RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
“सर...सोचिए की उसके लिए जिस्म की अहमियत ही खत्म हो गई हो,सोचिए की जब आत्मा ही मर जाए तो जीना कैसा लगता होगा,जब प्यार शब्द बस कहानियां लगने लगे,जब अपना कहने को आपके पास बस आपका दलाल हो तो कैसा लगता होगा,जब आंखों में कोई सपना नही रह जाए और आंसू भी सुख जाए तो जीना कैसा लगता होगा….सर उसे ही रंडी कहते है….और जो मैंने आपको बताया वो किसी मासूम लड़की के साथ हो चुका है ,वो भी तरुणा की तरह किसी की बहन रही होगी ,...आज वो एक रंडी है ...वो मेरी काजल है सर ..उसका भाई शायद उसे नही बचा पाया लेकिन आप उस तरुणा को बचा लीजये ,आप भी एक रंडी के अंदर उस खोई हुई तरुणा को देख पाएंगे,उसे जिंदा रहने दीजिए,उसे फिर से प्यार कर पाने का हौसला दीजिए ,उसे भी खुदा पर और खुद पर भरोसा करने दीजिए सर…..”
मेरे आंखों के सामने अंधेरा छा रहा था,चहरा खून से लथपथ था लेकिन मैं अविनाश के आंखों से गिरते हुए आंसुओ को अपने चहरे पर महसूस कर पा रहा था..मेरे होठो में एक मुस्कान खिली और सामने बस अंधेरा ही रह गया …….
जब मेरी आंखे खुली मैंने खुद को एक बिस्तर में लेटा हुआ पाया,मैं किसी अस्पताल में था ,प्यारे मेरे सामने बैठा हुआ मुस्कुरा रहा था ..
“क्या हुआ बे “
मेरे जबड़े में अब भी दर्द था मैं बड़े ही मुश्किल से बोल पाया..
“तू मुझे सच सच बता ,तूने जो अविनाश को बोला वो पहले से लिख कर लाया था या जो दिल में आया वो बोल दिया..”
वो अब भी मुस्कुरा रहा था
“क्यो”
“क्यो?? अबे उसका तो जैसे हृदयपरिवर्तन ही हो गया,उसने ही तुझे यंहा दाखिल करवाया और साथ में कहा है की वो काजल को होस्टल में रहने देगा और उसकी सुरक्षा भी करेगा ,लेकिन बस वो उसे देखेगा नही ,साले ने कसम जो खाई है की किसी रंडी का चहरा नही देखेगा..”
प्यारे बोल तो गया लेकिन फिर अचानक उसे कुछ याद आया
“ओह सॉरी भाई काजल को ऐसा बोलने के लिए”
उसकी बात सुनकर मैं बस थोड़ा मुस्कुराया और आंखे बन्द करके लेटा रहा..
थोड़ी ही देर हुए थे की शकिल अपने आदमियों के साथ मेरे सामने था..
“किस मादरचोद की इतनी हिम्मत हो गई जो हमारे आदमी पर हाथ उठाये “
शकील मेरे सामने ही खड़ा था ,जबकि प्यारे एक कोने में दुबक गया था..
मैं शकील को देखकर मुस्कुराने लगा
“छोड़ो ना भाई ,वो कालेज का एक छोटा सा मेटर था,सुलझ गया है”
“अबे कैसे छोड़ दे अब तू हमारा आदमी है ,तुझपर हाथ उठाने का सीधा सा मतलब है की हमारे ऊपर हमला ,तू बता बे किसने मारा इसे “
शकील प्यारे का कॉलर पकड़ कर हिला रहा था,प्यारे की तो संट हो चुकी थी वो मुझे देखने लगा ,मैं अब भी मुस्कुरा रहा था ,क्यो??
पता नही लेकिन जीवन में पहली बार मुझे ऐसा आभास हुआ की मैं भी किसी के लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हु ,एक कालेज का प्रेजिडेंट मुझे हॉस्पिटल में भर्ती करवाता है,एक मेरा दोस्त जो अपना काम धाम छोड़कर घंटो से मेरे साथ बैठा है और एक शहर का सबसे बड़ा गुंडा जो मेरे ऊपर हुए हमले का बदला लेना चाहता है,कही ना कही सभी के अंदर मेरे लिए प्यार देख पा रहा था,ऐसा इसलिए भी क्योकि मेरे साथ ऐसा कभी नही हुआ था,
प्यारे और शकील दोनों ही मुझे मुस्कुराते हुए देख रहे थे..
