RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
“तू जब तक ठीक नही हो जाती तब तक कोई धंधा नही करेगी ,दूसरा बनवारी काका तुझे अगर कोई पैसे दे तो तू चुपचाप उसे रख लेगी ,तीसरा तू डॉ के पास नियमित जाएगी और समय पर अपनी दवाई लेगी ..बस इतना तुझे करना है करेगी ना..”
उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा
“मतलब तू नही सुधरेगा “
उसकी वो मासूम आंखे कुछ खिल गई थी जैसे उसे मेरे प्यार और प्यार की ताकत पर भरोसा हो गया हो ,
“मरना और बर्बाद होना इससे ज्यादा वो क्या बिगड़ लेगा मेरा और तेरा हमने इससे भी बत्तर दुनिया देखी है काजल,अब हम और नही सताए जा सकते,अब तो रोने की बारी उनकी है जो हमारे बीच में आएंगे,मुझपर भरोसा कर ,तुझे भरोसा है ना ..”
हम दोनों ही एक दूजे की आंखों में खो गए थे,उसने बस हा में अपना सर हिलाया और मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया,हमारे होठ मिले ,इतने नाजुक होठो को चूमने के बाद भी मेरे जेहन में कोई हलचल नही कौंधी थी मुझे बस उसके प्यार भरे स्पर्श का अहसास हुआ ,वो नाजुक सी छुवन का अहसास ,वो मेरे प्यार की गंध जो मेरे नासिका में गहरा रही थी ,वो भरोसे की महक,वो दर्द के हर कतरे से आजाद होने की खुशी…
मैं उनमे डूब रहा था वो मुझमें डूब रही थी,ना मेरे दिमाग में कोई शकील था ना ही कोई केरियर मेरे दिमाग में थी सिर्फ और सिर्फ मेरी काजल,मेरी काजल जिसे मैं सच में पाना चाहता था,ये पाना क्या होता है मुझे इसका आभास ही था क्योकि काजल तो शायद अब मेरी ही थी,......
बस उसके पास होने के अहसास में ही वो खुशी थी जो दुनिया की कोई दौलत मुझे नही दे सकती थी और ना ही दुनिया का कोई डर मुझसे वो छीन सकती थी……...
मेरे दिमाग में बस काजल और शकील ही चल रहे थे,मुझे भी पता था की शकील कितना खतरनाक और पैसे वाला है,वो कितना ताकतवर है इसका अंदाजा भी मुझे नही था ,इसलिए कुछ भी करने की जल्दबाजी करना बहुत ही बड़ी मूर्खता थी,लेकिन मैं काजल को किसी भी हालत में खोना नही देना चाहता था…
सोच सोच कर मेरा दिमाग फटने लगा था लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा था,आखिर में मैं आंखे बंद करके सो गया,मैंने खुद को बिल्कुल ही ढीला छोड़ दिया कई सारे दृश्य मेरे सामने तैरने लगे थे,
काजल का आंसू से भरा हुआ वो चहरा मेरे सामने आ जाता था,उसकी आंखों में मेरे लिए वो प्यार जिसे देख कर मेरे मन एक सिहरन सी दौड़ जाती थी,वही शकील की बाते भी मेरे दिमाग में घूम जाती,मैंने खुद को शांत किया और बस अपने को छोड़ दिया…
मेरे बचपन का वो दृश्य मेरे आंखों में घुमा...
गांव में मेरे बचपन में जब हम स्कूल जाय करते थे तो एक टीचर थे पांडे सर,पांडे सर बच्चों से कई सवाल पूछा करते थे,एक दिन उन्होंने पूछा था…
“बताओ बच्चों की ताकत,पैसा और दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण क्या है …”
सभी बच्चों ने अपने अपने तर्क दिए थे,मैंने कहा था की पैसा सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योकि उसके बिना जीवन नही चल सकता,अधिकतर बच्चों ने पैसे और ताकत को अहम बताया था,तब सर मुस्कुराए और कहने लगे..
“सभी चीजो का अपना महत्व है लेकिन मेरे हिसाब से अगर तुम्हरे पास दिमाग ही नही है तो तुम पैसे और ताकत का गलत उपयोग करोगे,हो सकता है की तुम उसे खो भी दो लेकिन अगर तुम्हारे पास दिमाग है तो तुम पैसा और ताकत दोनों कमा सकते हो,तुम ऐसा कुछ कर सकते हो जिससे पैसा और ताकत दोनों तुम्हारे कदम चूमे..सोचो एक राजा के बारे में उसकी सेना में बहुत से ताकतवर लोग होते है और साथ ही उसके राज्य में कई धनवान लोग भी होते है लेकिन सभी राजा के गुलाम होते है,अगर राजा को जरूरत पड़ी तो उनका उपयोग करता है,सोचो ऐसा क्यो होता है,क्योकि राजा के पास वो दिमाग है की वो पैसे की मदद से ताकत को खरीदता है और फिर उसी ताकत की मदद से पैसे वालो पर अपना कब्जा जमाता है,और अगर राजा मूर्ख हुआ तो तुमने इतिहास में पढ़ा ही है की बड़े से बड़े राजवंश किस तरह से एक राजा की मूर्खता के कारण खत्म हो गए...हमेशा राजा जैसा सोचो ,दिमाग से सबको काबू में रखो यही राजनीति है…”
पांडे सर की बात याद आते ही मैं अचानक से उठ खड़ा हुआ,जैसे मुझे राह मिल गई हो ……..
रात के करीब दो बज चुके थे और मैं अपने लेपटॉप खोले हुए कुछ सर्च कर रहा था,मैंने एक गेमप्लान तैयार किया मैंने अपनी कैलकुलेशन की और मुस्कुराते हुए सो गया……..
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