Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
03-19-2020, 11:56 AM,
#12
RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
अध्याय 5

स्कूल के बाद रश्मि ने मुझे लिफ्ट आफर की ..

असल मेरा घर स्कूल से कुछ 2 किलो मीटर की दूरी पर ही था,निशा कार से स्कूल आया करती थी जबकि चंदू अपनी बाइक से ,वही मैं पैदल …

अब ऐसा क्यो था ये बताने की जरूरत नही ,ये मेरे बापू जी के वजह से था,उन्होंने मुझे कोई गाड़ी खरीदकर नही दी थी जबकि मेरे सभी बहनो के पास उनका खुद का कार था..

तो कभी कभी चंदू लिफ्ट दे देता था तो कभी रश्मि मुझे छोड़ दिया करती थी ,तो कभी हम पैदल ही निकल पड़ते थे…

लेकिन आज रश्मि का अपनी स्कूटी में मुझे लिफ्ट देने का एक खास रीजन था जो मुझे बाद में पता चला था..

पहले तो मैंने उसे इनकार कर दिया ..

“मैं बोल रही हु ना चलो ..”

उसने जोर दिया तो मैं मना नही कर पाया ..

मेरे घर और स्कूल के बीच एक सुनसान सी जगह पड़ती थी ,खाली पड़े सरकारी जमीन पर पेड़ पौधे उगाये गए थे जिससे एक छोटा जंगल जैसे बन गया था ,जब हम वंहा से गुजरे तो मैंने देखा सामने लकड़ो का झुंड था ,मुझे समझ आ गया था की रश्मि ने मुझे अपने साथ क्यो लाया है ,क्योकि झुंड में वही मोटा था जिसे मैंने स्कूल में पीटा था,वो अपने गैंग के साथ मेरे आने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब उसकी नजर रश्मि पर पड़ी वो बस वही खड़ा रह गया,रश्मि ये बात जानती थी की मोटा उस पसंद करता है और उसके सामने वो कुछ ऐसी वैसी हरकत नही करेगा इसलिए मुझे बचाने के लिए वो मेरे साथ ही आ गई ..उसकी इन्ही बातो पर तो मुझे बेहद प्यार आता था ..

मेरी नजर मोटे पर पड़ी वो खिसियाई निगाहों से मुझे देख रहा था,मैंने उसे दिखाते हुए अपना हाथ रश्मि के कमर पर जकड़ दिया ,मोटे का चहरा और भी गुस्से से भर गया जब उसने मेरे होठो की वो मुस्कान देखी जो मैंने उसे जलाने के लिए अपने चहरे में लाई थी ,वही मेरी इस हरकत से रश्मि जैसे जड़वत हो गई थी ..

जब हम वंहा से निकले तो उसने थोड़ी राहत की सांस ली ..

“मैं जानती थी की ये लोग यंहा तुम्हारा इंतजार कर रहे होंगे”

“तुम पागल हो मुझे बचाने के लिए ये सब किया ,ऐसे बचने की जरूरत तो उन्हें थी ..”

वो मेरी बात सुनकर हंसी

“तुम ना ज्यादा हीरो गिरी मत दिखाओ अब,और ये मेरी कमर को ऐसे क्यो पकड़ कर रखे हो,उसे चिढाना था वो चिढा दिया अब तो छोड़ दो ..”

मैं उसकी कमर छोड़ने की बजाय उसे और जकड़ लिया और खुद को भी उससे चिपका लिया

“ये क्या कर रहे हो “

इस बार उसकी आवाज धीमी थी ..

“तुम जब मुझे ऐसे लोगो से बचाती हो ,मेरे लिए लड़ती ह तो तुमपर बहुत प्यार आता है ,कभी कहने की हिम्मत नही हुई लेकिन आज कह रहा हु “

गाड़ी चलते हुए भी रश्मि का शरीर थोड़ा झुक गया था ..

“सब आज ही कह डालोगे क्या “

रश्मि ने इतना ही कहा था की घर आ गया ..

मैंने उसकी स्कूटी से उतरते हुए उसे देखा

“चलो एक काफी हो जाए मेरी मम्मी बहुत अच्छी काफी बनाती है..”

उसने पहले मेरे चहरे का मुआइना किया फिर मुस्कुराती हुई स्कूटी से उतर गई …

मेरी माँ रश्मि को देखकर बहुत खुश हुई ..

और खूब खातिरदारी भी की ,वही निशा और चंदू का चहरा उसे देखकर उतर ही गया ..उन्होंने एक शब्द भी बात नही की ..

