RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।
सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…
दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी, समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए तो सालों, तुम लौड़े हिलाते रह जाओगे और मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।
सोनू- अच्छा बाबा, माफ़ कर दे.. वो कब आ रही है और कहाँ?
दीपक- इस मैडी को पूछो, बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना, साले…
मैडी- प्लान क्या, शालीमार में कमरा बुक कर लिया है. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा, अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं तो ऐसा करते हैं कि पावर वाली गोली हम ले लेते हैं.. फिर साली को जम कर चोदेंगे।
सोनू- हाँ यार, पहली बार चूत मिल रही है. ऐसा न हो कि साली के नंगे जिस्म को देखते ही लंड से पानी निकल जाए. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी हम उसको जम कर चोद पाएँगे।
दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।
दीपक वहाँ से वापस घर आ गया तब तक प्रिया भी उठ गई थी। उसको बुखार था तो वो बस मुँह-हाथ धो कर बैठी थी। दीपक की माँ ने उसे नहाने नहीं दिया था और गुस्सा भी किया कि इतनी देर रात तक जागने की क्या जरूरत थी. मगर प्रिया ने पढ़ाई का बहाना बना दिया था।
दीपक- हाय माय स्वीट एंड सेक्सी सिस्टर, गुड मॉर्निंग।
प्रिया- गुड मॉर्निंग, भाई।
दीपक- आख़िर उठ ही गई मेरी प्यारी बहना.. चल जरा दीपाली को फ़ोन तो लगा. मुझे उससे बात करनी है।
दीपाली- हाँ जानती हूँ क्या बात करनी है.. रात भर तो चुदाई की है. आपका अब तक मन नहीं भरा क्या?
दीपक- तू भी कैसी बात करती है! चूत से भला कभी मन भरता है क्या? और दोस्तों के साथ मिल कर चुदाई करने पर तो दुगुना मज़ा आएगा.. चल अब बातें बन्द कर.. फ़ोन लगा उसको…
प्रिया ने दीपाली को फ़ोन लगाया तो उसकी मम्मी ने उठाया और दीपाली को दे दिया। तब दीपक ने उसे होटल की बात बता दी..
दीपाली ने कहा- दस मिनट में घर से निकल रही हूँ.. तुम भी जाओ…
दीपक ने ‘ओके’ बोल कर फ़ोन रख दिया और बाहर जाने लगा।
प्रिया- भाई, जा रहे हो आप? बेचारी को आराम से चोदना.. तुम तीन और वो अकेली.. कहीं कुछ हो ना जाए…
दीपक- अरे उसको क्या होगा? साली रंडी है वो.. तू टेन्शन मत ले.. बड़े प्यार से चोदेंगे उसको.. अच्छा अब चलता हूँ।
प्रिया- बेस्ट ऑफ फ़क, भाई।
दीपक घर से निकल गया.. उधर दीपाली भी आज अपनी मम्मी को प्रिया का नाम लेकर घर से निकल गई।
दीपाली ने सफेद टॉप और गुलाबी स्कर्ट पहना हुआ था.. वो एकदम गुड़िया जैसी लग रही थी। कुछ देर बाद दीपक वहाँ आ गया और दीपाली उसको देख कर मुस्कुराई।
दीपक- हाय रे जालिम, मार डाला. क्या लग रही हो यार..
दीपाली- बस बस.. यहाँ रास्ते में ज़्यादा हीरोगिरी मत दिखाओ.. अब चलो, कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाएगी।
दोनों चलने लगे.. रास्ते में दीपक ने उसको उन दोनों से हुई सारी बात बता दी।
दीपाली- ओह माँ! सब गोली लेंगे तो मेरी हालत खराब हो जाएगी.. तुम सब के सब हरामी हो.. आज मेरी चूत और गाण्ड को बुरी तरह बजाओगे।
दीपक- साली बरसों की तमन्ना आज पूरी होगी तो मज़ा तो लेंगे ना…
दीपाली- जाओ ले लो मज़ा. मेरी भी ‘ग्रुप सेक्स’ की तमन्ना आज पूरी हो जाएगी. चोदो जितना चोदना है.. आज मैं खूब मज़े से चुदवाऊँगी. पता है रात मैंने प्रिया की बताई हुई कहानी पढ़ी है.. उसमें से ऐसी-ऐसी गाली याद की हैं जो आज तुम्हें सुनाऊँगी।
दीपक- हा हा हा… साली गाली सीख कर आई है.. हमें तो सीखने की जरूरत भी नहीं है.. ऐसे ही निकाल देंगे.. वैसे एक बात तो है गाली देकर चोदने का मज़ा अलग आता है।
दीपाली- हाँ ये तो है… बड़ा मज़ा आता है।
यही सब बातें करते हुए दोनों होटल पहुँच गए.. मैडी बाहर खड़ा उनको आता हुआ देख कर बड़ा खुश हुआ।
मैडी- वेलकम वेलकम…
दीपाली- यहाँ ज़्यादा बात मत करो.. चलो अन्दर.. जो कहना है वहाँ कहना..
मैडी- ओके चलो.. मेरे पीछे आ जाओ तुम दोनों…
दीपाली- नहीं, तुम दोनों आगे जाओ.. मैं थोड़ा रुक कर आती हूँ।
मैडी- ठीक है.. ऊपर आ कर दाईं तरफ कमरा नम्बर 13 में आ जाना।
दीपाली- ओके.. आ जाऊँगी.. दरवाजा बन्द मत करना.. जाओ अब..
दोनों ऊपर चले गए.. जहाँ सोनू पहले से ही बैठा था।
सोनू- अरे क्या हुआ? दीपाली कहाँ है? नहीं आई क्या?
दीपक- चुप साले.. क्या बोले जा रहा है.. वो नीचे है.. आ रही है।
सोनू- अच्छा ले.. ये खा ले.. बड़ा मज़ा आएगा चोदने में..
मैडी- हा हा! साला कब से गोली हाथ में ले कर बैठा है.. मैंने कहा खा ले.. तो बोला अगर वो नहीं आई तो लौड़ा कैसे शान्त होगा… उसके आने के बाद ही खाऊँगा.. साला हा हा हा..
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