RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक- अरे मेरी रंडी बहन.. अब लौड़ा चूसना बन्द कर.. ये दीपाली रंडी की चूत मचलने लगी है.. अब में इसको चोद कर ठंडा करूँगा।
प्रिया- क्या भाई.. आप भी ना, क्या रंडी-रंडी लगा रखा है? प्यार से ‘जान’ या ‘रानी’ ऐसा कुछ भी बोल सकते हो ना….
दीपाली- अरे नहीं प्रिया.. चुदाई का मज़ा ऐसे ही आता है.. तू भी देख लेना.. मज़ा आएगा.. बोलना दीपक बहनचोद.. फाड़ दे मेरी चूत को.. घुसा दे अपना लौड़ा मेरी चूत में…
प्रिया- हाँ, मैंने कहानी में पढ़ा था.. उसमे ऐसे ही बोलते हैं।
दीपक- तो भाईचुदी, ज्ञान क्या दे रही है, बोल कर दिखा. छिनाल की औलाद.. साली, तू तो रंडी से भी आगे निकल गई.. अपने भाई के लौड़े पर नज़र रखती है…
प्रिया- हाँ भड़वे बोल रही हूँ.. मेरी क्या बात करता है कुत्ते.. तू खुद क्या था.. जरा सोच, गंदी नाली का कीड़ा भी तुझसे अच्छा होगा. हर आने-जाने वाली लड़कियों की चूची और गाण्ड देखता था.. तेरे जैसा हरामी तो बहन ही चोदेगा और कहाँ से तुझे लड़की मिलेगी?
दीपाली- वा..वाह.. प्रिया क्या बोली है तू.. पक्की रंडी बनेगी मेरी तरह. आ भड़वे.. अब क्या नारियल फोडूँ तेरे लंड पर? तब चूत में डालेगा क्या? पेल जल्दी से बहनचोद…
प्रिया- हाँ, डाल दे मेरे भड़वे भाई.. इस छिनाल की चूत में अपना लौड़ा.. हरामजादी कब से बोल रही है.. इसका मन नहीं भरा.. अभी-अभी चुदवा कर आई है.. दोबारा कुतिया की चूत में खुजली हो गई।
दीपक- क्या? अभी चुदवा कर आई है साली? तभी इतनी देर से आई है.. ले, अब तेरी चूत का भुर्ता बनाता हूँ ... अब देख छिनाल, कितना चुदेगी तू.. ले मेरा लंड, मैं भी देखता हूँ तुझे।
दीपक ने लौड़ा चूत पर टिकाया और ज़ोर से झटका मारा.. पूरा लौड़ा चूत की अंधी खाई में खो गया।
दीपाली- आआहह.. हरामखोर आहह.. इतनी ज़ोर से धक्का मारता है! कमर में पाहे ही दर्द हो रहा था.. कुत्ते, पूरा वजन मेरे ऊपर डाल दिया आहह.. झटके मार.. साले हरामी आहह.. मज़ा आ गया तेरा लौड़ा है बड़ा गर्म.. आहह.. चोद मुझे. मार धक्के. आहह…
दीपक- उहह उहह आहह.. हाँ साली.. तू भले ही चुदी हुई है आहह.. मगर तेरी चिकनी चूत में लौड़े को अन्दर-बाहर करने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. आहह.. आहह…
प्रिया- सस्स भाई.. क्या झटके मार रहे हो आहह.. लौड़ा दीपाली की चूत में जा रहा है.. मज़ा मेरी चूत को आ रहा है आहह…
दीपाली- आहह.. मार ज़ोर से.. आहह.. चोद दे आहह.. फाड़ दे मेरी चूत को आहह.. प्रिया तू वहाँ बैठी चूत रगड़ रही है! आ, आ जा, मेरे मुँह पर चूत रख दे.. मैं चाट कर तुझे डबल मज़ा देती हूँ आ…
दीपक अपनी पूरी ताक़त से दीपाली को चोद रहा था.. प्रिया दीपाली की बात मान कर उसके मुँह के पास चूत ले आई और मज़े से चटवाने लगी।
दस मिनट तक दीपक ताबड़तोड़ दीपाली को पेलता रहा.. अब उसका बाँध टूटने वाला था।
दीपक- आह उहह उहह रंडी आहह.. मेरा पानी निकलने ही वाला है अब! आहह.. आहह…
प्रिया- आहह.. चाट आहह.. दीपाली आहह.. मेरी चूत भी लावा उगलने वाली है.. आईईइ कककक उफफफ्फ़ आह…
दीपक के लौड़े ने दीपाली की चूत में गर्म वीर्य भर दिया और दीपाली प्रिया का पानी पी गई।
फिर दीपाली को न जाने क्या सूझा कि उसने प्रिया को जल्दी से हटा कर दीपक को ज़ोर से धक्का दिया. वो एक तरफ़ गिर गया और एक सेकंड के सौंवें हिस्से में दीपाली दीपक के मुँह पर बैठ गई और उसने अपनी चूत उसके मुँह पर टिका दी।
दीपाली- आह, चाट बहनचोद! आहह.. अपना पानी तू खुद चाट ... रंडी बोलता है ना… आहह.. उह.. ले अब रंडी की चूत से पानी पी ... आहह ... साले, तू तो झड़ गया पर मैं अभी अधूर में हूँ.. मेरी चूत को चाट कर ठंडा कर! आहह.. उह.. जल्दी कर, भड़वे आह…
दीपाली की चूत से दीपक का वीर्य बह कर बाहर आ रहा था। उसके साथ दीपाली का भी चूत-रस मिक्स हो कर आ रहा था। दीपक को ना चाहते हुए भी वो चाटना पड़ रहा था। दीपाली की चूत भी चरम पे थी.. कुछ ही देर में उसने झड़ना शुरू कर दिया.. दीपक ने वो भी चाटना शुरू कर दिया।
दीपाली- आआआ एयाया अई चाट आहह.. गई मैं.. आह मज़ा आ गया अई..कककक..उईईइ…
प्रिया तो एक तरफ़ लेटी लंबी साँसें ले रही थी.. उसकी आँखें बन्द थीं और अभी के चरम-सुख का आनन्द वो बन्द आँखों से ले रही थी।
कुछ देर बाद तीनों बिस्तर पे लेटे हुए एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।
दीपक- मान गया साली तेरे को.. कसम से तू लाजबाव है.. किस से चुदी.. कितनी बार चुदी.. ये मैं नहीं जानता मगर तेरी चूत ने मुझे जो मज़ा दिया उसका जवाब नहीं. काश तेरी सील तोड़ना मेरे नसीब में होता।
प्रिया- भाई, आपको मेरी सील तोड़ने में मज़ा नहीं आया क्या?
दीपक- अरे बहना, बहुत मज़ा आया.. तुझे बता नहीं सकता मैं. मगर दीपाली पर कब से नज़र थी मेरी.. इसकी सील तोड़ने का सपना था मेरा.. इसलिए ऐसा बोल रहा हूँ।
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