“बेटा घर आते रहा करो तुम्हारी मम्मी और चाची से तो मुलाकात होते ही रहती है लेकिन तुम हमारे घर पहली बार आ रही हो ..”

मम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा

“आंटी जी आपके बेटे ने पहली बार तो मुझे अंदर बुलाया है वरना इसे छोड़ने तो आते ही रहती हु,तू बाइक क्यो नही ले लेते “

रश्मि की बात सुनकर मम्मी का चहरा थोड़ा उतर गया इसे सम्हालने के लिए मैं बीच में बोला

“यार अगर बाइक ले लिया तो तुम मुझे छोड़ने कैसे आ पाओगी ,और तुम्हारे पीछे बैठने का जो मजा है वो बाइक का कहा ..”

मैंने रश्मि को आंख भी मार दी जिससे वो थोड़ा झेंपी और आंखों से झूठा गुस्सा दिखाया ..

“बेटा अर्चना(रश्मि की माँ) और सुमन (उसकी चाची ) को कहना की मैं उन्हें याद कर रही थी ..”

माँ ने आखिरी में रश्मि से कहा ……..


रश्मि के जाते ही माँ मेरी तरफ देखते हुए बोली

“क्या इशारे कर रहा था उसे “

मैं हंस पड़ा

“कुछ नही माँ आप भी “

“ऐसे लड़की बहुत अच्छी है “माँ ने फिर से कहा

“आप से सुंदर थोड़ी ना है “

मैंने माँ को जकड़ लिया और उनके गालो में एक जोरदार किस किया

दो तीन किस करने के बाद माँ बोल उठी

“धत पागल कहि के ,छोड़ भी दे अब”

**************

मैं खुश था ,मैं बहुत ही खुश था ,खुशी स्वाभाविक ही आनी चाहिए और स्वाभाविक ही आ रही थी ……

दूसरे दिन मेरी नींद आदत के अनुसार 3 बजे ही खुल गया ,ये वही समय था जब हम जंगल में जाग जाया करते थे,ऐसे वंहा तो घड़ी नही थी लेकिन जब हम जागते थे तो अंधेरा घना रहता था और हमारे नदी में जाकर,एक्सरसाइज करके ,योग करके , नहा कर फल तोड़ने ,पानी भरने तक अंधेरा ही रहता था,वापस आते आते सूर्य की किरणे निकलनी शुरू होती थी ,तो शायद यही वो समय रहा होगा जब हम जाग जाते थे ,

लेकिन अब यंहा 3 बजे उठाकर मैं क्या करू मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,मेरे साथ साथ टॉमी भी उठ चुका था,मैं उसे लेकर घर से बाहर निकल गया और पास के ही एक मैदान में चला गया ,वो यूनिवर्सिटी का मैदान था जो बहुत बड़ा था और अधिकतर लोग यंहा ,दौड़ाने आते थे ,साथ ही बहुत से लोग यंहा फुटबॉल या क्रिकेट खेला करते थे..

मैं वंहा जाकर दौड़ाने लगा,टॉमी भी मेरे साथ दौड़ रहा था असल में हम दोनो खेल ही रहे थे वो मुझे पकड़ने की कोशिस कर रहा था और मैं इधर उधर दौड़ रहा था,बहुत देर तक हम ऐसे ही दौड़ाते रहे लेकिन सूर्य अभी भी नही निकला था ,मैंने लगे हाथो योग आसान और एक्सरसाइज भी कर लिए जो बाबा जी ने मुझे सिखाये थे,तब भी सूर्य नही निकला था तो मैं मैदान के किनारे हरे घास पर बैठकर ध्यान करने लगा …….

बाबा ने मुझे रोज 2 घंटे ध्यान करने को कहा था एक घण्टे सुबह और एक घंटे शाम ,इसके बाद जब भी समय मिले…

ना जाने मैं कितने देर तक बैठा रहा ,मेरा ध्यान खुला कुछ लोगो की आवाज से ..

“उठ साले क्या साधु बना बैठा है “

जब मैंने आंखे खोली तो सामने वही लड़का था जिसे मैंने मारा था और उसके साथ उसका पूरा गैंग था ,सभी के हाथो में कुछ ना कुछ तो था,किसी के हाथो में बैट था तो कोई स्टाम्प पकड़े था,तो कोई झड़ी को ही तोड़ कर ले आया था,असल में ये यंहा क्रिकेट खेलने आते है लेकिन गलती से मैं इन्हें यंहा दिख गया ..सूर्य की किरणे अपनी छटा फैला रही थी ,चिड़ियों की आवाज भी आ रही थी ,टॉमी दूर कुछ सुन्ध रहा था,ऐसे वो हमेशा ही कुछ ना कुछ सूंघता ही रहता था ,

और हल्की हल्की ठंडी हवाये चल रही थी ,जिसमे बड़ी ही प्यारी सुगंध थी शायद पास के ही बगीचे से होकर आ रही थी …

इतना मनोहर दृश्य था और ये साला मोटा इसे खराब कर रहा था …

मैंने उसे बड़े ही आराम से देखा ..

