RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
गतान्क से आगे..............
रेणु: "राज तुम ने तो बॉम्बे मे बहुत फिल्मी हीरो और हेरोइन देखे होंगे"
मे: "हाँ देखे तो है पर सब को नही"
मे: "हमारी एक बार स्कूल की पिक्निक फिल्मसिटी गयी थी, तब मे 2, 4 हीरो और हेरोइन को देखा था"
रेणु: "किस किस को देखा था"
मे: "गोविंदा, मिथुन, मधुरी दीक्षित, डिंपल और भी बहुत सारी"
रेणु: "वो क्या हमसे ज़्यादा खूबसूरत होती है"
मे: "अर्रे नही दीदी वो तो मेक अप करके खूबसूरत बनती है"
रेणु: "तुझे कैसे पता"
मे: "मा कहती है"
रेणु: "राज तुम कोन्से क्लास मे पढ़ते हो"
मे: "6थ स्टॅंडर्ड मे...और दीदी तुम?"
रेणु: "मे मेट्रिक मे हूँ"
मे: "मतलब?"
रेणु:"10थ स्टॅंडर्ड मे"
मे: "दीदी आपको स्कूल कहाँ है?"
रेणु: "काफ़ी दूर है बस से जाना पड़ता है"
इस तरह हम काफ़ी देर चलते चलते बाते करते रहे और फिर घर पहुँच गये जाते समय रेणु ने कहा "राज तुम कल आओगे नदी पर" मे बोला "अगर आप मुझे तैरना सिखाओगि तो ज़रूर आउन्गा" फिर रेणु मेरे गाल पर हाथ फेरते हुए अपने घर चली गई.
धीरे धीरे शाम होने लगी और सभी मेहमान और रिस्तेदार दालान मे जमा होने लगे कुछ देर बाद पता चला लड़कीवाले भी आ गये है, दादाजी, पिताजी, चाचा सब उनका स्वागत के लिए दालान के डोर पे खड़े थे, थोड़ी देर बाद सभी मेहमआनो की खातिरदारी सुरू हो गई. थोड़ी देर बाद दादाजी ने सब का परिचय हमसे करवाया और तिलक की रसम सुरू हो गई.
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