RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
गेट खुलते ही मम्मी बोली "क्या शिप्रा बेटा कितनी देर लगा दी " तो शिप्रा दीदी बोली "अरे मौसी वो चेंज कर रही हाँ क्या हुआ कुछ चाहिए था क्या आपको"
मम्मी बोली "हाँ बेटा वो डायरी लेनी थी और तुम लोग निकले नहीं अभी तक मार्किट के लिए जल्दी निकल जाओ फिर आज तुझे शाम को ट्रेन भी पकड़नी है " शिप्रा दीदी बोली "हाँ मौसी बस निकल ही रहे है" इतने में मैं बाहर से अंदर आया और बोला "क्या हुआ शिप्रा दीदी अभी तक तैयार नहीं हुए क्या आप चलो ना" उन्होंने कहा "बस हो गयी तैयार" फिर शिप्रा दीदी कांच के सामने बाल बनाने लगी और मैं उन्हें देखने लगा अभी थोड़ी देर पहले वो मेरे साथ में नंगी थी लेकिन अब वापस उनके कोमल बदन को उस ग्रीन और मेहरून सूट में ढका हुआ देख के वो वापस मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी भी अपने बाल बनाते बनाते मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी थोड़ी देर में मम्मी डायरी लेके रूम से चली गयी मैं शिप्रा दीदी के पास गया और कहा "यार दीदी बड़ी कातिल और सेक्सी लग रही हो आप " तो शिप्रा दीदी मुस्कुराते हुए बोली "हाँ हाँ सीधा ही बोल दे ना की कपडे उतार दू वापस " मैंने कहा "उतार दो ना" तो वो बोली "यार सोनू आज दूसरा इंसिडेंट हुआ है की हम बाल बाल बचे है अब मौसी आस पास हो तो ध्यान रखना तू अगर किसी को थोडा सा भी शक हो गया न तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी " मैंने कहा "हाँ दीदी अब चलो ना " तो शिप्रा दीदी बोली रुक और बाथरूम की तरफ जाने लगी मैंने पूछा "क्या हुआ कहाँ जा रही हो " तो वो बोली "जो तूने किया उसे साफ़ करने पेंटी चेंज करने जा रही हूँ " मैंने कहा "क्या जरुरत है ऐसे ही चल चलो ना और पेंटी उतार के चल चलो " तो वो बोली "चुप कर कपडे भी उतार के चलूँ तेरे साथ " हम दोनों हँसने लगे फिर वो बाथरूम में चली गयी और मैं रूम से बाहर आ गया
मैंने बाहर आकर देखा तो बाहर बहुत काले काले बादल हो रहे थे जिसकी वजह से थोडा थोडा अँधेरा सा हो गया था मैंने सोचा आज तो पक्का बारिश आएगी थोड़ी देर में शिप्रा दीदी तैयार होके और अपना हैण्डबैग लेकर बाहर आई बहुत ही सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी वो वापस अपना मेकअप करके आई थी ग्रीन मेहरून चूड़ीदार सूट बंधे हुए बाल आँखों में काजल होंठो पे लिप ग्लॉस कानो में इअर रिंग्स गले में चेन बाहर आकर वो बोली "मौसी हम निकल रहे है चल सोनू " तभी मम्मी आई और बोली "देखा कहा था ना मैंने की टाइम से ही निकल जाओ देखो अब कितने काले बादल हो रहे है अटक मत जाना कहीं बारिश में फटाफट बुक लेके आ जाना और शिप्रा ये छाता रख तेरे हैण्डबैग में " उन्होंने कहा "हाँ मौसी " मैंने कहा "दीदी बड़ी सेक्सी लग रही हो आज आप " वो बोली "चल अब" और हम दोनों बस स्टॉप की तरफ चल पड़े रास्ते में शिप्रा दीदी को सब घूर घूर के देख रहे थे सबकी आँखें उन्ही पर टिकी हुई थी तभी बाइक पे कुछ लड़के उन पर कमेंट मार के गए "ओये होए कंचा कहाँ जा रही है हमारे साथ आजा " मैंने देखा की शिप्रा दीदी थोडा सा मुस्कुराई उनका कमेंट सुन के थोड़ी देर में हम बस स्टॉप पहुँच गए और बस का वेट करने लगे
