Hindi Porn Story चीखती रूहें
03-19-2020, 11:47 AM,
#9
RE: Hindi Porn Story चीखती रूहें
"मैं तो कदापि नहीं उठुन्गा...." अजनबी ने किसी हिंसक पशु की तरह दाँत निकाले.....और इमरान बेबसी से औरत की तरफ देखने लगा.

"उठ जाओ मिकेल मैं कहती हूँ."

"नहीं उठुन्गा."

"आप मुझे अपना नाम बताइए मेडम.....फिर मैं कोशिश करूँगा." इमरान ने कहा.

"नाम से क्या होगा?" औरत ने हैरत से पुछा.

आप के सितारे बहुत अच्छे हैं. ये आप के चमकती पेशानी पर लिखा है. आप का नाम मेरी जीत का कारण बनेगा."

"अजीब बात है."

"आप तजुर्बा कर लें......"

"इस के सितारे खूनी हैं."

"मेरा नाम अगता है." शायद उस ने मिकेल की बात पर जल कर अपना नाम बता दिया था.

इमरान ने "अगता" का नारा लगाया और झुक कर मिकेल को उठा कर इस तरह कमर पर लाद लिया जैसे वो कोई अनाज की बोरी हो. औरत की आँखें हैरत से फैल गयीं.

"चलिए...." इमरान ने बड़े आराम से कहा. मिकेल उसकी पकड़ से छूट जाने के लिए हाथ पैर मार रहा था लेकिन इमरान के चेहरे से ना तो थकान ही प्रकट हो रही थी और ना ही ये लग रहा था की वो उसे कुच्छ देर तक उठाए ना रह सकेगा.

औरत उसे अपने पिछे आने का इशारा करती हुई मुख्य दरवाज़े से गुज़र गयी.

कुच्छ देर बाद मिकेल एक कमरे मे बंद कर दिया गया था......और वो दोनों दरवाज़े के पास खड़े उस की गालियाँ सुन रहे थे.

"मिकेल....प्लीज़ आदमी बनो..." अगता ने कहा.

"जाओ यहाँ दफ़ा हो जाओ. मेरी हड्डियाँ बदला लेने के लिए सुलग रही हैं."

"अगर आप चाहें तो चाई की केटली उस की हड्डियों पर रख सकती हैं." इमरान ने मुस्कुरा कर कहा.

वो भी मुस्कुराइ और वहाँ से हट आने का इशारा किया.

"आप ने मेरे सितारों के बारे मे कुच्छ कहा था मोस्सीओ...." वो एक जगह रुकती हुई बोली.

"जी हाँ आप के सितारे आप की पेशानी पर चमक रहे हैं. मेरी निगाहों से नहीं छुप सकते.......मैं....जो आत्माओं का शिकारी हूँ."

"आत्माओं का शिकारी.....!!!"

"हां.....आत्माओं(रूहों) का शिकारी. सारी दुनिया मेरी मुट्ठी मे है.....इसके बाद भी मुझे धक्के खाने मे खुशी महसूस होती है. मुझ पर 'शनि' सवार है......और मैं हमेशा हाफ डे के सपने देखता रहता हूँ. दुनिया का आधा दिन जो छे रातों से भी बड़ा होगा. वैसे तो जूपिटर और मर्क्युरी भी सितारे ही हैं.....लेकिन तुम्हारे सितारे......वंडरफुल....थोड़ी चाइ होगी मेडम?"

"आप की बातें मैं नहीं समझ सकती." अगता ने पलकें झपकाइं "हन मैं आप को छाई ज़रूर पिलावँगी. आप ने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है. अगर आप मदद ना करते तो आज मिककेल निकल ही गया होता......आइए."

इमरान उस के साथ चलता रहा. वो उसे किचन मे ले आई. यहाँ एक भद्दी सी मेज़ पड़ी हुई थी.....जिस के पास चार कुर्सियाँ थीं.

"बैठिए...." अगता ने कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए कहा.

इमरान बैठता हुआ बोला...."मैं ने मोस्सीओ मिकेल के आस पास बहुत सी रूहों का नाच देखा है."

"क्या.....?" औरत का स्वर डरा हुआ सा था.

"हां मेडम....ना वो किसी पागलपन मे घिरा है और ना ही पागल हैं. बस काली रूहे. आप उन्हें उस रूहों के बसेरा वाले जंगल मे क्यों जाने देती हैं?"

"ओह्ह.....मगर आप वहाँ क्या कर रहे थे?"

"बताया ना कि हम रूहों का शिकारी हैं. हज़ारों किलोमेटेर का सफ़र कर के यहाँ आए हैं ताकि उन रूहों का शिकार कर सकें......जो
जंगल मे साँपों की तरह फुफ्कार्ति हैं. मगर अफ़सोस......" इमरान ठंडी साँस ले कर चुप हो गया. उस के चेहरे पर गहरा दुख प्रकट हो रहा था.

"क्यों.....क्या बात है?" अगता ने चूल्‍हे पर चाइ की केटली रखते हुए पुछा. फिर उस की तरफ देख कर बोली "आप इतने दुखी क्यों दिखाई देने लगे?"

"कुच्छ नहीं.....मेरे एक साथी की गफलत के कारण पूरी पार्टी लूट गयी. हम पिच्छली रात भी भूके सोए थे. इस समय जंगली फलों पर गुज़ारा करने का इरादा था."

"क्यों....? क्या हुआ था?"

"उस ने सारी पूंजी गँवा दी. बंदरगाह पर उतरते ही किसी ने संदूक गायब कर दिया......जिसमे हमारे रुपये पैसे थे."

"ये तो बहुत बुरा हुआ."

"बुरे से भी कुच्छ अधिक. विश्वास कीजिए. हम इस आइलॅंड को उन बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाने आए थे जिन की चीखें और फुफ्कारें सुन कर लोगों के आधे प्राण निकल जाते हैं."

"ओो....क्या आप सच कह रहे हैं?"

"हां मेडम.....क्या आप को हमारी रहस्यमयी शक्तियों पर शंका है?"

"नहीं....बिल्कुल नहीं. आप ने मिककेल जैसे ग्रांदील आदमी को इस तरह उठा लिया था."

"अर्रे....नहीं.....वो तो आप के नाम की शक्ति थी."

"आप मज़ाक कर रहे हैं." अगता खिसिया कर हँसी.

"ये कह कर आप मुझे दुख पहुँचा रही हैं मेडम." इमरान का स्वर गमगीन था.

"भला मेरे नाम की शक्ति क्यों?"

"आप के नाम के सितारे इन दिनों ऐसे ही हैं. आप देखेंगे कि आप कितने विचित्र चीज़ों से दो-चार हैं. लेकिन डरो नहीं. सब कुच्छ आप ही के लाभ के लिए होगा. आप को कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा. आप की उमर क्या है?"

"पचीस साल...."

"नहीं....." इमरान हैरत प्रकट करते हुए कहा.

"जी हां.....मगर आप को हैरत क्यों हुआ?" औरत ने खुद भी हैरत से पुछा.


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