RE: XXX Sex Kahani रंडी की मुहब्बत
अविनाश ने मुझे देखते हुए कहा और हम घर की तरफ चल दिए ,राकेश और जॉनी की तो कार में बैठे बैठे ही आंखे लग गई थी ,अविनाश के घर जाकर हम फ्रेश हुए नाश्ता किया और अविनाश ने कुछ सामना और अपने पास रखा उसने ना जाने कहा से कई बड़ी बन्दूखे ला के कार में लोड किया और फिर हम उसके घर से जंगल की तरफ निकले ,कुछ ही दूर में हमे एक और गाड़ी मिली शायद ये अविनाश के दोस्त ही थे ,सभी लड़को को उसने गले लगाया और अपने कार से हथियार निकाल कर उन्हें दिए और मुझे उनके साथ दूसरी कर में आने को कहा ताकि मैं भी थोड़ी देर सो सकू ,अब हम 10 लोग थे दोनों गाड़िया जंगल की तरफ दौड़ाने लगी ,2 घण्टे बाद ही हम दूसरे थाने में पहुच चुके थे ,वंहा के इंचार्ज ने हमे बताया की आसपास के किसी थाने में उस गाड़ी का पता नही चल पाया है ,हो सकता है की वो यंही कही जंगलों में छिपा होगा,उसने बताया की वंहा से कुछ दूर जंगल के बीच एक छोटा पहाड़ है ,पुराने समय में डाकू उस जगह को छिपने के लिए उपयोग में लाते लाते थे ,वंहा छोटे छोटे गांव भी है शायद वही कही शकील ने शरण ले रखी हो ….
हम लोग उस पहाड़ी की ओर निकल गए ,सड़क से उतर कर कारे पगडंडियों में चलने लगी थी ,कुछ दूर बाद ही वो भी खत्म हो गई हमे एक कार के निशान दिखाई पड़े और लगभग तय हो गया की शकील हमे यही मिलेगा थोड़ी दूर तक गाड़ी गई लेकिन आगे जंगल बेहद ही घना था और कार से जाना मुमकिन नही था हमने कार को कही छिपाने का प्लान बनाया और हमारे दिमाग में आया की शकील ने भी अपनी कार यही कही छिपाई होगी,हम बेहद ही शांति से उसे ढ़ंढने लगे और हमे झाड़ियों के झुंड में उसकी कार मिल गई ,हमने उसके टायरों की हवा निकाल दी और अपनी कारो को ऐसे पोजिशन में छिपाया की हमे वंहा से निकलने में सुविधा हो,सच में मेरे लिए ये सभी काम बहुत मुश्किल थे लेकिन हमारे साथ आये लोगो के लिए ये जैसे रोज का काम हो ,पूछने पर पता लगा के अविनाश ने जिन लोगो को बाद में बुलाया था वो लोग पहले फोर्स में काम कर चुके थे या कुछ कर रहे थे और उन्होंने जंगल वॉर की ट्रेनिंग ले रखी है …..
मुझे यकीन हो गया था की अब हम काजल को आसानी से शकील के चुंगल से बचा लेंगे इतना ही नही बल्कि हम शकील को ठिकाना भी लगा देंगे ….
हमने उन लोगो को ही लीड करने दिया और उनके कहे अनुसार ही हम उनके पीछे चलने लगे ,दोपहर के 2 बज चुके थे लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे शाम हो गई हो ,घने जंगल में चलना भी दुर्भर था,पास की पहाड़ी पर चढ़कर हमे दूर एक गांव दिखाई दिया,उसे गांव बोलना भी शायद गलत होगा क्योकि वंहा महज 5-6 घर जो झोपड़ियों जैसे दिख रहे थे ,हमारा लक्ष्य था वंहा तक पहुचना हम निकल गए और 1 घण्टे में हम उस गांव के पास थे ,उन्होने पहले दूरबीन से जांच की और कन्फर्म किया की कुछ लोग एक घर के बाहर बैठे है ,उन्होंने हमे समझाया की गोली बारी से किसी मासूम गांव वाले की जान जा सकती है इसलिए जंगलों में लड़ने वाली लड़ाई लड़नी होगी,जिसे गोरिल्ला युध्द कहा जाता है एक एक कर लोगो को ठिकाने लगाना और वो भी इतने खामोशी से की किसी को पता भी नही चले ,उनमे से 4 लोग आगे आये और हमे वही छिप कर देखने को कहा अगर जरूरत पड़ती तब हमे आना था ,वो बोल बड़े ही अभ्यस्त थे पास ही पहरा दे रहे शकील के दो आदमीयो को पलक झपकते ही ठिकाने लगा दिया और कोई शोर भी करने नही दिया,मैं उन लोगो को पहचान गया था ये शकील के खास आदमी थे ,वो उस झोपड़ी के बाहर से उसका निरक्षण करने लगे ,और हमे अपना अंगूठा दिखाया मतलब की सब ठीक है ,तभी हमे पास से ही एक बुड्ढा आदमी आता हुआ दिखा,हमारे लोग उसके पास पहुचे और उसने बताया की एक मोटा आदमी पास की झोपड़ी में आया हुआ है उसने उन लोगो को बहुत पैसे दिए जिसकी एवज में वो उसकी खातिरदारी कर रहे थे...हमने उसको और उसके परिवार को झोपड़ी से दूर रहने को कहा,पता चला की उसका परिवार अभी जंगल में लकड़ियो की तलाश में गया है और शाम होने पर ही लौटेगा ,,,,अब हमारे लिए काम आसान था,हम सभी एक साथ टूट पड़े और एक एक करके शकील के आदमियों को धूल चटा दी लेकिन अभी तक एक भी गोली चलानी नही पड़ी ,अंत में बारी थी उस झोपड़ी की जंहा शकील आराम फरमा रहा था ,मेरे दिल की धड़कने जोरो से चल रही थी क्योकि शायद काजल भी वही थी …..