थोड़ी देर में बस आ गयी हम बस में चढ़े बस में बादलों के कारण थोडा थोडा अँधेरा था बस में ज्यादा भीड़ तो नहीं थी लेकिन बैठने के लिए कोई सीट नहीं थी मैं शिप्रा दीदी के पीछे था मैंने कहा "दीदी चलो पीछे चल के ही खड़े हो जाते है अगर आगे जाके बस में भीड़ हो भी गयी तो कम से कम पीछे तो धक्का मुक्की नहीं होगी " उन्होंने कहा "हाँ " और हम दोनों पीछे जाके खड़े हो गए बस में सब शिप्रा दीदी को ही देख रहे थे सब उनके सूट में से अपनी आँखों से उनके जिस्म को टटोल रहे थे मुझे ये सब देख के बहुत खुशी हो रही थी मैं मन ही मन सोच रहा था की जिसको तुम घूर घूर के देख रहे हो उसे मैं रोज नंगी करके उसके मजे लेता हूँ मैं यही सब सोच रहा था तभी पीछे की और साइड में दो जनों वाली सीट पे से एक लड़का खड़ा हुआ वो हमारी तरफ आने लगा शायद उसका स्टॉप आ गया था शिप्रा दीदी आगे खड़ी थी और मैं उनके पीछे उस लड़के ने शिप्रा दीदी के पास आके कहा "ऐक्सक्यूज मी " और शिप्रा दीदी थोडा सा घूम गयी ताकि वो लड़का निकल सके मैंने ध्यान से देखा की वो लड़का जब शिप्रा दीदी के पास से निकल रहा था तो वो अपना लंड शिप्रा दीदी की गांड पे से पूरी तरह से अड़ाकर निकला उसने अपना लंड शिप्रा दीदी के कुर्ते पे से उनकी गांड पे अच्छी तरह से फेरा था मुझे ये सब देख के बहुत ही अजीब सा लगा और मजा भी आया मैंने सोचा की शायद शिप्रा दीदी मुझसे कुछ बोलेंगी जो भी हुआ उसके बारे में लेकिन वो तो इस तरह से रियेक्ट कर रही थी जैसे की कुछ हुआ ही ना हो मुझे ये बहुत अजीब लगा
खेर जहाँ से वो लड़का उठा था उस जगह एक सीट अब खाली हो गई थी वहां बस एक बूढी औरत ही बैठी हुई थी मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी आप यहाँ बैठ जाओ " शिप्रा दीदी वहां बैठ गयी और मैं उन्ही की सीट के पास खड़ा हो गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी की पीछे वाली सीट पे से एक आदमी खड़ा हुआ उतरने के लिए और मैं जाके उसकी सीट पे बैठ गया अब हम दोनों को सीट मिल चुकी थी बस शिप्रा दीदी मेरी आगे वाली सीट पे बैठी थी और मैं उनकी पीछे वाली सीट पे अगले स्टॉप पे से सात आठ जने बस में चढ़े सीट तो थी नहीं सब खड़े हो गए उनमे से कुछ लोग शिप्रा दीदी को देखने लगे लेकिन शिप्रा दीदी खिड़की से बाहर देख रही थी तभी एक 35-40 साल का आदमी शिप्रा दीदी की सीट के पास आके खड़ा हो गया शिप्रा दीदी सीट के कोने पे बैठी थी वो थोड़ी देर तक दूसरी तरफ मुह करके खड़ा रहा फिर उसने शिप्रा दीदी की तरफ मुह घुमाया और उन्हें देखने लगा शिप्रा का ध्यान उस पर नहीं था वो तो बाहर देख रही थी वो आदमी लगातार नीचे देख रहा था शिप्रा दीदी की तरफ मैंने सोचा की ये ऐसा क्या देख रहा है फिर मैंने नोटिस किया की वो शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर झाँकने की कोशिश कर रहा था मैंने सोचा क्या दिखेगा तुझे बस में तो अँधेरा है फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी की सीट के कोने पे रखा और ऐसे ही खड़ा रहा
फिर उसने अपने हाथ से शिप्रा दीदी के हाथ को टच किया ऐसा उसने दो तीन बार किया फिर उसने अपने हाथ से हलके से शिप्रा दीदी के कंधे को टच किया शिप्रा दीदी की तरफ से कुछ रिएक्शन नहीं आ रहा था फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कंधे पर रख दिया और धीरे धीरे उनका कंधा सहलाने लगा मुझे उसकी हिम्मत देख के बहुत अजीब लग रहा था और ये भी अजीब लग रहा था की शिप्रा दीदी ने उसे एक बार भी टोका क्यों नहीं वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का कंधा सहलाता रहा फिर उसने वो किया जो मैंने कभी नहीं सोचा था उसने शिप्रा दीदी के कंधे पे से उनका कुर्ता थोडा सा नीचे कर दिया जिस से शिप्रा दीदी की ब्लैक ब्रा की स्ट्रेप बाहर आ गयी अब वो शिप्रा दीदी की ब्रा की स्ट्रेप के ऊपर से उनके कंधे को सहलाने लगा मुझे ये सब देख के बहुत ही अजीब फील हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था तभी शिप्रा दीदी के पास वाली बूढी औरत खड़ी हुई शायद उनका स्टॉप आ गया था शिप्रा दीदी अब अंदर खिड़की के पास खिसक गयी और वो आदमी शिप्रा दीदी के पास बैठ गया
