Hindi Porn Story चीखती रूहें
03-19-2020, 11:50 AM,
#23
RE: Hindi Porn Story चीखती रूहें
"इस लिए कि ये पोलीस की निगाहों मे आ गया है. और तुम हमारे बिज़्नेस के बारे मे जानती ही हो. चूँकि हमें इसके लिए जंगल को इस्तेमाल करना पड़ता है......इस लिए हम ने जंगल को बुरी रूहों से भर दिया. धीरे धीरे आइलॅंड की पोलीस होशियार होती गयी. इस गधे स्मिथ से कयि ऐसी मुर्खताये हुईं जिन के कारण पोलीस पूरी तरह हमारी रूहों मे इंटेरेस्ट लेने लगी. अब अगर हम इसे क़ानून के हवाले कर दें तो पोलीस पूरी तरह संतुष्ट हो जाएगी......चैन से एक साइड बैठ जाएगी. और हम अपना काम जारी रख सकेंगे. प्रेज़ेंट सिचुयेशन मे हमारा
काम करना असंभव सा हो गया है.....और हम जंगल का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते. क्योंकि रात को पोलीस यहाँ गश्त करती रहती है
. अभी कुच्छ देर पहले जब तुम यहाँ लाई जा रही थीं......तो तुम ने पोलीस की सीटी ज़रूर सुनी होगी. मेरे आदमियों को भागना पड़ा था
और तुम बेहोश हो गयी थीं. और ये बहुत अच्छा हुआ कि पोलीस तुम्हारी तरफ नहीं आई......वरना तुम बहुत परेशानी मे पड़ जाती."

बाली तेज़ी से दरवाज़े की तरफ मुड़ा क्यों की अभी अभी एक आदमी कमरे मे घुसा था जिस के चेहरे पर नक़ाब नहीं थी.

"क्या खबर है?" बाली ने तेज़ नज़रों से उसे देखते हुए पुछा.

"काले आदमी को पकड़ लिया गया है लेकिन वो नहीं मिला. उस ने मिकेल से ठिकाने का पता पुछा था."

"ठिकाने का पता....?" बाली हंस पड़ा. "ओह्ह....तो वो इस ठिकाने का पता पुछ रहा था. डीटेल से बताओ."

आने वाला बताने लगा.

बाली ने पूरी रिपोर्ट सुन कर कहा "वो चालाक है....कोकीन के बारे मे उस ने केवल अनुमान से कहा होगा.....लेकिन उस का अनुमान
ग़लत नहीं है. तो फिर मिकेल ने तो उस को उसी गुफा का पता बताया होगा जहाँ से उन लोगों को कोकीन मिलती है. ओके...."

अचानक मेज़ पर पड़े आदमियों मे से एक ने करवट ली और एक नक़ाब पॉश उसे संभालने के लिए झपटा. इस के बाद एक और नक़ाब पॉश भी आगे बढ़ा और दोनों ने बेहोश आदमी को संभाल कर फिर ऐसी पोज़िशन मे लिटा दिया कि वो नीचे ना गिरे.

बाली उन की तरफ ध्यान दिए बिना कह रहा था "जाओ....उन गुफ़ाओं के आस पास ही उसे तलाश करो. उस का पकड़ा जाना बहुत ज़रूरी है. तुम दोनों यहीं ठहरो...."

उन दोनों नक़ाब पोशो के अलावा और सब चले गये जो बेहोश आदमी को संभालने के लिए मेज़ तक आए थे. बाली फिर जूलीया की तरफ मुड़ा. कुच्छ पल घूरता रहा फिर बोला...."तो तुम मेरी उस प्रस्ताव को रद्द करती हो.....क्यों?"

"मैं उसे ठुकराती हूँ." जूलीया ने नफ़रत से होंठ सिकोड कर कहा.

"अच्छी बात है......तो अब देखो.......मैं तुम्हें....." उस ने निचला होंठ दाँतों मे दबा लिया और फिर दोनों नक़ाब पोशो की तरफ मूड कर बोला...."दूसरे कमरे मे जाओ."

दोनों दरवाज़े की तरफ बढ़े......और जूलीया ने मुत्ठियाँ भींच लीं. एकदम ऐसा ही लग रहा था जैसे कोई बिल्ली किसी तंदुरुस्त कुत्ते से भीड़ जाने का इरादा कर बैठी हो.

लेकिन उस ने देखा कि एक नक़ाब पोश जैसे ही दरवाज़े से पार हुआ दूसरे ने दीवार से लगे हुए एक बटन को दबा दिया. हल्की सी खरख़्राहट के साथ दरवाज़ा बंद हो गया.

आवाज़ पर बाली उसकी तरफ मुड़ा.

"क्यों.....ये क्या हरकत है?" वो गुर्राया..."मैं ने तुम से जाने को कहा था."

"ऐसी सुंदर लड़की के रहते हुए मैं बाहर जा कर मक्खियाँ मारूँगा." नक़ाब पॉश ने उत्तर दिया.

"ओह्ह.....तेरी ये हिम्मत....!! तू होश मे है या नहीं? किस से बातें कर रहा है?"

"एक ऐसे गधे से जो सुंदर लड़कियों को अपनी जागीर समझता है."

"क्या बकता है...." बाली कंठ फाड़ कर दहाड़ा साथ ही उस ने रिवॉल्वार भी निकाल लिया......और उसको हिलाता हुआ बोला...."नक़ाब हटाओ."

"नक़ाब पॉश ने तुरंत पालन किया. बाली ने पलकें झपकाई. उस के माथे पर बाल पड़ गये थे.

