RE: Incest Kahani मेरी भुलक्कड़ चाची
फूफा: “अर्रे कुछ नही होगा”
इतना कहते हुए फूफा ने चाची को नीचे बिठा दिया, लंड चाची के मूह के पास लटक रहा था चाची ने तो पहले सिर्फ़ थोड़ा सा ही लंड अपने होंठो पर लगाया और किस करने लगी कुछ देर बाद चाची ने लंड के टॉप को मूह के अंदर लिया और चूसने लगी शायद चाची को अब अच्छा लग रहा था उन्होने थोड़ा और अंदर लिया और चूसने लगी, फूफा का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था और चाची के मूह को चोद रहे थे चाची भी लंड को काफ़ी अंदर तक ले रही थी. अचानक फूफा ने लंड चाची के मूह से निकाला और चाची को खड़ा कर दिया और खुद नीचे बैठ गये और चाची के सारी उपर करने लगे चाची ने सारी अपने हाथ से उपर कर ली और फूफा ने चाची की पॅंटी उतार दी और थाइ पर हाथ फिराने लगे तभी अपनी एक उंगली उन्होने चूत के अंदर डाल दी और अंदर बाहर करनेलगे फिर अपनी ज़बान से चूत को चाटने लगे इतने मे चाची के मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी, चाची अब पूरी तरह से गरम हो गयी थी और फूफा के सर को पकड़ कर अपनी चूत पे दबा रही थी. तभी फूफा ने एक तरफ थुका शायद ये चाची के चूत का पानी था.
चाची एक हाथ से सारी पकड़ी हुई थी और दूसरे हाथ से अपना ब्लाउज उपर किया और चूंची दबाने लगी मे पहली बार चाची की चूत और चूंची को उजाले मे देख रहा था मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. तभी फूफा चाची को सीढ़ी के पास लाए और उन्हे झुका दिया जिसे उनके गोरी गोरी चूतर साफ दिख रही थी, चाची ने सीढ़ी पकड़ी हुई थी और चूतर काफ़ी पीछे किया हुआ था, ताकि फूफा को लंड डालने मे आसानी हो. फूफा चाची की गंद को घूर रहे थे उन्होने भी पहली बार चाची को उजाले मे नंगा देखा था फिर अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और चाची के चूत पर रगड़ने लगे, तभी चाची बोली “राजेश अब डाल भी दो..ज़्यादा वक़्त नही कोई भी आ सकता है”
फूफा: “अर्रे इतनी जल्दी क्या है ज़रा जी भर के देख तो लेने दो तुम्हारी चूत और गंद को”
चाची: “अर्रे बाद मे जी भर के देखना अभी चोदो, कोई आ गया तो बड़ी मुस्किल हो जाएगी”
फूफा: “कोमल तुम्हारी गंद का होल तो काफ़ी टाइट है, क्या कभी तुमने गंद नही मरवाई”
चाची: “चईए.. कैसी बाते कर रहे है आप मे क्या रंडी हूँ, जो अपनी गंद मरवाती फिरू”
फूफा: “अर्रे तुम्हे नही पता औरते तो चूत से ज़्यादा गंद मरवाना पसंद करती है...अगर तुम कहो तो मैं!”
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