RE: Hindi Porn Story चीखती रूहें
मिकेल का सूट गनीमत साबित हुआ. जब वो मेक-अप कर चुका तो अगता ने हैरत से आँखें फाड़ कर कहा....."तुम ज़रूर भूत हो. ऐसा आदमी आज तक मैं ने नहीं देखा. क्या मुझे साथ नहीं ले चलोगे?"
"तुम कहाँ जाओगी......खेल बिगड़ जाएगा."
"बातें ना बनाओ. मेरी आँखों के कारण तुम्हें शर्म आएगी." वो रुँधे हुए स्वर मे बोली.
"आँखें.....! अर्रे वाहह.....तुम्हारी आँखें तो बड़ी क्लॅसिकल हैं. मैं ने कहीं पढ़ा है क्लियपॉट्रा भी एक साथ ईस्ट और वेस्ट देख सकती थी."
"मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो...."
"अर्रे.....तुम आँखों की परवाह क्यों करती हो? तुम जैसी चाहती हो वैसी ही हो जाएँगी. इस काम से निपटने के बाद मैं तुम्हें स्पेन ले चलूँगा. अल-हमर-पॅलेस का नाम सुना है तुम ने?"
"सुना है....मगर उस से क्या?"
"ओह्ह.....वहाँ बहुत कुच्छ है. प्रिन्स अबू बुलबुल ने वहाँ काले गुलाब का एक पौधा लगाया था.....जो आज भी है.....और हर तरह की आँखों के लिए फ़ायदेमंद है."
"पता नहीं क्या बक रहे हो."
"हां...........सब ठीक हो जाएगा." उस ने उसका दाहिना गाल थपथपा कर कहा "ज़रा इस काले की औलाद का ख़याल रखना......
और हां......तुम ने अभी तक मुझे यहाँ की करेन्सी नहीं दी....."
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वो सब से पहले उस होटल मे आया जहाँ रॉबेरटु गिरफ्तार हुआ था. घटना अभी ताज़ा ही थी इस लिए उस के बारे मे जानकारी लेने मे कठिनाई नहीं हुई. रॉबेरटु जैल मे ही था. उसके बताने पर ही वो तिजोरी बरामद कर ली गयी थी जिस मे इमरान ने जाली करेन्सी के भंडार देखे थे. लेकिन रॉबेरटु की असलियत को पोलीस नहीं जान पाई थी. होती भी कैसे. रॉबेरटु भला कैसे बता देता कि वो कॉन है. उस पर चालीस आदमियों की हत्या का आरोप था. फ्रॅन्स की सरकार उसे इटली भिजवा देती......और फिर वहाँ उस के लिए फाँसी के फंदे के सिवा और क्या होता.
बाली और उस के साथी कहीं भी दिखाई नहीं दिए. लेकिन इतना तो उस ने पता कर ही लिया था कि बाली यहाँ के प्रतिष्ठित लोगों मे से है और एक बहुत शानदार बिल्डिंग मे रहता है. फिर उसे जंगल की उन रहस्यमयी आवाज़ों का ख़याल आया जो पिच्छली दो रातों से नहीं
सुनी गयी थीं......और आइलॅंड के लोगों पर इस का अच्छा प्रभाव पड़ा था. इमरान ने जगह जगह इसकी चर्चा सुनी. लेकिन साथ ही ये
पता चला की पोलीस ने इसकी छान बीन के लिए अपनी गतिविधि तेज़ कर दी है.
एक जगह उस ने एक टूरिस्ट को इसके बारे मे बात करने के लिए तैयार कर ही लिया. ये कोई अँग्रेज़ ही था. उस ने बताया कि पिच्छले एक माह से आइलॅंड मे रह रहा है.
"ये आवाज़ें मैं ने बहुत सुनी हैं." उस ने कहा "लेकिन यहाँ के लोग उसके बारे मे मूर्खता की हद तक सीरीयस दिखाई देते हैं. क्या आप यहाँ आज ही आए हैं?"
"नहीं कल." इमरान ने कहा "मैं साइप्रस से आया हूँ."
"पिच्छली दो रातों से वो आवाज़ें नहीं सुनाई दी." टूरिस्ट बोला. "शूकर है की पोलीस भी आम लोगों की तरह मूर्ख नहीं है."
"मैं समझा नहीं...."
