RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
, फिर चाची को एहसास हुआ कि उनकी चूंची ब्लाउस से बार आ रही है तो उन्होने तुरंत पल्लू से ढक लिया, इस दरमियाँ फूफा और चाची की नज़र एक दूसरे मिल गयी फूफा मुस्कुरा रहे थे, चाची तो शरम से पानी पानी हो रही और चाची ने एक टवल फूफा को दिया, पर फूफा ने जान बूझ कर टवल लेते समय गिरा दिया चाची फाटसे लेने के लिए नीचे झुकी और उनकी चूंचिया का दर्शन फिर से फूफा को हुआ. चाची शरमाते हुए बोली "राजेसजी आप भी ना. बहुत परेशन करते है" फूफा बोले "ठीक है अगली बार परेशन करने से पहले पूछ लूँगा... कि आप को करूँ या नही?"
फूफा दुबले मीनिंग मे बात कर रहे थे, जो चाची सब समझ रही थी.
चाची: "हमे परेशान करने के लिए पहले से कोई है"
फूफा: "कॉन है..जो आपको परेशान करता हमे बताओ उसकी खबर लेते है"
चाची: "आए बड़े खबर लेने वाले, साल मे एक बार तो चेहरा दिखाते है, आप देल्ही अपने भाई के ससुराल आए थे, हफ्ते भर वान्हा रहे पर एक बार भी हमारे घर नही आए"
फूफा: "अर्रे वो..मे घूमने नही आया था छोटे भाई के ससुर हॉस्पितल मे अड्मिट थे इस लिए उन्हे देखने गया था"
चाची: "तो क्या एक दिन भी आपको समय नही मिला"
फूफा: "अर्रे नाराज़ क्यूँ होती हो, इस बार आउन्गा मे और हफ्ते भर रहूँगा देखता हू कितनी खातिरदारी होती है"
चाची: "वो तो आने पर हो पता चलेगा"
तभी मा ने उपर से आवाज़ दी, चाची फिर उपर सीढ़ियों से जाने लगी फूफा वन्हि खड़े उनके मोटे चूतर और कमर को हिलता हुआ देख रहे थे, मे वन्हि खड़ा ये सब देख रहा था.फिर फूफा दालान मे चले गये. इस के बाद भी कई बार फूफा को चाची से मज़ाक करते देखा पर मुझे ये सब नॉर्मल लगा.
|