हमने दरवाजा तोड़ा और शकील बुरी तरह चौकते हुए उठा,उसके साथ दो लोग और भी थे वो कोई भी एक्शन ले उससे पहले ही अविनाश का पिस्तौल बोल उठा…
‘धाय धाय ‘
शकील के दोनों आदमी ढेर थे,लेकिन शकील के चहरे में ख़ौफ़ का कोई नामोनिशान नही दिख रहा था…
“तुम साले चूतिये आखिर यंहा तक पहुच ही गए ,मुझे लगा ही था की तुम मुझे ढूंढ ही लोगे ..”शकील ने मुझसे नही बल्कि अविनाश से कहा था ..
“प्रिया कहा है “अविनाश बौखला गया था और काजल को नही देख कर मैं भी
“प्रिया ...ओह वो रंडी काजल . कोई चोद रहा होगा उसे मुझे क्या पता “
शकील बुरी तरह से हंसा और अविनाश ने आगे बढ़कर उसके मुह में कई घुसे लगा दिए …
“मादरचोद एक बार तूने उसे मुझसे अलग कर दिया था लेकिन अब नही अगर मुझे उसी समय पता होता की उसके गायब होने में तेरा और उस रंडी का हाथ है तो अब तक मैं तुझे कब का मार चुका होता,बता मादरचोद कहा छिपा कर रखा है तूने …”
अविनाश बोलता रहा लेकिन शकील को जैसे कोई फर्क नही पड़ा वो हंसता ही रहा …
उसने मुझे देखा
“तू तो मुझे चोद कर काजल को बचाना चाहता था ,मेरा भरोसा जीता,जीवन में पहली बार मैंने किसी के ऊपर भरोसा किया,साला पहली बार चूतियापा किया ,लेकिन किस्मत देखो किसी ने हम दोनों को एक साथ चोद दिया ….काजल मेरे पास नही है ,हा मैंने उसे होस्टल से उठाया था लेकिन केशरगढ़ में आकर गाड़ी चेंज करने के दौरान कुछ लोग मेरे आदमीयो को मार कर काजल को अपने साथ ले गए,मुझे लगा की वो अविनाश के आदमी होंगे लेकिन फिर मैंने अपनी जान बचाने की सोची ,मुझे मेरे लोगो ने सेटेलाइट फोन के जरिये बताया की उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है ,तब मुझे समझ आया की किसी ने मुझसे और काजल से बदला लिया है और जरिया बना तू ,मेरा सब कुछ गया,पैसे मेरी पवार ,यू जंगलों में भटकने के लिए मजबूर हो गया,लेकिन तुम दोनों से तुम्हारी काजल छीन गई ,काश वो आज मेरे पास होती तो मैं अपना सपना पूरा करता,उससे प्यार करने वालो के सामने ही उसे चोदता …”
वो फिर से शैतानों वाली हंसी हँसने लगा,हमारा दिमाग ही घूम गया था और अविनाश ने अपना पिस्तौल निकाल कर सीधे उसके सीने में गोलियों की बौछार कर दी ……..
शकील ने वही दम तोड़ दिया था ,एक एक करके सभी लाशों को ठिकाने लगा दिया गया ,लेकिन हमारे दिमाग में अब भी एक बात घूम रही थी की अगर काजल शकील के पास नही है तो आखिर किसके पास है ?????????
हम फिर से केशरगढ़ पहुच चुके थे,मैंने अविनाश से रिक्वेस्ट किया की मुझे डॉ चूतिया से मिलना है क्योकि मैंने उनका नाम बहुत सुन रखा था ऐसी स्तिथि में शायद वो हमारी कुछ मदद कर पाए …
अविनाश बहुत देर तक शून्य चित्त से मुझे देखता रहा वो मानो बिल्कुल ही चुप हो गया था,शकील को मारने के बाद से अभी तक उसने एक बार भी कोई बात नही की थी,उसने बस अपना हिलाया और हामी भरी…………..
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