“मादरचोद कल तो तू रश्मि के पीछे छिप गया था ,लेकिन आज तू नही बचेगा ..”

वो गुर्राया ,लेकिन इससे अच्छा तो मेरा टॉमी गुर्राता है ..

मैं हंस पड़ा ,और धीरे से हँसते हुए खड़ा हुआ ,बहुत देर तक पद्मासन लगा कर बैठने के कारण मेरा पैर थोड़ा शून्य हो गया था ,मैं आराम से उठा मैं अभी भी हंस रहा था..

“साले अपने को बहुत बड़ा साना समझता है तू ,मारो इसे “

मेरे उठाते ही मोटा चिल्लाया और उसके बाजू में खड़ा दूसरा लड़का अपने हाथो में पकड़े हुए बैट को घुमाया ,मैं अभी अभी ध्यान से उठा था,जो लोग गहरे ध्यान में जाना जानते है वो समझ पाएंगे की 1-2 घण्टे गहरे ध्यान से उठने के बाद क्या स्तिथि होती है,सब कुछ बहुत ही शांत मालूम पड़ता है,जैसे समय रुक सा गया हो,हर चीज स्पष्ट दिखाई और सुनाई देती है,लेकिन दिल में कोई भी भाव नही आता सब कुछ बस शांत ..

मुझे बल्ला अपनी ओर आता दिखा,मैं बैठ गया और बल्ला मेरे सर के ऊपर से थोड़ी ही दूरी से गुजर गया,बैठते ही मेरा हाथ घुमा और सीधे उस लड़के के पेट से ऊपर पसलियों के जा लगा,मेरी मुठ्ठी का एंगल ऐसा था की पसली उंगलियो के जोड़ो से टकराई ,ऐसा लगा जैसे वो थोड़ा अंदर तक भेद गई …

“आह…”एक कर्णभेदी और दर्दनाक चीख निकली ,वो लड़का बौखला गया था,आंखे बाहर को हो गई थी और हाथो से बल्ला छूट गया था,उसकी इस हालत और मेरे इस एक्शन को देखकर सभी कुछ सेकंड के लिए बिल्कुल ही जम से गए ..

“साले ये क्या किया “

मोटे को भी विस्वास नही हो रहा था की मैंने आखिर ये क्या किया लेकिन असल में मैंने कुछ भी नही किया था जो मुझे सही लगा बस वही किया ,वो सभी मख्खिओ जैसे मुझपर टूट पड़े ,अब मेरे लिए मुश्किल होने लगी थी,मैंने अपने घुटने को सीधे मोटे के पेट में दे मारा ,लेकिन उसे कोई खास फर्क नही पड़ा ,मैं तुरन्त ही नीचे बैठा और कोहनी से उसके जांघो के बीच वार कर दिया,इस बार मोटे की फ़टी वो अपनी माँ को याद करता हुआ जमीन में बैठ गया था,

मुझे मजा आ रहा था लेकिन लड़को की संख्या ज्यादा ही थी ,और सभी एक साथ मुझपर टूट गए थे,मैं वंहा से भागा वो लोग मेरे पीछे भागे,

“टॉमी..”मैंने टॉमी को चिल्लाया और वो भी मेरे साथ भागने लगा,थोड़ी थोड़ी देर में मैं रुक जाता और एक दो लोगो को घायल करता और फिर दौड़ जाता,वो लोग थकने लगे थे,घायल थे लेकिन फिर भी जैसे तैसे मेरे पीछे दौड़ रहे थे,तभी मैंने उनके पीछे टॉमी को छोड़ दिया,वो लोग अब डर कर दौड़ रहे थे,इधर उधर भाग रहे थे,जैसे ही वो मुझसे दूर हुए मैंने टॉमी को अपने पास बुला लिया,और खुद थोड़ा आराम कर फिर से दौड़ाने लगा ,वो फिर से मेरे पीछे थे लेकिन मैं जानता था की इतना दौड़ाने के बाद उनकी हालत खराब हो गई होगी ,और उन्हें अब टॉमी से भी डर लग रहा होगा , मैं दौड़ाता हुआ यूनिवर्सिटी के पीछे वाले हिस्से में आया जो सुनसान सा था और वंहा आकर मैं रुक गया …….

