चमड़ी को पीछे तक खींचते हुए अपने आप को हस्तमैथुन की क्रिया में लीन कर चुका था,,, मुझे जरा भी डर या शर्म नहीं आ रही थी कि शालिनी मेरे से कुछ इंच की दूरी बना कर खड़ी हुई है,,,,,,,
तभी शालिनी ने मेरे लौड़े की तरफ देखा और मुझे अपने लौड़े को इस तेजी से मुठियाते हुए देखकर ना चाहते हुए भी उसके उत्तेजित चेहरे पर मुस्कान फैल गई और वो मेरे हाथ के पीछे जाने के साथ मेरे खुलते बंद होते लाल लाल सुपाड़े को बड़े ही गौर से देखने लगी,,,,
मेरे रोमांच की कोई सीमा नहीं थी और मैं कभी शालिनी को और कभी राहुल और सोनिया की चुदाई को देखकर अपने हाथों को रफ्तार दे रहा था,,,
कोई यूं ही एक दो मिनट हो गए मगर शालिनी ने झिरी के उस पार हो रही भाई बहन की घमासान चुदाई को देखने के बजाय अपने भाई के लन्ड को देखना ज्यादा पसंद किया और टकटकी लगाए रही,,,, तभी मैंने उत्तेजना में यंत्र वत होकर पता नहीं कैसे अपने दाहिने हाथ को शालिनी के उभरे हुए चूतड़ों पर रख दिया और दूसरे हाथ से मेरा लन्ड मुठियाना जारी रहा,,,
एक बार फिर से हम दोनों की नजरें टकराईं और मैंने उत्तेजना में उसे भी आंखों से इशारा किया कि तुम भी उंगली डाल कर अपने गर्म बदन की भट्ठी को शांत कर लो मेरी बहन,,
शालिनी ने भी अपनी लाल डोरे तैरती हुई बड़ी बड़ी आंखों से इशारे में ही मना किया कि मुझे नहीं करना,,,
|