RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
बहुत ज्यादा बेचैनी थी दिल में दर्द था,ख्वाहिशें थी जो पूरी नहीं हो पा रही थी , पता नहीं मैं उसे कितना चाहता था शायद जान से भी ज्यादा लेकिन शायद वह मुझे समझ नहीं पाई, वही मेरी आखरी तमन्ना थी वही मेरे शख्सियत का किस्सा थी वह मेरी जान थी जहां थी हर आरजू थी हर गुफ्तगू थी सब कुछ थी लेकिन वह रंडी थी…
अब कैसे कहता कि वह क्या थी, मेरी दुनिया थी.. खैर मैं काजल के प्यार में था , मैं उससे कहना चाहता था कि मैं उससे प्यार करता हूं लेकिन शायद वह समझने को ही तैयार नहीं थी, उसे लगता था कि कोई उससे कैसे प्यार कर सकता है, वह अपने आप को उस दर्जे का समझती थी जहां से कोई वापस नहीं आ सकता, उसे मैं कैसे समझाता कि जहां वह है वहां कोई जा नहीं सकता,वो मेरे दिल में बस चुकी थी , मेरा प्यार उसके लिए बिल्कुल बेपनाह था निर्दोष निष्कलंक था,
उसके लिए मेरा प्यार मेरी आंखों से ही झलकता था,मेरे दोस्तो को भी पता चल चुका था की मैं कुछ बदला बदला सा रहता हु ,लेकिन जिसे जानना था वही इन सबसे अनजान थी ..
या अनजान बनने की कोशिस कर रही थी..???
खैर..
जीवन की गाड़ी चल निकली थी ,मेरे पास मेरा अकाउंट था जिससे मैं शेयर मार्किट में पैसा लगाने को तैयार था,लेकिन दिल मे बेहद ही डर भी था,कारण साफ था की वो पैसे मेरे नही थे ,किसी और के थे जो की खुद ही बड़ा खतरनाक आदमी है..
मेरे रहते काजल धंधा नही करती थी ,और मैं अब अधिकतर घर में ही रहता था,वो दिल भर कुछ ना कुछ बोलती रहती लेकिन फिर मुझे अपने लेपटॉप में घुसा हुआ देखकर मुह बना कर बाहर चली जाती ,उसके यू रूठ कर जाने से मेरे होठो में एक मुस्कान सी फैल जाती थी,
अब उसका बिस्तर ही मेरे दिन भर का ठिकाना था,मैं रात सोते समय बस अपने बिस्तर में जाया करता..
मैं यू ही लेपटॉप में मुह गड़ाए बैठा था,और साथ ही पेन से कॉपी पर कुछ लिख रहा था..
वो पैर पटकते हुए कमरे में आयी,उसके पैरों की पायल की आवाज जोरो से आ रही थी,वो मेरे बाजू में बैठ गई और लेपटॉप को देखने लगी जिसपर अभी एक कंपनी के शेयर की चार्ट दिख रही थी,मैंने जितना भी सीखा था उसी हिसाब से मैं अभी पेपर ट्रेडिंग किया करता था,पैसे लगाने की हिम्मत मैं अभी भी नही जुटा पाया था….हेकेनेसी केण्डलस्टिक चार्ट हर एक के बाद एक बनता जा रहा था,मार्किट लाइव चल रहा था..
मैं अपनी उंगली दांतो में फसाये हुए उस 15 मिनट वाली केंडल को बनता हुआ देख रहा था..
अभी भाव 230 रुपये पर था,जो कभी ऊपर जाता तो कभी नीचे,कभी केंडल हरी होती तो कभी लाल (पुराने भाव से ज्यादा होने पर केंडल हरी हो जाती है और कम होने पर लाल) ..
मेरा दिमाग और गणित कह रहा था की भाव बढेगा ,लेकिन फिर भी मैंने पैसे नही लगाए थे,मैं बस ध्यान से मार्किट को देखकर समझना चाहता था..
“इतने ध्यान से क्या देख रहे हो ..”वो मेरे बाजू में बैठकर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर लेपटॉप दो देखने लगी
“यही की ये लाइन ऊपर जाएगी की नीचे “मैंने अपनी होशियारी बघारी ..
“अरे इसमें इतना सोचना क्या है ऊपर ही जाएगी ..”
मैंने आश्चर्य से पलटकर उसे देखा,उसने बड़ी ही मासूमियत से ये कहा था जैसे उसे रत्ती भर भी अपनी कही बात पर शंका नही है ..
“क्यो..क्यो ऊपर जाएगी “
“अरे ये तो दिख ही रहा है ना ..”
मैंने अपनी आंखे बड़ी कर दी ,मैं जो महीने भर से अपना दिमाग पुस्तक में खपा रहा था,हर न्यूज़ देख रहा था,इतना रिसर्च कर रहा था उसे भी इसके बारे में कोई 100% कांफिडेंस नही था की भाव ऊपर जाएगा,100 छोड़ो 50% भी कांफिडेंस नही था,लेकिन इस लड़की ने ऐसा कहा था जैसे ये मार्किट की पृरानी ज्ञाता हो ..