मैं पीछे पलटा ,

“अब मैं यंहा तुमलोगो को अच्छे से मरूँगा ,साला वंहा बहुत भीड़ थी,”

मेरी बात सुनकर सबकी जैसे फट ही गई ,ऐसे भी जब वो मुझे मारने आये थे तो कोई 15-20 लोग थे जो की अब 10-15 ही बचे थे,वो भी दौड़ाने के कारण हांफ रहे थे,तो कोई चोट खाया हुआ था ..

‘साले अपने को बहुत बड़ा तीसमारखाँ समझता है “

मोटा ऐसे हाँफ रहा था जैसे अभी गिर कर मर जाएगा ,अपने जीवन में साला कभी इतना नही दौड़ा होगा ,वो इतना बोलकर वही बैठ गया

“क्या हुआ बे मोटे तू तो अभी से मर गया ‘

मैं उसकी हालत देखकर जोरो से हँसने लगा

“भाई ये साला बहुत कमीना है ,दौड़ा दौड़ा कर ही मार देगा,साले ने कुत्ता भी छोड़ दिया हमारे ऊपर ,छोड़ो ना भाई इसे हम चलते है आज तो क्रिकेट भी नही खेल पाएंगे “

उसके ग्रुप में एक लड़का बोल पड़ा ..

मोटे ने उसे अजीब निगाहों से देखा,फिर मुझे देखा

मुझे उसके चहरे को देखकर हंसी आ रही थी ,मोटा काला थुलथुला शरीर पसीने से पूरी तरह से भीगा हुआ था,ऐसे लग रहा था जैसे अभी रो देगा ..

“मैं तुझे देख लूंगा साले”वो हांफते हुए मुझे बोला

“टॉमी अटैक ..”

मैं चिल्लाया ,टॉमी गुर्राया ही था की

“नही नही भाई माफ कर दो अब और नही ..”

मोटा बैठे बैठे हाथ जोड़कर जैसे लेट ही गया था,

“अब और नही दौड़ सकता ,मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा “

उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हंस पड़ा ...और हंसते हंसते पेट को पकडलिया

“मोटे अब मुझसे पंगा नही लेना “

मैं वंहा से जाने लगा था की अचानक ..

“तेरे माँ की ..”धड़ाक

मेरे सर पर कोई चीज जोर से टकराई ,ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे पीछे से मेरे सर पर स्टंप दे मारा हो ,मेरे सर से खून बह रहा था और सर झन्ना गया था,मुझे चक्कर सा आ गया ,और वो लोग जो अभी हार कर बैठे थे मानो नए उत्साह से झूम उठे,सभी ने अपना अपना हथियार सम्हाला और मेरे ऊपर टूट पड़े कोई बल्ले से तो कोई स्टंप से जंहा चाहे वंहा मुझे मार रहा था ,

टॉमी मुझे बचाने को कूदा लेकिन सबने डंडा घुमा दिया था ,टॉमी को भी बुरी तरह से मारने लगे थे,मैं सम्हल ही नही पा रहा था तभी अचानक एक आवाज आयी ..

“छोड़ो उसे ..”

सभी ने आवाज की तरफ देखा लेकिन उसे इग्नोर कर दिया और धड़ाक धड़ाक …

मेरा तो सर घूम रहा था कुछ साफ नही दिख रहा था बस एक कुछ लोग दिखे जो इन लोगो को मार कर वंहा से भगा रहे थे ..

मेरी आंखे बन्द ही होने वाली थी की फिर से आवाज आयी ..

“इसे उठाओ और रूम में ले जाओ ‘

थोड़ी देर बाद मुझे कुछ लोग उठाकर कही ले गए ,रास्ते भर वो चहरा चिंता से भरा हुआ मेरे सामने आ जाता था जिसने उन लोगो से मुझे बचाया था ..

उसका चहरा बहुत ही जाना पहचाना लगा ,हा मैं स्पष्ट नही देख पा रहा था लेकिन फिर भी वो आवाज और वो चहरा कुछ पहचाना सा था ,अचानक मेरे दिमाग में उसका नाम आ गया ,और होठो में मुस्कान

“काजल मेडम …..”


Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी - by sexstories - 03-19-2020, 11:56 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,815 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,871 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,864 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,497 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,860 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,792 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,553 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,949,828 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,990,436 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,036 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)