RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
गाड़ी थोड़ी दूर तक चलकर फिर से रुक गई ,इस बार निशा और चंदू के साथ ड्राइवर भी हंसा था ,मैं समझ गया की ये मेरे साथ क्या कर रहे है ..
मैं फिर के गाड़ी के पास पहुचा और फिर के उन्होंने दरवाजा खोलते ही गाड़ी चला दी ,मैं और टॉमी दोनों ही नही बैठ पाए ..
“अरे आओ आओ दोनों कुत्तों को गाड़ी में बैठने से पपरेशानी हो रही है क्या ..”
निशा ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा ,मैं खुद को सम्हालते हुए फिर से गाड़ी के पास पहुचा और फिर से भर्रर्रर गाली आगे चल दी ,रात हो चुकी थी दूर दूर तक कोई भी नही था बस हमारी ही गाड़ी की लाइट दिख रही थी ,हम घने जंगल के बीच में थे,जंगल और पहाड़ और रात का अंधियारा सब मिलाकर बेहद ही डरावने लग रहे थे,मैं फिर से गाड़ी की ओर बढ़ता की जोरदार बिजली चमकी और बदल गरजे,बहुत ही तेज बारिश शुरू हो गई थी ,मैंने टॉमी को उठा लिया तेजी से कर की तरफ बढ़ा,हम दोनों ही भीगने लगे थे कार का दरवाजा फिर से बंद कर दिया गया था,मैने तुरंत ही दरवाजा खोला और जैसे ही टॉमी को सीट में रखने की कोशिस की फिर से भरररर…
मैं बुरी तरह से झल्ला गया था,वो लोग जोरो से हँस रहे थे और कांच से बाहर झांक कर कमेंट दे रहे थे,कार फिर से थोड़ी दूर जाकर खड़ी हो गई थी ,फिर से तेज गर्जना हुई लेकिन इस बार ना जाने टॉमी को क्या हुआ ,वो मेरे गोद से उतर कर सड़क से बाहर की ओर दौड़ाने लगा उस ओर जंहा जंगल था,मैं उसे पकड़ने के लिए दौड़ पड़ा लेकिन वो तेज था,हम सड़क से उतर कर झाड़ियों में जा चुके थे,और जंगल के अंदर की ओर जा रहे थे..
“टॉमी बेटा रुक जा “मैं चिल्ला रहा था,बारिश बहुत ही तेज हो चली थी थोड़ी ही देर में जैसे कोई तूफान सा आ गया हो,मैं इन पहाड़ो की बारिश के बारे में सुन रखा था लेकिन टॉमी को मैं अकेले नही छोड़ सकता था,लेकिन टॉमी अंधेरे में कही खो गया था,इधर बारिश इतनी तेज थी की उसकी आवाज सभी आवाजों पर छा गई थी,मुझे हॉर्न बजने की आवाज सुनाई दी जो की बेहद ही जोरो से बजाई जा रही थी ,मैं उस ओर मुड़ा ..
“ओ लूजर जल्दी से यंहा आ जा वरना सोच ले तेरा क्या होगा “
ये आवाज चंदू की थी,मैं घबराकर उस ओर मुड़ा ही था की मुझे झड़ियो में एक हलचल सी महसूस हुई ,मैंने देखा की टॉमी झड़ियो से निकल कर आगे की ओर भाग रहा है ..
“टॉमी रुक जा यार तू मरवाएगा मुझे “मैं फिर से उसके पीछे भागा..थोड़ी ही देर हुए थे की मुझे लगा की मैं बहुत आगे आ गया हु ,अब पीछे से कोई आवाज नही आ रही थी,ऐसा जरूर लग रहा था जैसे दूर से कोई चिल्ला रहा हो ,शायद चंदू या वो ड्राइवर..
इधर टॉमी रुकने का नाम ही नही ले रहा था ना ही वो पकड़ में आ रहा था ,मैं बारिश में बुरी तरह से भीग चुका था ,ठंड से कांपने भी लगा था ..
मेरा दिमाग अब टॉमी के लिए खराब हो चुका था मैं पूरी ताकत लगा के उसके पीछे भागा,वो एक झड़ियो के झुंड में जा कूदा और मैं भी उसे पकड़ने के लिए छलांग लगा दी लेकिन …..
लेकिन ये क्या झड़ियो के पास चिकना पत्थर था जिसमे मैं और टॉमी दोनों फिसल गए थे,पास ही बहते झरने की आवाज से स्पष्ट था की हम उस झरने की ओर फिसल रहे है,पल भर के लिए ही मानो मेरे दिल की धड़कन ही रुक सी गई,सामने मौत साक्षात तांडव कर रहा था..
टॉमी फिसलता हुआ झरने में गिर गया..
“नही …”
मैं जोरो से चीखा लेकिन सब बेकार था मैंने हाथ पैर मारे लेकिन गीली काई की वजह से मैं रुक ही नही पाया और ..
“नही ….”झरने के गर्त में गिरता चला गया,डर के मारे ना जाने कब मैंने अपने होश खो दिए थे …………..
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