"पोलीस का विचार है कि जंगल को किसी गैर क़ानूनी गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इस लिए अब जब भी वो आवाज़ें सुनाई देती हैं.....आम आदमी तो घरों मे दुबक जाते हैं लेकिन पोलीस हरकत मे आ जाती है. वैसे अभी तक तो उन आवाज़ों का रहस्य नहीं हल हो सका. आज कल तो दिन मे भी पोलीस वहाँ गश्त करती रहती है."
"मैं ने किसी को कहते सुना है कि किसी पादरी....."
"ओह्ह हां.....स्मिथ का नाम सुनने मे आता है." टूरिस्ट ने कहा. "लेकिन वो है कहाँ. कुच्छ दिन पहले तक वो जंगल के निकट एक कोठी मे रहता था. बहुत दिनों से किसी ने उसे नहीं देखा. लेकिन परसों उस बिल्डिंग से करोड़ों के जाली करेन्सी नोट बरामद हुई है........और जिसे उस करेन्सी चलाते हुए पकड़ा गया था उसका बयान अजीब है. वो कहता है कि अपनी वाइफ के साथ किसी शिप मे सफ़र कर रहा था. उसे ज़बरदस्ती इस आइलॅंड मे उतार दिया गया. कुच्छ लोग उसे उस इमारत मे ले गये.......और वहाँ छोड़ दिया. दूसरी खबर ये है कि वो किसी जहाज़ मे सोए थे. आँख खुली तो उस इमारत मे पाया. मगर ये सब अफवाहें(गॉसिप) लगती हैं. अफीशियली उसके बयान को अप्रूव नहीं किया गया. लेकिन ये तो क्लियर है की स्मिथ कोई क़ानून से खेलने वाला अपराधी ही है."
उस टूरिस्ट से हुई बात चीत ने इमरान को नयी उलझन मे डाल दिया. अगर स्मिथ पर गैर क़ानूनी हरकत करने का संदेह किया जा रहा
था तो जाली नोट का किस्सा निकाल कर संदेह को बल क्यों दिया गया?
वो सोचता हुआ बाली की कोठी की तरफ चल पड़ा. चूँकि वो फेमस आदमी था इस लिए वहाँ तक पहुँचने मे कोई परेशानी नहीं हुई.
मेन बिल्डिंग के चारो तरफ काफ़ी एरिया मे 4-5 फीट उँची बाउंड्री थी. कॉंपाउंड मे प्रवेश के लिए 3 गेट थे. बाली की आर्थिक स्थिति सुतरां से कहीं अधिक अच्छी लग रही थी.
अचानक सामने वाले गेट से एक औरत निकलती हुई दिखाई दी जिस ने बड़े बेढंगे-पन से मेक-अप कर रखा था.......और उमर भी 40 से कम नहीं लग रही थी.
लेकिन उसके नैन-नक्श बुरे नहीं थे. उभरे हुए होंठ लिपस्टिक अधिक लगा लेने से ताज़ा गोश्त का लॉथरा जैसे लग रहे थे. फाटक से निकल कर वो कुच्छ ही दूर गयी होगी कि इमरान तेज़ी से उसकी तरफ लपका और इस तरह उस के सामने आ गया जैसे उस का रास्ता रोकना चाहता हो. औरत ठिठक गयी और हैरत से उसे देखने लगी.
"अर्रे.....तौबा.....होंठ ही हैं....!!" इमरान मूर्खता-पूर्ण ढंग से बर्बदाया.....और उसके चेहरे पर शर्मिंदगी ही शर्मिंदगी थी.
"क्या बकवास है.....?" औरत ने उसे उपर से नीचे तक घूरते हुए कहा.
"ओह्ह....म्म...मेडम...स...सॉरी....." इमरान हकलाया "मुझे दूर से ऐसा लगा जैसे आप दाँतों मे सुर्ख गुलाब दबाए हुए हों. ओह्ह.....मैं
कितना गधा हूँ."
"ह्म..." औरत होंठ भींच कर मुस्कुराइ. उसकी आँखों मे शरारत की झलकियाँ थीं. "सचमुच गधे ही लगते हो...."
"हूँ ना...?" इमरान ने ठंडी साँस ली. "थॅंक्स गॉड कि आप ने स्वीकार कर लिया........वरना कोई भी इस भरी पूरी दुनिया मे मेरे गधेपन पर विश्वास करने को तैयार नहीं."
"कहाँ से आए हो?"
(जारी)
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