“ओह्ह तो बताओ तो सही की क्या दिख रहा है ..”
वो खुस होते हुए अच्छे से बैठ गई और उंगली स्क्रीन पर दिखाने लगी..
“देखो पहले ये लाइन ऐसे आयी फिर यंहा से मुड़ गई फिर ऊपर गई फिर यंहा से मुड़ गई और नीचे आयी फिर यंहा से मुड़ गई अब यंहा से ऊपर जाएगी ,”
मैं मुस्कुराते हुए उसे देखते रहा,काजल को ये एक खेल लग रहा था ,की ये लाइन ऐसे ही बन रही है,असल में एक एक केंडल अगर 15 मिनट की हो(इंट्राडे ट्रेडर्स अधिकतर 15 या 5 मिनट की केंडल पर ही काम करते है) तो वो 15 मिनट में उस शेयर में हुए हर खरीदी बिक्री ,लाखों लोगो के द्वारा उस शेयर के पीछे चल रही राय को दर्शाते है,वो एक निचोड़ होता है जो 15 मिनट में लाखो करोड़ो लोगो द्वारा उस शेयर में किया गया काम होता है...और ऐसे ही कई हरी और लाल रंगों की केंडल(मोमबत्ती की आकर की होती है ,इसलिए इसे केंडल कहते है) एक चार्ट बनकर तैयार होता है..और काजल को ये बस मजाक लग रहा था..
उसने मेरा मुस्कुराता हुआ चहरा देखा और फिर अपनी बात पर जोर डालकर कहने लगी..
“अरे देखो ना ध्यान से ये लाइन नीचे उतरी लेकिन यंहा से नीचे नही गई ,फिर ऊपर गई लेकिन यंहा से फिर से नीचे,लेकिन दूसरी बार जब ये नीचे गई तो फिर उसी जगह से ऊपर गई जंहा से पहली बार गई थी,और ऊपर गई तो फिर लगभग उसी जगह से नीचे हो गई जंहा से पहली बार आयी थी,मतलब ये लाइन इससे ऊपर और इससे नीचे नही जा रही है,जैसे कोई दीवार हो जो उसे रोक रहा हो..”
मैं काजल को देखता ही रह गया ,क्योकि जो उसने अभी अभी कहा था वो शेयर मार्किट के टेक्निकल भाषा में सपोर्ट और रजिस्टेंस कहलाता है,वो दो भाव जंहा से शेयर ना नीचे जा पता है ना ही ऊपर ,मैं कैसे इतने इम्पोर्टेन्ट फेक्टर को भूल गया था,मैं इतना खुस हुआ की काजल के गालो में एक जोर की पप्पी ले ली ..
वो हल्के से हँसी लेकिन उसे भी ये समझ नही आया की आखिर मैंने ऐसा किसलिए किया था..
और मैंने अपने जीवन का पहला ट्रेड डाल दिया,मुझे कुछ संकेत मिलने लगे थे की ये शेयर ऊपर जाएगा..
मैंने तुरत ही निफ्टी की वेबसाइड से उस शेयर का ऑप्शन चार्ट निकाला,मैंने देखा की उस शेयर में लोगो की भागीदारी तेजी से बढ़ने लगी है(इसे मार्किट की भाषा में वोलेटलिटी कहते है) ,मैंने तुरंत ही एक काल ऑप्शन 10000 की खरीद ली (जब भाव बढ़ने वाला होता है तो लोग काल ऑप्सन और जब भाव गिरने की संभावना हो तो पुट ऑप्सन खरीदते है)
अगर आप लोग नही जानते तो मैं बताना चाहता हु की शेयर में पैसे लगाना और ऑप्सन में पैसे लगाने में बहुत फर्क होता है,शेयर का भाव अगर 1-2 परसेंट भी चढ़ा तो काल ऑप्शन का भाव 50-60 परसेंट चढ़ जाता है,वही put option का भाव वैसे ही गिर जाता है,अगर शेयर का भाव गिरता है तो उसका अपोज़िट होता है,इसलिए भाव चढ़ने पर लोग call को खरीदते है,और गिरने पर put को..और इसलिए ये जितना पैसे कमा के देने के लिए मशहूर है वैसे ही लोगो को नंगा भी कर देता है.. अभी हाल में ही एक शेयर(नाम नही बताऊंगा 3-4 दिन पहले की ही बात है)ऐसे चढ़ा था की उसका call एक ही दिन में 2000% बढ़ गया था,यानी जिसने उसका call खरीदा होगा उसका पैसा एक ही दिन में 20 गुना बढ़ गया..और जिसने put खरीदा होगा उसका पैसा ही डूब गया होगा..
मैं सांसे रोके स्क्रीन पर देखने लगा था,
“अरे क्या हुआ इतने परेशान को हो गए हो “
“तेरे बोलने पर 30 हजार लगा दिया हु ,20 हजार उसके शेयर में और 10 हजार call में “
वो आश्चर्य से मुझे देखने लगी ..
“तू कर क्या रहा है,तूने जुआ खेला है??”
उसकी बात से मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई
“वही समझ ले ,लेकिन ये सोचा समझा जुआ है”
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