अब मुझे सब कुछ देखना था की वो आदमी क्या कर रहा है लेकिन मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तभी उस ही स्टॉप से एक बूढा आदमी भी बस में चढ़ा मेरे दिमाग में एक आईडिया आया मैंने अपनी सीट उस बूढ़े आदमी को दे दी और खुद जाके शिप्रा दीदी की सीट के पास खड़ा हो गया बस में मेरे आलावा कोई भी खड़ा हुआ नहीं था शिप्रा दीदी की सीट के साथ वाली सीट वालों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था क्योंकी बीच में मैं खड़ा था मुझे पास में खड़ा देख के वो आदमी मुझे देखने लगा लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया मैंने ऐसा जताया की मेरा ध्यान मोबाइल में गाने सुनने में है और मैं दूसरी तरफ देखने लगा शिप्रा दीदी को भी नहीं पता था की उनकी सीट के पास मैं खड़ा हुआ हूँ क्योंकि वो तो लगातार बाहर देख रही थी वो आदमी थोड़ी देर तक ऐसे ही बैठा रहा फिर धीरे धीरे वो बस के हिलने का बहाना लेके अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ अपने घुटने पे रखा और बार बार अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनके घुटने पे रख दिया और शिप्रा दीदी का घुटना सहलाने लगा वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का घुटना सहलाता रहा फिर उसने अपना हाथ उनके घुटने के ऊपर किया और उनकी झांग को सहलाने लगा वो शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनकी झांग को सहला रहा था
थोड़ी देर तक उसने शिप्रा दीदी की दोनों झांगों को सहलाया फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों घुटनों के बीच किया और शिप्रा दीदी की टांगों को थोडा सा चौड़ा किया अपने हाथ से फिर वो अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों टांगों क बीच उनके घुटने से ऊपर लेके जाने लगा शिप्रा दीदी की सांसें तेज चल रही थी और वो बस बाहर देखे जा रही थी अब उस आदमी का हाथ शिप्रा दीदी की अंदरूनी झांग पे था वो उनकी दोनों झांगों को अंदर से अपने हाथ से सहला रहा वो अपनी उँगलियों से शिप्रा दीदी की झांगों को सहला रहा था मुझे ये सब देख के बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था फिर वो आदमी अपना हाथ और ऊपर लेके गया और अब उसका हाथ शिप्रा दीदी की दोनों झांगों के बीच उनकी चूत पे था जैसे ही उसका हाथ शिप्रा दीदी की चूत पे टच हुआ शिप्रा दीदी सिहर उठी अब वो आदमी शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे उनकी चूत को सहलाने लगा शिप्रा दीदी की साँसें बहुत तेज चल रही थी उनके बोबे उनके कुर्ते पे से ऊपर नीचे हो रहे थे वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और शिप्रा दीदी को कितना मजा आ रहा था ये उनकी तेज साँसों को देख के पता चल रहा था वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और उसे भी पता चल चुका था की शिप्रा दीदी को मजा आने लग गया है
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