"तुम कॉन हो?" उस ने भर्रायि हुई आवाज़ मे पुछा.

"पोलीस............तुम्हारा खेल ख़तम हो गया बाली. क़ानून के नाम पर रिवॉल्वार नीचे गिरा दो. मैं ऑर्डर देता हूँ."

"ऑर्डर.....हहा...." बाली ने रिवॉल्वार को देखते हुए ठहाका लगाया. फिर दहाड़ा...."अपने हाथ उपर उठाओ."

"इंपॉसिबल.....मेरे हाथ केवल अपराधियों पर उठते हैं."

"तो फिर मैं तुम्हें मार ही डालूँगा......लेकिन तुम आइलॅंड के पोलीस से तो नहीं हो सकते....."

"गुसतपो......पॅरिस....." अजनबी ने उत्तर दिया.

"हहा...." बाली ने ठहाका लगाया और साथ ही फिरे भी झोंक मारा. लेकिन वो आदमी तो कमरे के दूसरे भाग मे खड़ा हंस रहा था.

बाली ने उसे आँखें फाड़ कर देखा......और इस के बाद एक के बाद एक तीन फाइयर किए लेकिन अजनबी ने ऐसी उच्छल कूद मचाई
की बाली की आँखें हैरत से फटी रह गयीं. रिवॉल्वार मे अब दो ही गोलियाँ बचे थे और बाली के माथे पर पसीने की नन्ही नन्हीं बूँदें फूट
आई थीं.
'
दो गोलियों मे से केवल एक ही उस के लिए काम का हो सकता था......वो चाहता तो बिजली के बल्ब पर फाइयर कर के कमरे मे अंधेरा कर सकता था. इस तरह से भाग निकलने का मौका मिल सकता था. लेकिन उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी. उस ने वो दोनों कारतूस भी अजनबी पर बर्बाद कर दिए.

और ठीक उसी समय जब वो खाली रिवॉल्वार अजनबी पर फेंक मारना चाहता था जूलीया ने उस की कमर पर एक ज़ोर की ठोकर मारा और वो मूह के बल फर्श पर गिर पड़ा.

शायद फाइयर की आवाज़ें इसी कमरे तक सीमित रही थीं वरना दूसरा नक़ाब पॉश निश्चित रूप से यहाँ आया होता. अंडर-ग्राउंड वैसे भी साउंड प्रूफ ही होते हैं.

"उठना बेकार है बाली...." अजनबी ने कहा. "अच्छा यही होगा कि ये हसीन लड़की अभी तुम से कुच्छ और मुहब्बत करे."

बाली ने लेटे ही लेटे अजनबी पर छलान्ग लगाई.....लेकिन वो पिछे हट गया. परिणाम-स्वरूप बाली को फिर मूह के बल फर्श पर आना पड़ा. इतने मे दीवार से लगी एक घंटी बजी लेकिन बाली उस से बेपरवाह हो कर ताज़ा हमले की तैयारी मे था. अजनबी इस समय बंद गेट के सामने ही था......और उस की नज़र बाली पर जमी हुई थी.

अचानक गेट सरकने लगा और एक नक़ाब पॉश ने उस पर छलान्ग लगाई. अजनबी को संभलने का मौका नहीं मिल सका. वो दोनों फर्श पर गिरे. दूसरे ही पल बाली भी टूट पड़ा.

जूलीया की समझ मे नहीं आया कि उसे क्या करना चाहिए. दूसरे नक़ाब पॉश के आने का पता उसे भी ना हो सका था.

अब उसे आशा नहीं थी कि अजनबी संभाल सकेगा. क्यों कि बाली भी उस पर टूट पड़ा था. और अजनबी दोनों के नीचे था.

एका-एक उस ने बाली की कराह सुनी और दूसरे ही पल वो अजनबी के नीचे दिखाई दिया. वो उस के सीने पर सवार था और दूसरे नक़ाब पॉश को हाथों पर उठाने की कोशिश कर रहा था. ये सब कुच्छ इतनी जल्दी हुआ था कि जूलीया को इसका अनुमान भी नही हो सका कि ये सब हुआ कैसे.

देखते ही देखते उस ने दूसरे नक़ाब पॉश को उछाल दिया जो दीवार से टकरा कर किसी चोट खाए हुए भैंसे की तरह डकार रहा था.

पता नहीं अब उस मे दुबारा उठने की शक्ति नहीं रह गयी थी या और पिटना नहीं चाह रहा था. हो सकता है कि बेहोश ही हो गया हो....क्योंकि उस का सर बहुत ज़ोर से दीवार से टकराया था.

इस के बाद वो बाली को रगड़ता रहा. बाली उठ जाने के लिए पूरी शक्ति लगा रहा था लेकिन सफल नहीं हो रहा था.

"लड़की क्या तुम इस से मुहब्बत नहीं करोगी?" अजनबी ने जूलीया से कहा "सॅंडल उतारो और स्टार्ट हो जाओ."

जूलीया जो बुरी तरह झल्लाई हुई थी सच मूच बाली पर टूट पड़ी. कुच्छ ही देर मे उस की नाक से खून बह चला.

"अर्रे.....क्या कीमा बना कर रख दोगि?" अजनबी ने धीरे से कहा...."मेरे काम के लायक भी रहने दो."

जूलीया बौखला कर पिछे हटी......और इस तरह आँखें फाड़ फाड़ कर अजनबी को घूर्ने लगी जैसे उस ने उसे थर्ड वर्ल्ड वॉर स्टार्ट हो जाने की खबर सुनाई हो.


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