RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
“दिमाग नही दोस्त ,बस दिल लगाया,जो दिल से कहने की इक्छा हुई बस वही कहा…”
“ओह तो प्यार का असर है ,दिल विल की बात बहुत ही ज्यादा करने लगा है तू ,”
हम दोनों ही हँस पड़े थे,दिल प्यार ये शब्द ही मुझे मेरी काजल की याद दिला देते थे ..
कैसी होगी क्या कर रही होगी,और फिर मुझे आगे क्या करना है,अभी भी 2-3 लाख का इंतजाम मेरे पास नही था,कुछ 1 लाख मैं इधर उधर से जुगाड़ भी सकता था मैं बस सोचता ही रह गया..
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हॉस्पिटल से आये मुझे दो दिन हो चुके थे,एक तरफ मैं था जो अपने काम के जरिये अपने मन को सम्हालने की कोशिस में लगा था,.एक तरफ काजल थी ना जाने उसपर इन सबमे क्या बीत रही होगी,शकील मुझपर कितना भी भरोसा करे लेकिन मेरे ऊपर से नजर नही हटाई थी और मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था…
शाम रात में बदल गई थी और मैं लेटा हुआ ना जाने कब नींद के आगोश में डूब गया…
एक मखमली हाथ मेरे सर को सहला रहा था,कुच नर्म जुल्फों की आहट मेरे चहरे में महसूस हो रही थी,एक भीनी सी खुशबू मेरे नथुनों में समा रहे थे,मैंने हल्के से आंखे खोली और खुद को काजल के पास पाया,उसका चहरा मेरे चहरे में झुका हुआ था,उसके मोटे गाल और भी गुलाबी लग रहे थे,उसकी आंखों में चंचलता थी जो मेरे आंखों में समाने लगी थी,मेरी ये हालत देख कर वो मुस्कुराई और बड़ी ही अदा से अपने बालो को सवार..
“तुम यंहा क्या कर रही हो ..”मैं चौक कर उठ चुका था,
“क्यो तुमसे मिलने नही आ सकती क्या ??”
उसने थोड़ा नाराज हो कर कहा
“पागल हो गई हो क्या,यंहा शकील का कोई आदमी देख लेगा तो “
“दुनिया की कोई ताकत मुझे तुमसे मिलने से नही रोक सकती,और मैं यंहा तुमसे मिलने आयी हु और तुम हो की डर के दुबके हुए हो “”
उसके आंखों की चमक से मेरे दिल में एक अजीब सी शीतलता का प्रवाह हो गया था,मैं उससे लिपट गया..
“इतने दिन हो गए हमे मिले हुए मैं तुम्हारे बिना कैसे रह पाता हु ये मैं ही जानता हु ..”
काजल बड़े ही प्यार से मेरे बालो को सहला रही थी
“और तुम्हे क्या लगता है मुझे अच्छा लगता है तुमसे बिछड़कर जीना ...अब हमे कोई अलग नही कर सकता राहुल..”
मैंने नजर उठाई और उसके कोमल गालों पर अपनी उंगलियां चलाने लगा,वो मखमल से मुलायम थे बेहद ही चिकने,मैं उसकी आंखों में देख रहा था..
“तुम कोई सपना हो या हकीकत “
वो बस मुस्कराई तभी मेरे दरवाजे में कोई खटखटाहट हुई ..
“अबे चूतिये इतनी रात को किससे बात कर है “
बाहर मेरे निगरानी में खड़े आदमी ने कहा,मैंने झट से काजल की ओर देखा वो वंहा नही थी..
मैं मुस्कुराया
“कुछ नही बस सपना देख रहा था..”
“साले लगता है सर में चोट का असर थोड़ा ज्यादा हो गया है सो जा “
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा और फिर से आंखे बंद करके सो गया,दिल में बस काजल ही काजल थी और थोड़ी ही देर में मेरे बाजू में लेटी हुई मिली ,वो अब भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी,मैं उसके गालों को सहला रहा था
“मैं जानता हु की तुम एक सपना हो लेकिन तुमसे वादा करता हु मेरी जान जल्द ही मैं इसे हकीकत में तब्दील कर दूंगा…”
मैं काजल के सीने में फले वक्षो में अपना सर लगाकर सो गया,उसके हाथो के प्यार भरे स्पर्श को मैं अब भी अपने सर में महसूस कर पा रहा था...सोने की इससे बेहतर जगह मेरे लिए और क्या ही हो सकती थी……….
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