“तू क्यो हँस रहा है बे बहनचोद “
शकील का दिमाग थोड़ा खराब हो गया
“भाई मुझे नही पता था की आप मुझसे इतना प्यार करते है,मेरे लिए किसी से लड़ने को तैयार हो गए,सच में ये जानकर बहुत खुसी हुई “
मेरी बात सुनकर जंहा प्यारे चौक गया वही शकील बुरी तरह से झेंप गया,उसके लिए मैं सिर्फ एक मोहरा था जिसे वो लीगल तौर से पैसा कमाने के लिए यूस कर रहा था लेकिन मेरी बातों में छिपे इस अपनत्व के भाव से वो थोड़ा हड़बड़ाया,उसके पूरे गिरोह में उसके साथ अपनत्व का संबंध किसी से नही था सभी के लिए वो बस बॉस था..
“भाई जाने दीजिए बस छोटी मोटी लड़ाई थी ,एक दो दिन में मैं ठीक हो जाऊंगा”
“हम्म लेकिन कौन था वो मादरचोद “
शकील फिर से जोरो से बोला
“अविनाश तिवारी...इसके कालेज का प्रेजिडेंट हु ,इस साले ने मेरी बहन के बारे में उल्टा सीधा बोला था इसलिए ठोक दिया,लेकिन इसने माफी मांग ली और इसे अस्पताल में भी ले आया ,बात खत्म आखिर मेरा भी जूनियर है .. “
सभी दरवाजे की ओर देखने लगे जंहा अविनाश खड़ा था,उसके पीछे ना जाने कितने लड़के और थे,ये सरकारी अस्पताल आज किसी जंग के मैदान जैसा दिख रहा था...शकील और अविनाश आमने सामने थे,लेकिन शकील के चहरे में अजीबो गरीब भाव आ जा रहे थे…
तभी अस्पताल का डॉ अंदर आया
“देखिए ये अस्पताल है आपलोगो का जो भी झगड़ा है वो प्लीज् बाहर निपटाये “
शकील ने एक बार डॉ को देखा एक बार मुझे और एक बार अविनाश को
“ह्म्म्म इसने गलती की तूने मार दिया चल ठीक ,लेकिन आइंदा अगर इसे हाथ लगाने से पहले ये याद रखना की ये मेरा आदमी है “
शकील ने अविनाश से कहा और अपने आदमियों के साथ तुरंत ही वंहा से निकल गया,डॉ ने भी चैन की सांस ली ..
अविनाश भी मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया ..
“क्यो बे छोटे अब कैसा है ,होस्टल की लड़कियों को तेरी आइटम का ख्याल रखने के लिए बोल दिया है,मैं तो उससे नही मिल पाऊंगा लेकिन फिक्र मत कर उसे कोई तकलीफ नही होगी ,उसे बता दिया गया है की उसे तूने वंहा लाया है,अब आगे क्या करना है तू देख ले …”
अविनाश पलटा ही था की मैंने उसे रोक लिया
“सर…...धन्यवाद बोलकर आपका मान कम नही करूंगा ,आप मुझे छोटे बोलते हो अपना भाई बोलते हो तो एक छोटे से प्रश्न का उत्तर चाहता हु,आप जिस्म का सौदा करने वाली लड़कियों से इतनी नफरत क्यो करते हो “
मेरी बात सुनकर अविनाश एक बार पलटा उसकी आंखों में जैसे अजीब सा दुख देखा मैंने..वो कुछ भी नही बोला बस एक व्यंगात्मक मुस्कान थी उसके होठो में ,एक दर्द था उस मुस्कान में ,और वो चला गया …..
प्यारे ये सब देखता हुआ उछलता हुआ मेरे पास आ गया अब पूरे कमरे में हम दोनों ही थे ..
“भाई तूने तो कमाल ही कर दिया ,अविनाश और शकील दोनों को सेटल कर दिया ,क्या दिमाग लगाया तूने “
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया
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